OYO का बड़ा झटका, अपने ही कर्मचारियों को कंपनी से निकाल किया बाहर

आज-कल डिजिटल की दुनिया हो गई है, अगर किसी को भी कुछ भी काम करना होता है तो वो तुरंत ऑनलाइन किसी भी ऐप से कर लेता है। अब तो होटल्स भी ऑनलाइन बुक हो जाते हैं।

Update: 2020-01-11 10:50 GMT

नई दिल्ली: आज-कल डिजिटल की दुनिया हो गई है, अगर किसी को भी कुछ भी काम करना होता है तो वो तुरंत ऑनलाइन किसी भी ऐप से कर लेता है। अब तो होटल्स भी ऑनलाइन बुक हो जाते हैं। ऐसा ही एक ऐप है ओयो (OYO) जिसकी मदद से आप अगर किसी शहर में घूमने जाते हैं, तो आप इस ऐप की हेल्प से अपने लिए होटल रूम बुक कार सकते हैं। यहां पर कम बजट में अच्छे रूम्स उपलब्ध होते हैं। लेकिन अब इस कम बजट वाले ओयो होटल के कर्मचारियों के लिए बुरी खबर आ रही है। भारत और चीन में बजट होटल सेवा देने वाली स्टार्ट अप कंपनी ओयो होटल्स ने अपने हजारों कर्मचारियों को कंपनी से निकाल दिया है। इससे पता लगता है कि सॉफ्टबैंक द्वारा वित्त पोषित सबसे बड़ी स्टार्टअप कंपनी में कुछ भी अच्छा नहीं चल रहा है।

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चीन और भारत से इतने कर्मचारी निकाले

कंपनी ने चीन में काम कर रहे 12 हजार कर्मचारियों में से पांच फीसदी को बाहर निकाल दिया है। वहीं भारत में काम कर रहे 10 हजार कर्मचारियों में से 12 फीसदी की छंटनी की है। कंपनी अगले तीन महीने में 1200 और कर्मचारियों को बाहर कर देगी।

ओयो में काफी टाइम से ऐसे कर्मचारियों को बाहर किया जा रहा है, जो कि अपने कार्य में कुशल नहीं हैं। जिन विभागों में छंटनी हुई है उनमें सेल्स, सप्लाई और ऑपरेशन शामिल हैं। जिन लोगों को नौकरी से निकाला गया है, उनकी जगह आगे किसी को काम पर रखा जाएगा या नहीं ये भी कुछ बता नहीं सकते हैं। इसमें उन कर्मचारियों को भी निकाला जाएगा, जिनको अपने कार्य के पहले अच्छी रेटिंग मिली हुई है।

कंपनी के एक अधिकारी ने कहा कि ओयो के कई वर्टिकल्स ऐसे हैं, जहां पर तकनीक का विस्तार हो रहा है और वहां पर लोगों की जरूरत नहीं है। सेल्स टीम में शामिल कुछ लोगों को ग्राहक सेवा टीम या फिर बिजनेस डेवलपमेंट टीम में शिफ्ट किया जाएगा। इसके लिए लोगों को ट्रेनिंग भी कंपनी की तरफ से दी जाएगी।

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कंपनी के एक कर्मचारी ने कहा कि जिन लोगों की छंटनी की जाएगी उनकी सालाना सैलरी 10-12 लाख रुपये के बीच है। इन लोगों को हटाने से कंपनी को हर साल करोड़ों रुपये की बचत होगी। कंपनी को पिछले वित्त वर्ष में 2384.69 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था। यह पिछले साल के मुकाबले 360.43 करोड़ रुपये ज्यादा है।

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