मोदी के खास नृपेंद्र मिश्राः मिला सर्वोच्च सम्मान, जानिए कैसे मिली दुनिया में पहचान

यूपी काडर के आईएएस(IAS) अधिकारी नृपेंद्र मिश्रा उत्तर प्रदेश के देवरिया में पैदा हुए हैं। ये भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के चेयरमैन और दूरसंचार व उर्वरक सचिव भी रह चुके हैं। अपनी काबिलियत के दम पर नृपेंद्र मिश्रा इतने पदों कार्यरत रहे हैं।

Update: 2021-01-27 13:44 GMT
यूपी काडर के आईएएस(IAS) अधिकारी नृपेंद्र मिश्रा उत्तर प्रदेश के देवरिया में पैदा हुए हैं। ये भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के चेयरमैन और दूरसंचार व उर्वरक सचिव भी रह चुके हैं। अपनी काबिलियत के दम पर नृपेंद्र मिश्रा इतने पदों कार्यरत रहे हैं।

नई दिल्ली। नृपेंद्र मिश्रा जोकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रधान सचिव रह चुके हैं और वर्तमान ने श्रीराम मंदिर निर्माण कमेटी के चेयरमैन है। यूपी काडर के आईएएस(IAS) अधिकारी नृपेंद्र मिश्रा उत्तर प्रदेश के देवरिया में पैदा हुए हैं। ये भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के चेयरमैन और दूरसंचार व उर्वरक सचिव भी रह चुके हैं। अपनी काबिलियत के दम पर नृपेंद्र मिश्रा इतने पदों कार्यरत रहे हैं। उन्होंने हार्वर्ड विश्वविद्यालय से लोक प्रशासन में एमपीए की डिग्री भी प्राप्त की है।

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जिसके दामन पर भी कोई दाग न हो

देश में सन् 2014 में जब भाजपा की सरकार बनी तो प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने से पहले ही नरेंद्र मोदी अपनी टीम के लिए 'नवरत्नों' की तलाश में ताबड़तोड़ तरीके से जुट गए थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को प्रमुख सचिव पद के लिए ऐसा काबिल अफसर चाहिए था, जिसे न सिर्फ केंद्र में काम करने का लंबा अनुभव हो, बल्कि ऐसा भी चाहिए था जिसके दामन पर भी कोई दाग न हो। इसके साथ ही अफसर को उत्तर प्रदेश की पूरी समझ हो।

ऐसे में पीएम मोदी की ये खोज 1967 बैच के रिटायर्ड आईएएस नृपेंद्र मिश्रा पर जाकर खत्म हुई। दरअसल उत्तर-प्रदेश जैसे बड़े राज्य में दो-दो मुख्यमंत्रियों के साथ नृपेंद्र मिश्रा काम कर चुके थे। उन्हें गुजरात से कोई संबंध न होने के बाद भी इतनी बड़ी जिम्मेदारी मिली।

फोटो- सोशल मीडिया

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पीएम मोदी का भरोसा जीता

नृपेॆद्र मिश्रा ने अपने काम से पीएम मोदी का भरोसा जीता कि दोबारा 2019 में वह पीएम को प्रमुख सचिव नियुक्त किए गए। जबकि वह पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह के निजी सचिव और पूर्व मुख्यमंत्री और समजवादी नेता मुलायम सिंह के भी प्रधान सचिव रह चुके हैं।

इसके साथ ही नृपेंद्र बाबरी विध्वंस के दौरान कार सेवकों पर बर्रबरतापूर्ण कार्रवाई के खिलाफ थे और तत्कालीन मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव को भी कार सेवकों से नरमी से निपटने की सलाह दी थी।

ऐसा माना जाता है कि उन्हें उत्तर प्रदेश की आवोहवा का अच्छे से अहसास है, इसलिए उन्हें श्रीराम मंदिर निर्माण कमेटी का अध्यक्ष नियुक्त किया गया था। क्योंकि उन्हें इस बारे में बहुत पहले से पूरी बातें पता थी।

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