Haryana Election 2024: 20 साल बाद हरियाणा की जंग में उतर सकते हैं ओमप्रकाश चौटाला,कोर्ट से मांगी अनुमति,भतीजे से हो सकती है भिड़ंत

Haryana Election 2024: हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और इनेलो के मुखिया ओमप्रकाश चौटाला को जूनियर बेसिक ट्रेनिंग घोटाले में 10 साल की सजा हुई थी। जुलाई 2021 में उनकी तिहाड़ जेल से रिहाई हुई थी। अब 89 वर्षीय चौटाला एक बार फिर हरियाणा की सियासत में उतरने की तैयारी में जुटे हुए हैं।

Report :  Anshuman Tiwari
Update:2024-09-08 10:22 IST

Haryana Election 2024

Haryana Election 2024: हरियाणा के विधानसभा चुनाव में इस बार कई राजनीतिक दिग्गजों की सीटों पर सबकी निगाहें लगी हुई है। इंडियन नेशनल लोकदल (इनलो) के मुखिया और हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला भी इस बार विधानसभा चुनाव लड़ने की कोशिश में जुटे हुए हैं। उल्लेखनीय बात यह है कि चौटाला ने 2005 में आखिरी चुनाव लड़ा था और इस तरह वे 20 साल बाद चुनावी जंग में उतर सकते हैं। चौटाला सात बार विधायक और पांच बार हरियाणा के मुख्यमंत्री रह चुके हैं। उन्होंने दिल्ली की अदालत से चुनाव लड़ने की अनुमति मांगी है। उनके डबवाली विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने की संभावना है जहां उनका मुकाबला अपने भतीजे आदित्य चौटाला से हो सकता है।

चौटाला ने इस मंजूरी को बनाया आधार

हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और इनेलो के मुखिया ओमप्रकाश चौटाला को जूनियर बेसिक ट्रेनिंग घोटाले में 10 साल की सजा हुई थी। जुलाई 2021 में उनकी तिहाड़ जेल से रिहाई हुई थी। अब 89 वर्षीय चौटाला एक बार फिर हरियाणा की सियासत में उतरने की तैयारी में जुटे हुए हैं। चौटाला के साथ शिक्षक भर्ती घोटाले में सजा काट चुके शेर सिंह बड़शामी को चुनाव लड़ने की भी मंजूरी मिल चुकी है। इस मंजूरी को आधार बनाकर ही चौटाला ने भी दिल्ली की अदालत से चुनाव लड़ने की मंजूरी मांगी है। बड़शामी को इंडियन नेशनल लोकदल ने लाडवा विधानसभा सीट से अपना उम्मीदवार बनाया है। लाडवा में भाजपा की ओर से मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी को चुनाव मैदान में उतारा गया है। बड़शामी और ओमप्रकाश चौटाला को मिली सजा के समय में अंतर है मगर मुकदमा एक जैसा होने के कारण चौटाला को अदालत से अनुमति मिलने की संभावना जताई जा रही है।

2005 में लड़ा था आखिरी चुनाव

इंडियन नेशनल लोकदल के मुखिया ओमप्रकाश चौटाला ने अपना आखिरी विधानसभा चुनाव 2005 में लड़ा था। उस समय वे रोड़ी विधानसभा सीट से चुनाव मैदान में उतरे थे जिसमें उन्हें विजय हासिल हुई थी। अब वे एक बार फिर चुनाव मैदान में उतरने की तैयारी में जुटे हुए हैं। जानकार सूत्रों का कहना है कि अदालत की अनुमति मिली तो चौटाला इस बार डबवाली विधानसभा सीट से अपनी किस्मत आजमा सकते हैं।डबवाली विधानसभा सीट से जजपा ने दिग्विजय सिंह चौटाला को अपना उम्मीदवार घोषित किया है। ओमप्रकाश चौटाला के पौत्र दिग्विजय सिंह पहले ही इस बात का ऐलान कर चुके हैं कि यदि ओपी चौटाला डबवाली से चुनाव मैदान में उतरे तो वे यह सीट छोड़ देंगे।

भतीजे से हो सकती है भिड़ंत

भाजपा ने अभी इस सीट पर अपने पत्ते नहीं खोले हैं मगर जानकारों का कहना है कि पार्टी इस सीट पर ओपी चौटाला के भतीजे आदित्य चौटाला को चुनाव मैदान में उतार सकती है। ऐसे में चौटाला का अपने भतीजे से मुकाबला होने की संभावना जताई जा रही है। कांग्रेस ने इस सीट से अमित सिहाग को चुनाव मैदान में उतारा है। यदि चौटाला को चुनाव लड़ने की अनुमति मिली तो डबवाली में दिलचस्प मुकाबला होने के आसार हैं।

तमांग को पहले मिल चुकी है राहत

लोक प्रतिनिधित्व कानून के मुताबिक के चौटाला जून 2026 तक चुनाव नहीं लड़ सकते। हालांकि इस कानून की धारा 11 में याचिका दायर करने का विकल्प दिया गया है और इसी के आधार पर ओमप्रकाश चौटाला ने अदालत से राहत मांगी है। इस धारा के तहत चुनाव न लड़ पाने की अवधि को कम या पूरी तरह खत्म किया जा सकता है।चुनाव आयोग की ओर से पहले इसी तरह के मामले में सिक्किम के मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग को राहत दी जा चुकी है। आयोग ने तमांग के छह साल तक चुनाव नहीं लड़ पाने की रोक को घटाकर 13 महीने कर दिया था। अब सबकी निगाहें ओमप्रकाश चौटाला से जुड़े हुए मामले पर लगी हुई हैं।

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