Parliament Security Breach: ‘बहस करने के बजाय घटना की गहराई में जाना जरूरी’, संसद सुरक्षा चूक पर विपक्ष को पीएम मोदी का जवाब

Parliament Security Breach: संसद सुरक्षा चूक के मसले पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरफ से पहली प्रतिक्रिया आई है। उन्होंने कहा कि इस घटना की गहराई में जाना जरूरी है।

Written By :  Krishna Chaudhary
Update:2023-12-17 09:54 IST

Parliament Security Breach Case (Photo:Social Media)

Parliament Security Breach. संसद सुरक्षा चूक के मसले पर इन दिनों विपक्ष ने संसद से लेकर सड़क तक केंद्र सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है। हंगामे के कारण दो दिन सदन की कार्यवाही नहीं हो पाई। विपक्ष लगातार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बयान की मांग कर रहा है। इस बीच पीएम मोदी ने पहली बार 13 दिसंबर को हुई घटना पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। जिसमें उन्होंने विपक्ष की मांग को खारिज करते हुए कहा कि इसे लेकर बहस या विरोध करने के बजाय इस घटना की गहराई में जाना जरूरी है। 

प्रधानमंत्री ने एक हिंदी अखबार को दिए साक्षात्कार में कहा कि संसद में जो घटना हुई, उसकी गंभीरता को जरा भी कम नहीं आंकना चाहिए। स्पीकर महोदय पूरी गंभीरता के साथ आवश्यक कदम उठा रहे हैं। इसके पीछे कौन से तत्व हैं, उनके मंसूबे क्या हैं। जांच एजेंसियां इसकी सख्ती से जांच कर रही हैं। सदन में विपक्ष के हंगामे पर उन्होंने कहा कि ऐसे विषयों पर वाद-विवाद या प्रतिरोध से सभी को बचना चाहिए।

संसद सुरक्षा चूक पर विपक्ष हमलावर

13 दिसंबर को हुई घटना को लेकर पूरा विपक्ष सरकार के खिलाफ हमलावर है। लोकसभा में केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के बयान देने के बावजूद विपक्ष गृह मंत्री अमित शाह के बयान को लेकर अड़ा हुआ है। उनकी मांग ये भी है कि सरकार संसद की सुरक्षा विषय पर चर्चा कराए। विपक्षी सदस्यों के भारी हंगामे के चलते सोमवार तक के लिए लोकसभा और राज्यसभा दोनों स्थगित हैं।

संसद में सिक्योरिटी ब्रीच पर शनिवार को कांग्रेस सांसद राहुल गांधी की ओर से भी पहली प्रतिक्रिया आई थी। उन्होंने इस घटना के पीछे मोदी सरकारी की नीतियों को जिम्मेदार ठहराया था। राहुल ने कहा, सुरक्षा में चूक तो हुई है। मगर ऐसा क्यों हुआ ? पूरे देश के युवा बेरोजगारी के कारण उबल रहे हैं। मोदी सरकार की नीतियों के कारण उन्हें रोजगार नहीं मिल रहा है। इस घटना के पीछे का कारण बेरोजगारी और महंगाई है।

इससे पहले समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने भी संसद में अराजकता पैदा करने वाले आरोपियों का बचाव करते हुए कहा था कि ये सभी नौजवान बेरोजगारी से दुखी थी। नौकरी-रोजगार नहीं मिल रही थी तो गूंगी-बहरी सरकार को जगाने के लिए सदन में कूद पड़े। वहीं, पूर्व केंद्रीय मंत्री जयराम रमेश ने कहा कि इस गंभीर विषय पर गृह मंत्री का सदन के अंदर बयान ना देकर बाहर मीडिया में बयान देना संसद की अवमानना है। जब संसद का सत्र चल रहा हो तो मंत्री कभी भी गंभीर मुद्दों सदन के बाहर बयान नहीं देते। वे संसद को विश्वास में लेते हैं।

सभी आरोपियों के फोन बरामद

संसद सुरक्षा चूक घटना की जांच कर रही दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल को रविवार को एक और बड़ी कामयाबी मिली। पुलिस ने सभी आरोपियों के फोन बरामद कर लिए हैं, जिसे 13 दिसंबर को घटना के बाद मास्टरमाइंड ललित झा लेकर फरार हो गया था। पुलिस ने सभी फोन राजस्थान से बरामद किए हैं। हालांकि, ये फोन पूरी तरह से जले हुए हैं। पुलिस बरामद इन सभी फोन को फॉरेंसिक जांच के लिए भेजेगी।

अब तक छह आरोपी गिरफ्तार

संसद के अंदर और बाहर अराजकता फैलाने के मामले में अब तक छह आरोपियों की गिरफ्तारी हो चुकी है। पुलिस ने घटना वाले दिन यानी 13 दिसंबर को चार आरोपियों सागर शर्मा, मनोरंजन डी, नीलम आजाद और अमोल शिंदे को गिरफ्तार किया था। 14 दिसंबर को मास्टमाइंड ललित झा ने पुलिस के समक्ष सरेंडर कर दिया था। मामले में विकी शर्मा और उसकी पत्नी राखी को हिरासत में लेकर पूछताछ की गई थी, बाद में उन्हें छोड़ दिया गया। विकी के गुड़गांव स्थित घर पर ही चार आरोपी रुके थे। वहीं, छठे आरोपी महेश कुमावत को शनिवार 16 दिसंबर को दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार किया। सभी आरोपियों के विरूद्ध यूएपीए की धाराओं में एफआईआर दर्ज की गई है।

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