Parliament Monsoon Session Update: लोकसभा में सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस मंजूर, कार्यवाही 2 बजे तक स्थगित
Parliament Monsoon Session Update: लोकसभा में सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस देने वालों में असम से कांग्रेस सांसद गौरव गोगाई और तेलंगाना से बीआरएस सांसद नामा नागेश्वर राव शामिल हैं।
Parliament Monsoon Session Update: संसद के मानसून सत्र का आज यानी बुधवार 26 जुलाई को पांचवां दिन है। दोनों सदनों में आज भी मणिपुर हिंसा का मुद्दा हावी है। लोकसभा में विपक्षी नेताओं ने केंद्र सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस दिया था, जिसे स्पीकर ओम बिरला ने स्वीकार कर लिया है। लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि अविश्वास प्रस्ताव पर बहस का समय सभी दलों से बातचीत के बाद तय किया जाएगा। इस बीच दोपहर 12 बजे जब सदन की कार्यवाही दोबारा शुरू हुई तो विपक्षी सांसद एकबार फिर सदन में पीएम मोदी की मौजूदगी की मांग को लेकर हंगामा करने लगे। इसके बाद लोकसभा दो बजे तक स्थगित कर दी गई। हंगामे के कारण राज्यसभा को भी दो बजे तक स्थगित कर दिया गया है।
लोकसभा में सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस देने वालों में असम से कांग्रेस सांसद गौरव गोगाई और तेलंगाना से बीआरएस सांसद नामा नागेश्वर राव शामिल हैं।
नोटिस देने से पहले लोअर हाउस यानी लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि हम सरकार के खिलाफ नो-कॉन्फिडेंश मोशन ला रहे हैं। वहीं, कांग्रेस के व्हिप मणिकम टैगोर ने कहा कि हम पीएम नरेंद्र मोदी का घमंड तोड़ना चाहते हैं। वे संसद में आकर बयान नहीं दे रहे हैं। हमें लगता है कि इस आखिरी हथियार का इस्तेमाल करना हमारा कर्तव्य है।
विपक्षी गठबंधन के एक अन्य नेता और सीपीआई सांसद बिनॉय विश्वम ने कहा, यह अविश्वास प्रस्ताव एक राजनीतिक उद्देश्य के साथ एक राजनीतिक कदम है। एक राजनीतिक कदम जो परिणाम लाएगा। अविश्वास प्रस्ताव उन्हें (पीएम) संसद में आने के लिए मजबूर करेगा। हमें देश के मुद्दों पर खासकर मणिपुर पर, संसद के अंदर चर्चा करने की जरूरत है।
राज्यसभा में विपक्षी सांसदों ने दिया सस्पेंशन ऑफ बिजनेस का नोटिस
राज्यसभा में भी विपक्षी सांसदों ने मणिपुर मुद्दे को जोरशोर से उठाया है। डीएमके सांसद तिरूचि शिवा, कांग्रेस सांसद राजीव शुक्ला और रंजीता रंजन, आप सांसद राघव चड्ढ़ा और राजद सांसद मनोज कुमार झा ने नियम 267 के तहत राज्यसभा में सस्पेंशन ऑफ बिजनेस का नोटिस दिया है। विपक्षी सांसदों ने सभापति से मणिपुर मुद्दे पर चर्चा कराने की मांग की है।
अविश्वास प्रस्ताव पर सरकार की प्रतिक्रिया
विपक्ष द्वारा लोकसभा में लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर केंद्र सरकार के मंत्रियों ने प्रतिक्रिया दी है। संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि लोगों का पीएम मोदी और बीजेपी पर भरोसा है। वे पिछले कार्यकाल में भी अविश्वास प्रस्ताव लाए थे। इस देश की जनता ने उन्हें सबक सिखाया है।
वहीं, संसदीय कार्य राज्य मंत्री अर्जन राम मेघवाल ने कहा कि सत्र से पहले वे चर्चा चाहते थे। जब हम तैयार हुए, तो उन्होंने नियमों का मुद्दा उठाया। जब हम तैयार हुए, तो वे नया मुद्दा लेकर आए कि पीएम आएं और चर्चा शुरू करें। मेघवाल ने विपक्ष को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि ये सभी केवल उनके बहाने हैं।
अविश्वास प्रस्ताव लाकर क्या चाहता है विपक्ष
विपक्षी खेमे को अच्छी तरह से पता है कि मोदी सरकार संख्याबल से इतनी मजबूत है कि दूर-दूर तक उसके ऊपर कोई खतरा नहीं है। सदन में उसके पास 335 सांसदों का समर्थन है। जबकि अविश्वास प्रस्ताव लाने वाले खेमे के पास 150 के करीब सांसदों का समर्थन है। ऐसे में सवाल उठता है कि संख्याबल से कमजोर होने के बावजूद विपक्ष ने अविश्वास प्रस्ताव आखिर क्यों लिया।
दरअसल, इसके पीछे उनकी एक सोची समझी रणनीति है। विपक्ष जानता है कि अगर अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस स्पीकर द्वारा स्वीकार किया जाता है तो सदन में प्रधानमंत्री का भाषण भी होगा। इसके लिए पीएम मोदी को आना होगा। साथ ही विपक्षी पार्टियों को इसके बहाने चर्चा का मौका भी मिलेगा। विपक्षी दल इस चर्चा के जरिए प्रधानमंत्री को घेर सकेंगे।