Delhi News: अब बाइक से नहीं कमा सकेंगे रुपए, सरकार ने कर दिया ये बड़ा ऐलान

Delhi News: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में चलने वाली ओला, उबर, और रैपिडो जैसी बाइक टैक्सियां जल्द बंद हो सकती हैं, क्योंकि दिल्ली परिवहन विभाग ने आदेश जारी कर दिया है।

Report :  Jugul Kishor
Update: 2023-02-21 04:29 GMT

सांकेतिक तस्वीर (फोटो: सोशल मीडिया)

Delhi News: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में चलने वाली ओला, उबर और रैपिडो जैसी बाइक टैक्सियां जल्द बंद हो सकती हैं, क्योंकि दिल्ली परिवहन विभाग ने आदेश जारी कर दिया है। परिवहन विभाग ने दिल्ली की सड़कों पर चलने वाली टैक्सियों को चेतावनी देते हुए कहा है कि यह मोटर वाहन अधिनियम 1988 का उलंघन है। नियमों का उलंघन करने वालों को एक लाख रुपये जुर्माना देना पड़ सकता है।

इसके अलावा परिवहन विभाग ने अपने आदेश में कहा है कि दो पहिया वाहनों का व्यावसायिक उद्देश्य से इस्तेमाल करना मोटर वाहन अधिनियम 1988 का उलंघन है। पहली बार उलंघन करने पाए जाने पर पांच हजार रुपये का जुर्माना वसूला जायेगा। वहीं, दूसरी बार पकड़े जाने पर दस हजार रुपये का जुर्माना व एक साल की जेल हो सकती है। इसके अलावा वाहन चालक लाइसेंस भी तीन महीने के लिए सस्पेंड कर दिया जाएगा। दिल्ली परिवहन निगम ने कहा है कि कुझ ऐप बेस्ड कंपनियां खुद को कंपनी के तौर पर पेश करती हैं, जो अधिनयम 1988 का उलंघन है।

परिवहन विभाग ने जारी किया आदेश 

जानकारों का कहना है कि परिवहन विभाग की ओर से ऐसा आदेश जारी करने के पीछे का मुख्य कारण है बाइक के नंबर प्लेट पीली न होना। पीली नंबर प्लेट का मतलब होता है कि ये गाड़ी बिजनेस के उद्देश्य से ली गयी है। बिजनेस के उद्देश्य से ली गयी गाड़ियों पर सरकार अधिक टैक्स चार्ज करती है। पर्सनल बाइक पर सरकार उतना ज्यादा टैक्स चार्ज नहीं करती है। दिल्ली परिवहन विभाग की ओर से जारी किये गये आदेश के बाद उन लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ सकता है, जो अपनी निजी गाड़ियों का इस्तेमान ऐप आधारित कंपनियों के लिए करते हैं। जो कि कानूनी तौर पर गलत है। इसी पर लगाम लगाने के मकसद से दिल्ली परिवहन निगम ने नोटिस जारी किया है।  

बता दें इससे पहले 8 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट ने बाइक टैक्सी कंपनी रैपिडो को लाइसेंस नहीं देने के महाराष्ट्र सरकार के फैसले के खिलाफ कंपनी को राहत देने से इनकार कर दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि 2019 में मोटर वाहन अधिनियम में किए गए संशोधनों में स्पष्ट किया जा चुका है कि कंपनियां बिना वैध लाइसेंस के संचालन नहीं कर सकती हैं।  

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