अब 15 दिन पहले ही पता चल जाएगा प्रदूषण का हाल, जानिए कैसे
दिल्ली एनसीआर में जहरीली हवा कम होने का नाम ही नही ले रही है। बल्कि लगातार जहरीली होती जा रही है। ऐसा बताया जा रहा है कि अब मौसम की तर्ज पर प्रदूषण की भी सटीक भविष्यवाणी होगी।
नई दिल्ली: दिल्ली एनसीआर में जहरीली हवा कम होने का नाम ही नही ले रही है। बल्कि लगातार जहरीली होती जा रही है। ऐसा बताया जा रहा है कि अब मौसम की तर्ज पर प्रदूषण की भी सटीक भविष्यवाणी होगी। IIT दिल्ली के विशेषज्ञों ने प्रदूषण की एक दम सही भविष्यवाणी देने वाली डिवाइस तैयार कर केंद्र सरकार को सौंप दी है। यह डिवाइस पंद्रह दिन पहले ही जानकारी दे देगी कि कौन से स्थान पर कौन सा कारक पीएम 2.5 स्तर बढ़ाने वाला है। इस डिवाइस के माध्यम से सरकार प्रदूषण फैलाने वाले कारकों की रोकथाम करेगी।
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IIT दिल्ली के पर्यावरण व प्रदूषण विशेषज्ञ व सुप्रीम कोर्ट में प्रदूषण रोकथाम के सलाहकार प्रो. मुकेश खरे के अनुसार, मौसम की तर्ज पर प्रदूषण की सटीक भविष्यवाणी देने वाली डिवाइस तैयार करके सरकार को पंद्रह दिन पहले सौंप दी है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड) इस डिवाइस के माध्यम से काम करेगा।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड जगह-जगह मॉनेटरिंग स्टेशन में इस डिवाइस को जोड़ेगा। इस मॉनेटरिंग स्टेशन के जरिए से केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को 15 दिन पहले पता चल जाएगा कि किस इलाके का पीएम 2.5 स्तर बढ़ने वाला है। इससे केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड पहले ही प्रदूषण नियंत्रण करने पर काम शुरू कर देगा। वे प्रदूषण बढ़ाने वाले कारकों की रोक सकेंगे।
कंप्यूटर प्रोग्रामिंग पर आधारित है डिवाइस
IIT दिल्ली के विशेषज्ञों ने मौसम की तर्ज पर प्रदूषण की पहले भविष्यवाणी करने के लिए कंप्यूटर प्रोग्रामिंग नामक डिवाइस तैयार की है। IIT दिल्ली के विशेषज्ञ दो साल से इसे तैयार करने में जुटे थे। यह डिवाइस सभी पॉल्यूशन मॉनेटरिंग स्टेशन से जोड़ी जाएगी। डिवाइस सभी पॉल्यूशन मॉनेटरिंग स्टेशन की अलग-अलग मॉनेटरिंग करते हुए अलर्ट जारी कर देगा।
ऑड-ईवन की हर घंटे निगरानी
IIT दिल्ली का सेंटर फॉर एक्सीलेंस फॉर रिसर्च इन क्लीन एयर दिल्ली में सोमवार से शुरू ऑड-ईवन की स्टडी कर रहा है। इसकी रिपोर्ट पंद्रह दिनों की स्टडी के आधार पर तैयार होगी। सेंटर के कॉर्डिनेटर प्रो. हेमंत के अनुसार, विशेषज्ञों की टीम ऑड-ईवन के दौरान सुबह आठ से शाम आठ बजे तक प्रति घंटे प्रदूषण के स्तर को माप रही है।
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इसमें दिल्ली के ऑड-ईवन का असर गुरुग्राम, फरीदाबाद, नोएडा, ग्रेटर नोएडा, गाजियाबाद आदि इलाकों में कितना हुआ, इसकी स्ट्डी की जा रही है। स्टडी में देखा जाएगा कि किस प्रकार के वाहनों पर रोक से प्रदूषण कितना कम हुआ। इसके अलावा इंडोर प्रदूषण पर भी स्ट्डी हो रही है। इसमें मॉल, स्कूल, कॉलेज, अस्पताल, आदि से सैंपल लिया जाएगा।
यह दोनों रिपोर्ट IIT केंद्र सरकार को देगा। यदि रिपोर्ट पॉजीटिव होती है तो देश के अन्य शहरों में भी लागू करने की सिफारिश की जाएगी।