Parliament Winter Session: संसद के शीतकालीन सत्र का आज चौथा दिन, अधीर रंजन की बीजेपी को चुनौती- 2024 से पहले POK छिनकर दिखाओ

Parliament Winter Session: बुधवार को निचले सदन में इस बिल पर चर्चा करने के दौरान खूब हंगामा हुआ। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने जम्मू कश्मीर को लेकर देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू की नीतियों पर जमकर निशाना साधा।

Written By :  Krishna Chaudhary
Update:2023-12-07 15:15 IST

Adhir Ranjan and Amit Shah (फोटो: सोशल मीडिया )

Parliament Winter Session: संसद के शीतकालीन सत्र का आज यानी बृहस्पतिवार को चौथा दिन है। संसद के दोनों सदनों लोकसभा और राज्यसभा में कार्यवाही जारी है। लोकसभा से जम्मू-कश्मीर आरक्षण (संशोधन) विधेयक और जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक पेश होने के बाद अब इसे राज्यसभा में पेश किया जाएगा। बुधवार को निचले सदन में इस बिल पर चर्चा करने के दौरान खूब हंगामा हुआ। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने जम्मू कश्मीर को लेकर देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू की नीतियों पर जमकर निशाना साधा।

अमित शाह ने कल कहा था नेहरू की गलती के कारण जम्मू कश्मीर का एक हिस्सा पाकिस्तान के कब्जे वाला कश्मीर यानी पीओके बन गया। उनके इस बयान पर सदन में कांग्रेस के सदस्यों ने खूब हंगामा किया। लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने शाह के बयान को लेकर बीजेपी पर बड़ा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि अगर उनमें हिम्मत है तो 2024 से पहले पीओके छिनकर दिखाएं।

‘16 साल में बीजेपी को किसने पीओके लाने से रोका’

पश्चिम बंगाल की मुर्शिदाबाद सीट से सांसद अधीर रंजन चौधरी ने संसद में एक पूरा दिन नेहरू पर शाह के बयान पर चर्चा कराने की मांग की। उन्होंने कहा, यह कोई छोटा मसला नहीं है। हिंदुस्तान के लोगों को भी पता चलना चाहिए। मान लीजिए कि नेहरू ने गलती की जैसा कि अमित शाह कह रहे हैं। बीजेपी भी दशकों से यही कहती आ रही है।

2019 में कश्मीर से जब धारा 370 को हटाया गया तो अमित शाह सदन में कह रहे थे कि पीओके सियाचीन सब कश्मीर का हिस्सा है और वापस लाने का दावा करते थे। मोदी सरकार के 10 साल हो गए, अटल जी सरकार के भी 6 साल गुजर गए। आखिर बीजेपी को रोका किसने है ? हिंदुस्तान में दो बहादुर हैं - मोदी जी और अमित शाह जी। इन दोनों बहादुर को किसने रोका कि पीओके पर वापस कब्जा ना लो।

‘पीओके का एक सेब तो लाकर दिखाओ’

कांग्रेस नेता ने आगे चुनौती देते हुए कहा कि कम से कम पीओके से एक सेब लाकर तो दिखाओ और कहो कि हां, हमने करके दिखाया है। पीओके का सीना चीरकर चीन-पाकिस्तान इकॉनोमिक कॉरिडोर बन रहा है। पीएम मोदी और अमित शाह इस पर चुप्पी क्यों साधे हुए हैं। पीओक छीनकर लाकर दिखाओ। जो कांग्रेस नहीं कर पाई, वो काम करके दिखाओ। यहां बड़ी-बड़ी बहादुरी की बातें करते हैं। गलवान की घटना सबको पता है। लद्दाख में अतिक्रमण हो चुका है।

क्या कहा था अमित शाह ने ?

दरअसल, बुधवार को लोकसभा में जम्मू-कश्मीर आरक्षण (संशोधन) विधेयक और जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक पेश किए जाने के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने एक लेटर पढ़ा था। इस लेटर के हवाले से उन्होंने कहा, नेहरू ने शेख अब्दुल्ला को लिखा था कि कश्मीर मुद्दा यूएन ले जाना गलती थी। शाह ने ये भी कहा कि कश्मीर में सेना जीत रही थी तभी सीजफायर कर दिया गया। नेहरू की गलती के कारण जम्मू कश्मीर का एक हिस्सा पाकिस्तान के कब्जे वाला कश्मीर यानी पीओके बन गया। ये उनका बहुत बड़ा ब्लंडर था।

फारूख अब्दुल्ला ने चुनाव कराने की मांग की

लोकसभा में जिन शेख अब्दुल्ला का अमित शाह जिक्र कर रहे थे, उनके बेटे और नेशनल कांफ्रेंस के मुखिया फारूख अब्दुल्ला ने जम्मू कश्मीर सबसे पहले चुनाव कराने की मांग की है। उन्होंने शाह के पीओके वाले बयान पर गुरूवार को प्रतिक़्रिया देते हुए कहा, सवाल है कि पहले चुनाव हो। उन्होंने कहा था कि वे तारीखें बताएंगे लेकिन अभिभाषण खत्म होने के बाद उन्होंने कोई तारीख नहीं बताई, हमारी मांग है चुनाव होने चाहिए।

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