Parliament Special Session: लोकसभा और विधानसभाओं में महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण, लोकसभा में बिल पेश
Parliament Special Session : मोदी कैबिनेट ने सोमवार को ही महिला आरक्षण बिल को मंजूरी दी थी। इस बिल को केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने आज लोकसभा में पेश किया।
Parliament Special Session: केंद्र की मोदी सरकार ने संसद के निचले सदन लोकसभा में महिला आरक्षण बिल 19 सितंबर 2023 यानी मंगलवार को पेश किया। महिला आरक्षण लोकसभा और विधानसभाओं की 33 प्रतिशत सीटों पर होगा। यह 15 साल के लिए लागू होगी। इसके साथ ही लोकसभा में महिलाओं की संख्या 181 हो जाएगी। यह आरक्षण राज्यसभा और विधान परिषद में लागू नहीं होगा। इसके अलावा एससी-एसटी के लिए भी आरक्षण रहेगा। लोकसभा में अभी अनुसूचित जाति (एससी) के लिए 84 और अनुसूचित जनजाति (एसटी) के लिए 47 सीटें आरक्षित हैं। अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित सीटों में से ही 33 प्रतिशत सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित होंगी।
मोदी कैबिनेट ने सोमवार को ही महिला आरक्षण बिल को मंजूरी दे दी थी। इस बिल को केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल आज लोकसभा में पेश किया।
27 सालों से पेंडिंग था बिल
करीब 27 सालों से लंबित महिला आरक्षण विधेयक आज लोकसभा में पेश किया गया। आंकड़ों के मुताबिक, लोकसभा में अभी महिला सांसदों की संख्या 15 फीसदी से कम है, जबकि राज्य विधानसभा में उनका प्रतिनिधित्व 10 फीसदी से भी कम है। इस मुद्दे पर 2010 में आखिरी बार कदम उठाया गया था, जब राज्यसभा ने हंगामे के बीच बिल पास कर दिया था और मार्शलों ने कुछ सांसदों को बाहर कर दिया था, जिन्होंने महिलाओं को 33 फीसदी आरक्षण का विरोध किया था। हालांकि लोकसभा में पारित नहीं होने के कारण यह विधेयक रद्द हो गया था।
अभी लोकसभा में 14 फीसदी महिला सांसद-
हम अगर लोकसभा की वर्तमान स्थिति की बात करें तो लोकसभा में 78 महिला सांसद हैं। जो कुल संख्या 543 के 15 प्रतिशत से भी कम हैं। बीते साल दिसंबर में सरकार द्वारा संसद में साझा किए गए आंकड़ों के अनुसार, राज्यसभा में भी महिलाओं का प्रतिनिधित्व करीब 14 प्रतिशत है। इसके अलावा 10 राज्यों की विधानसभाओं में महिलाओं का प्रतिनिधित्व 10 फीसदी से भी कम है, इनमें आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, असम, गोवा, गुजरात, हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक, केरल, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, मणिपुर, मेघालय, ओडिशा, सिक्किम, तमिलनाडु, तेलंगाना, त्रिपुरा और पुडुचेरी शामिल हैं।
बीजेपी और कांग्रेस दोनों का समर्थन
बतादें कि बीजेपी और कांग्रेस दोनों दलों ने महिला आरक्षण बिल का हमेशा समर्थन किया। हालांकि कुछ अन्य दलों ने महिला कोटा के भीतर ओबीसी आरक्षण की कुछ मांगों को लेकर इसका विरोध किया। अब एक बार फिर कई दलों ने संसद के इस विशेष सत्र में महिला आरक्षण विधेयक लाने और पारित करने की जोरदार वकालत की थी और मोदी सरकार ने आज 19 सितंबर 2023 को लोकसभा में महिला आरक्षण बिल को पेश कर 27 सालों से इस पर चल रहे बहस को समाप्त कर दिया।