Lord Ram: 'राम के अस्तित्व का कोई प्रमाण या इतिहास नहीं', अब इस मंत्री ने की विवादास्पद टिप्पणी, BJP ने दिया कड़ा जवाब
No Evidence Of Lord Ram: दरअसल, मौका था चोल सम्राट राजेंद्र चोल की जयंती समारोह का। इसी जंयती समारोह में तमिलनाडु के मंत्री एसएस शिवशंकर ने राम के अस्तित्व पर सवाल उठाए।
No Evidence Of Lord Ram: भगवान श्री राम अयोध्या में नव,भव्य, दिव्य मंदिर में विराजमान हो गए हैं। 22 जनवरी, 2024 को हुई राममंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के बाद प्रति दिन प्रभु राम अपने भक्तों को दर्शन दे रहे हैं, भक्त गण भी देश के दूर दराज इलाकों को अपने आराध्य देव की एक झलक, दर्शन पाने की व्याकुलता लेते हुए अयोध्या पहुंच रहे हैं और प्रति दिन कई हजारों की संख्या में लोग अयोध्या आ रहे हैं। श्रीराम भले ही अपने घर में विराजमान हो गए हों, लेकिन उनके अस्तित्व पर सवाल उठने का दौर अभी भी खत्म नहीं हो रहा है। एक बार फिर तमिलनाडु की डीएमके पार्टी ने प्रभु श्रीराम के अस्तित्व पर सवाल खड़ते हुए विवादास्पद टिप्पणी की है।
DMK ने उठाए प्रभु श्रीराम के अस्तिव पर सवाल
दरअसल, मौका था चोल सम्राट राजेंद्र चोल की जयंती समारोह का। इसी जंयती समारोह में तमिलनाडु के मंत्री एसएस शिवशंकर ने राम के अस्तित्व पर सवाल उठाए। अरियालर मे शुक्रवार को आयोजित कार्यक्रम में मंत्री एसएस शिवशंकर ने तमिल लोगों के कहा कि ऐसा कोई ऐतिहासिक सबूत नहीं है जो भारत और दुनिया भर में अरबों लोगों के पूजनीय हिंदू देवता राम के अस्तित्व को साबित कर सके। तमिलनाडु के लोगों का कर्तव्य है कि वे चोल सम्राट राजेंद्र चोल (राजेंद्र प्रथम) की विरासत का जश्न मनाएं और उनका सम्मान करें या अन्य लोग उन्हें कुछ ऐसा मनाने के लिए मजबूर करेंगे जिससे उनका कोई संबंध नहीं है। राजेंद्र चोल जीवित हैं, उनके द्वारा निर्मित तालाब हैं, उनके द्वारा निर्मित मंदिर हैं, और उनका नाम लिपियों, मूर्तियों और अन्य कलाकृतियों में उल्लेखित है। हमारे पास इसके लिए इतिहास और सबूत हैं, लेकिन भगवान राम के अस्तित्व का कोई सबूत या ऐतिहासिक रिकॉर्ड नहीं है।
दूसरे इतिहास को श्रेष्ठ बताया जा रहा
मंत्री ने कहा कि वे उन्हें (राम) अवतार कहते हैं। कोई अवतार पैदा नहीं हो सकता। यह हमें हेरफेर करने, हमारे इतिहास को छिपाने और दूसरे इतिहास को श्रेष्ठ बताने के लिए किया जा रहा है।
DMK को दिया के अन्नामलाई ने कड़ा जवाब
शिवशंकर की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए तमिलनाडु भाजपा अध्यक्ष के अन्नामलाई ने डीएमके के भगवान श्री राम के प्रति अचानक जुनून पर सवाल उठाया। एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट में उन्होंने लिखा, पिछले सप्ताह ही डीएमके के कानून मंत्री थिरु रघुपति ने घोषणा की थी कि भगवान श्री राम सामाजिक न्याय के सर्वोच्च चैंपियन, धर्मनिरपेक्षता के अग्रदूत और सभी के लिए समानता की घोषणा करने वाले व्यक्ति थें।
आज की बात करें तो घोटाले में घिरे डीएमके परिवहन मंत्री थिरु शिवशंकर ने साहसपूर्वक कहा कि भगवान राम कभी अस्तित्व में नहीं थे, उन्होंने दावा किया कि यह सब चोल इतिहास को मिटाने की एक चाल है। क्या यह आश्चर्यजनक नहीं है कि डीएमके नेताओं की यादें कितनी जल्दी फीकी पड़ जाती हैं? क्या वे वही लोग नहीं थे जिन्होंने नए संसद परिसर में चोल राजवंश सेंगोल स्थापित करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का विरोध किया था। यह हास्यास्पद है कि DMK सोचती है कि तमिलनाडु का इतिहास 1967 में शुरू हुआ है।