अब डगमगाई अर्थव्यवस्था, सरकार ले रही 12 लाख करोड़ का उधार

अब सरकार इस कोरोना के चलते चालू वित्त वर्ष के उधारी में इजाफा करना पड़ा। सरकार ने अब वित्त वर्ष 2021 के लिए 12 लाख करोड़ रुपये उधार लेने का फैसला किया है।

Update: 2020-05-09 08:49 GMT

नई दिल्ली: पिछले कुछ महीनों से देश में कोरोना वायरस ने हाहाकार मचा रखा है। इस वायरस के प्रकोप के चलते सारी सेवायें सुविधाएं और व्यापार बाधित है। ऐसे में इस वायरस ने देश की आर्थिक व्यवस्था को भी बिल्कुल हिला कर रख दिया है। नौबत ये आ गई है कि अब सरकार इस कोरोना के चलते चालू वित्त वर्ष के उधारी में इजाफा करना पड़ा। सरकार ने अब वित्त वर्ष 2021 के लिए 12 लाख करोड़ रुपये उधार लेने का फैसला किया है। जो पहले से तय किए गए उधारी बजट 7.80 लाख करोड़ से 4.20 लाख करोड़ रुपये ज्यादा है। अब जब सरकार ने खुद का उधारी बजट बढ़ा दिया है तो ऐसे में आम जनता के मन में एक सवाल उठता है कि इसका असर उस पर और उसकी जेब पर क्या पड़ेगा। यहां हम आपके सारे सवालों के जवाब देंगे।

बुरी आर्थिक स्थिति से गुजर रही सरकार

ऐसे में जनता के मन में पहला सवाल ये ही उठता है कि क्या सरकार पास सिर्फ एक यही रास्ता है जिसके जरिये वो पैसे जुटा सकती है। तो यहां हम आपकी इस जिज्ञासा को शांत कर दें। बता दें की ऐसा नहीं है कि ये ही एक रास्ता है। सरकार के पास पैसे जुटाने के लिए टैक्स वसूली और विनिवेश जैसे और रास्ते भी हैं। असल में ऐसा सब कुछ सरकार को सिर्फ देश में जारी इस कोरोना महामारी की वजह से करना पड़ रहा। क्योंकि इसकी वजह से देश की पूरी अर्थ व्यवस्था ही डगमगा गई है। सारी कारोबारी गतिविधियाँ ठप्प पड़ी हैं। ऐसे में सरकार की जीएसटी से होने वाली कमाई भी घाटे में चली गई है।

ये भी पढ़ें- किसानों की समस्या: नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कर्जमाफी समस्या का हल नहीं

सरकार को प्रति माह औसत जीएसटी कलेक्शन मार्च के पहले 1 लाख करोड़ रुपये के आसपास रहता था जो मार्च में घटकर 28000 करोड़ रुपये ही रह गया। सरकार के पास ये करने के अलावा अब कोई रास्ता नहीं है। क्योंकि देश की आर्थिक व्यवस्था को चलाने के लिए सरकार को इस उधारी बजट में इजाफा करना पड़ा। ऐसे में लोगों का ये कहना कि सरकार कोई राहत पैकेज क्यों नहीं ला रही? तो इसका सीधा सा जवाब है कि सरकार के पास खुद पैसा नहीं है।

महंगाई पर नहीं पड़ेगा असर

ऐसे में अब एक सवाल ये भी उठता है कि क्या इस उधारी से ब्याज दरों में बढ़ोत्तरी होगी? तो इसका जवाब है हां। जब कभी भी बाजार में सरकारी बॉन्ड की सप्लाई बढ़ती है तो यील्ड में उछाल आने की संभावना रहती है। 8 मई को 10 साल के सरकारी बॉन्डों में 6 फीसदी की गिरावट देखने को मिली। इस सरकारी उधारी का बांड यील्ड पर सीधा असर होगा। 11 मई को बाजार खुलने पर 10-year बॉन्ड यील्ड के उछलकर 6.20 के लेवल पर पहुंचने की उम्मीद है जो बढ़कर 6.50 के स्तर तक जा सकता है।

ये भी पढ़ें- बड़ी खबर: यूपी में 5 देशों ने निवेश का बनाया मन, रोजगार की होगी बहार

आम जनता के दिमाग में चलने वाला सबसे बड़ा सवाल ये है कि क्या इस उधारी का महंगाई पर कोई असर पड़ेगा? तो ऐसे में ये कहा जा सकता है कि इस बात की संभावना बहुत कम है। क्योंकि बाजार में मांग की स्थिति ही काफी कम है। तो जब मांग ही नहीं होगी तो महंगाई क्या बढ़ेगी। लॉकडाउन से गुजर रही इकोनॉमी में मांग कहीं दिखाई नहीं दे रही है। इसलिए सरकार की बढ़ी उधारी से महंगाई बढ़ने का सवाल ही नहीं उठता।

Tags:    

Similar News