INTERESTINGFACTS: 'चाचा नेहरु' को केवल राजनीतिक नहीं, फैशन की भी थी समझ
भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू एक स्नेह प्रिय व जिंदादिल व्यक्तित्व के मालिक थे।देश के लिए भले ही सशक्त राजनीतिज्ञ व प्रधान मंत्री हो, लेकिन बच्चों के लिए तो वे सिर्फ चाचा नेहरू थे और आज भी अपनी सोच के साथ उनके दिलों में है।
जयपुर :भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू एक स्नेह प्रिय व जिंदादिल व्यक्तित्व के मालिक थे।देश के लिए भले ही सशक्त राजनीतिज्ञ व प्रधान मंत्री हो, लेकिन बच्चों के लिए तो वे सिर्फ चाचा नेहरू थे और आज भी अपनी सोच के साथ उनके दिलों में है। पंडित नेहरु ने देश की आजादी के आंदोलन में केंद्रीय भूमिका निभाई थी। वह 16 साल तक भारत के प्रधानमंत्री रहे। वो बच्चों से बहुत प्यार करते थे। बच्चे उनको प्यार से “चाचा नेहरू” पुकारते थे।
धर्मनिरपेक्ष राज्य की स्थापना में योगदान
नेहरू ने एक सशक्त लोकतांत्रिक धर्मनिरपेक्ष देश की स्थापना की थी। उनके नेतृत्व में कांग्रेस पार्टी देश की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी बनी। वे कांग्रेस के सर्वोच्च नेता थे। कश्मीरी पंडित समुदाय से होने के कारण उन्हें पंडित नेहरू भी कहते हैं।
कश्मीरी पंडित
पंडित नेहरू का जन्म 14 नवंबर 1889 को इलाहाबाद में (ब्रिटिश भारत) में हुआ था। उनके पिता का नाम मोतीलाल नेहरू था जो कश्मीरी पंडित थे। वे पेशे से एक धनी बैरिस्टर (एडवोकेट) थे। पंडित नेहरू ने 1910 में कैंब्रिज के ट्रिनिटी कॉलेज से ग्रेजुएशन पास किया था। जवाहरलाल नेहरू की शादी 1916 में कमला नेहरू से हुई थी। बेटी के रुप में इंदिरा गांधी का जन्म हुआ जो आगे चलकर देश की पहली महिला प्रधानमंत्री बनी।
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बाल दिवस
चाचा नेहरू बच्चों से बहुत प्यार करते थे। इसलिए उनके जन्मदिवस 14 नवंबर को बाल दिवस के रूप में मनाया है। लाल किले पर तिंरगा फहराने वाले आजाद भारत के प्रथम व्यक्ति व प्रथम व्यक्ति व प्रधान मंत्री थे। 1925 ई० में बाल दिवस की शुरुआत हुई थी। 1953 में पूरे विश्व में इसे मान्यता मिल गई और 20 नवंबर को बाल दिवस पूरे विश्व में मनाया गया था लेकिन 1964 के बाद बाल दिवस 14 नवंबर को मनाया जाने लगा।
पश्चिमी प्रभाव
नेहरू के जीवनशैली पर पश्चिमी प्रभाव था। ऐसा कहा जाता है कि उनके कपड़े धुलने के लिए लंदन जाते थे। वे लंदन से ही पढ़ कर आए थे। इसलिए उन्हें हिंदी बिल्कुल नहीं आती थी। उन्होंने देश के गांवो को घूमकर ही हिंदी सीखी थी।उनके नाम पर दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय की स्थापना की गई है। ऐसा कहते है कि जवाहरलाल नेहरू ने 20 सालों तक सुभाष चंद्र बोस की जासूसी करवाई थी।
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स्वागत द्वार को देख नाराज हो गए
पंडित नेहरू ने जम्मू कश्मीर की 370 धारा तैयार करवाई थी। इसके बारे में उन्होंने किसी और मंत्री या नेता को कोई जानकारी नहीं दी थी। फरवरी 1950 राजस्थान के पिलानी जिले में जवालाल नेहरू का स्वागत हरी सब्जियों से स्वागत द्वार बनाकर किया गया था। इससे जवाहरलाल बहुत नाराज हुए थे। उन्होंने सारी सब्जियां गरीबों मे बंटवा दी।
9साल बिताएं जेल में
जवाहरलाल नेहरू अपने नाना के लिए लंदन से हाथ घड़ी लेकर आए थे। संसद में गौ हत्या के खिलाफ प्रस्ताव पारित करने पर उन्होंने कहा कि यदि यह प्रस्ताव पारित होता है तो वे प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे देंगे। महात्मा गांधी ने जब विदेशी वस्तुओं का बहिष्कार करना शुरू किया तो जवाहरलाल नेहरू को भी अपना पसंदीदा विदेशी कोट त्याग दिया था। उसके बाद वह खादी के कोट पहनने लगे। नेहरू ने अपने जीवन के 9 वर्ष जेल में बिताए थे।
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लैक्मे ब्रांड
लैक्मे ब्रांड आजकल महिलाओं के बीच काफी प्रसिद्ध है। जेआरडी टाटा ने इस ब्रांड की स्थापना पंडित नेहरू के कहने पर की थी। पंडित नेहरू चाहते थे कि महिलाओं के लिए सौंदर्य प्रसाधन (कॉस्मेटिक उत्पाद) बाजार में आने चाहिए।
शांति दूत
पंडित नेहरू विश्व में शांति स्थापित करना चाहते थे। उन्हें शांति दूत भी कहा जाता है। उन्होंने “डिस्कवरी ऑफ इंडिया” नामक पुस्तक लिखी थी जो कि काफी चर्चित और लोकप्रिय है। जवाहरलाल नेहरू को देश के प्रति उनकी सेवाओं के लिए 1955 में भारत रत्न से सम्मानित किया गया था। पंडित नेहरू की मृत्यु 27 मई 1964 को हार्ट अटैक से हुई थी। उनके अंतिम संस्कार के लिए 15 लाख से अधिक लोग शामिल हुए थे।