Rahul Gandhi In Lok Sabha: राहुल गांधी ने चक्रव्यूह का जिक्र करके मोदी सरकार को घेरा, कहा-बजट में मिडिल क्लास की छाती और पीठ में घोंपा गया छुरा

Rahul Gandhi In Lok Sabha: राहुल गांधी ने कहा कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपनी बजट स्पीच के दौरान पेपर लीक के मुद्दे का जिक्र नहीं किया। युवाओं के लिए पेपर लीक सबसे जरूरी मुद्दा है और उन्होंने इस मुद्दे पर एक शब्द नहीं कहा।

Written By :  Anshuman Tiwari
Update: 2024-07-29 09:25 GMT

Rahul Gandhi In Lok Sabha: कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने आज लोकसभा में बजट चर्चा में हिस्सा लेते हुए भाजपा पर जमकर निशाना साधा। राहुल गांधी ने बजट और टैक्स से जुड़े मुद्दों, किसान, पेपर लीक और देश में डर के माहौल का जिक्र करते हुए मोदी सरकार को घेरा। कांग्रेस सांसद ने चक्रव्यूह का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि चक्रव्यूह में देश को फंसाया गया है और इस चक्रव्यूह को छह लोग कंट्रोल कर रहे हैं। इस चक्रव्यूह का चिन्ह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी छाती पर लेकर चलते हैं।

राहुल गांधी ने कहा कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपनी बजट स्पीच के दौरान पेपर लीक के मुद्दे का जिक्र नहीं किया। युवाओं के लिए पेपर लीक सबसे जरूरी मुद्दा है और उन्होंने इस मुद्दे पर एक शब्द नहीं कहा। उन्होंने कहा कि टैक्स टेररिज्म को रोकने के लिए बजट में कुछ नहीं किया गया। इस बजट के जरिए मिडिल क्लास की छाती और पीठ में छुरा घोंपा गया है।

नया चक्रव्यूह लोटस की शेप में

कांग्रेस नेता ने कहा कि आज पूरे देश में डर का माहौल बना हुआ है। देश का माहौल ऐसा बन गया है जिसमें मंत्री, किसान, वर्कर, वोटर सभी डरे हुए हैं। इसके बारे में मैंने काफी सोचा है और इसका एक जवाब मैं प्रस्तावित करता हूं। हजारों साल पहले हरियाणा के कुरुक्षेत्र में एक युवा अभिमन्यु को छह लोगों ने चक्रव्यूह में फंसाकर मारा था। चक्रव्यूह के अंदर डर होता है, हिंसा होती है और अभिमन्यु को चक्रव्यूह में फंसाकर मारा गया।

मैंने चक्रव्यूह के बारे में रिसर्च की तो पता लगा कि इसका एक दूसरा नाम होता है पद्मव्यू,जो कमल के फूल के आकार का होता है। 21वीं सदी में भी एक नया चक्रव्यूह तैयार हुआ है और वह भी लोटस की शेप में है उसका चिह्न प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी छाती पर लगाकर चलते हैं।

आज भी छह लोग कर रहे हैं सबकुछ कंट्रोल

राहुल गांधी ने कहा कि जिस चक्रव्यूह में अभिमन्यु को फंसाया गया था,वही आज हिंदुस्तान की जनता के साथ हो रहा है। वैसा ही आज हिंदुस्तान के युवाओं, किसानों, माताओं-बहनों, स्मॉल और मीडियम बिजनेस के साथ किया जा रहा है।

महाभारत वाले चक्रव्यूह को छह लोग द्रोणाचार्य, कर्ण, कृतवर्मा, शकुनी, कृपाचार्य, अश्वस्थामा कंट्रोल कर रहे थे और आज भी छह लोग कंट्रोल कर रहे हैं। इनमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अमित शाह, मोहन भागवत, अजीत डोभाल, अंबानी और अडानी शामिल हैं।

बजट में मजदूरों और किसानों के लिए कुछ नहीं

मोदी सरकार को घेरते हुए कांग्रेस नेता ने कहा कि किसी एक शख्स को देश की पूरी संपत्ति का हक रखने का अधिकार नहीं है। उन्होंने कहा कि वित्तीय शक्ति, संस्थान, एजेंसी, सीबीआई, ईडी, इनकम टैक्स और तीसरा राजनीतिक कार्यकारी इस चक्रव्यूह का हार्ट है।

उन्होंने कहा कि इस बजट को लेकर हमें उम्मीदें थी कि यह बजट चक्रव्यूह को कमजोर करने वाला साबित होगा। बजट में किसानों और मजदूरों की मदद की जाएगी मगर यह बजट उम्मीद पर खरा नहीं उतरा। यह बजट राजनीतिक प्रभुत्व,बिग बिजनेस और एजेंसी को मजबूत करने वाला है।

इंटर्नशिप प्रोग्राम पर भी उठाए सवाल

राहुल गांधी ने कहा कि बजट में जोर-शोर से किए गए इंटर्नशिप प्रोग्राम के दावे को लेकर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि 99 फ़ीसदी युवाओं को इस इंटर्नशिप प्रोग्राम से कोई लेना-देना नहीं है। उन्होंने कहा कि आज युवाओं से जुड़ा हुआ सबसे महत्वपूर्ण मुद्दा पेपर लीक का है। हमको देश में कहीं भी जाने पर बेरोजगारी और पेपर लीक की शिकायत मिलती है।

हालत यह है कि पिछले 10 वर्षों के दौरान 70 बार पेपर लीक की घटनाएं हो चुकी हैं मगर इस बारे में बजट में कुछ भी नहीं कहा गया। उन्होंने कहा कि कोविड के समय बड़े बिजनेस की मदद की गई और छोटे बिजनेस को खत्म किया गया। इस कारण आज देश के युवाओं को रोजगार नहीं मिल पा रहा है। युवाओं को रोजगार मुहैया कराने की दिशा में बजट में कोई प्रभावी कदम नहीं उठाया गया। उन्होंने एजुकेशन सेक्टर को कम पैसा देने पर भी सवाल उठाए।

मिडिल क्लास की छाती और पीठ में घोंपा छुरा

राहुल गांधी ने कहा कि मिडल क्लास बजट से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सपोर्ट करता था। प्रधानमंत्री ने कोविड के समय मिडिल क्लास से थाली बजवाई थी और बाद में मोबाइल फोन से लाइट भी जलवाई थी। अब इस बजट में केंद्र सरकार ने इस मिडिल क्लास की छाती और पीठ में छुरा भोंकने का काम किया है। कैपिटल गेन्स टैक्स को बढ़ाना छाती में छुरा रहा था जबकि इंडेक्सेशन कैंसिल करने का कदम पीठ में छुरा घोपना था।

टैक्स टेररिज्म को रोकने के लिए बजट में कोई कदम नहीं उठाया गया। कांग्रेस नेता ने सेना के जवानों को अग्निवीर के चक्रव्यूह में फंसाने का बड़ा आरोप भी लगाया। इस बजट में अग्नि वीरों की पेंशन के लिए एक रुपया नहीं दिया गया।

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