पतंजलि ने तैयार की कोरोना की दवा! अब तक ठीक हुए 80 फीसदी लोग
पतंजलि आयुर्वेद ने दावा किया है कि कोरोना के खिलाफ एक दवा तैयार करना में सफलता हासिल हुई है। पतंजलि आयुर्वेद के को-फाउंडर आचार्य बालकृष्ण का कहना है कि पंतजलि ने कोरोना की दवा बनाने में सफलता हासिल कर ली है।
नई दिल्ली: पूरा देश इस वक्त कोरोना वायरस महामारी के खिलाफ जंग लड़ रहा है। तमाम कोशिशों के बाद भी भारत में तेजी से कोरोना वायरस के संक्रमण का प्रसार हो रहा है। रोजाना हजारों की तादाद में नए मामले सामने आ रहे हैं। वहीं इस महामारी से लड़ने के लिए भारत समेत दुनियाभर के तमाम देशों में शोध चल रहे हैं।
पतंजलि ने कोरोना के खिलाफ दवा बनाने का किया दावा
कई वैज्ञानिकों का दावा भी है कि इस साल के अंत तक कोरोना वैक्सीन बनकर तैयार हो जाएगी। अब इस बीच स्वदेशी आयुर्वेदा कंपनी पतंजलि आयुर्वेद ने दावा किया है कि कोरोना के खिलाफ एक दवा तैयार करना में सफलता हासिल हुई है। पतंजलि आयुर्वेद के को-फाउंडर आचार्य बालकृष्ण का कहना है कि पंतजलि ने कोरोना की दवा बनाने में सफलता हासिल कर ली है।
यह भी पढ़ें: इंसानियत हुई शर्मसार: लावारिस शव को कूड़ा गाड़ी से ले गयी पुलिस, देखते रहे लोग
दवा से 80 फीसदी लोग बीमारी से रिकवर हुए
आचार्य बालकृष्ण ने यह भी कहा कि इस दवा से अब तक एक हजार से ज्यादा लोग ठीक भी हो चुके हैं। आचार्य बालकृष्ण का दावा है कि कोरोना के खिलाफ इस दवा को अलग-अलग जगह पर कई कोरोना पॉजिटिव मरीजों को यह दिया गया है, जिसमें से तकरीबन 80 फीसदी लोग बीमारी से रिकवर हो चुके हैं।
महामारी के शुरूआत से ही इस दिशा में किया गया काम
आचार्य बालकृष्ण ने बताया कि कोरोना वायरस ने जैसे ही चीन समेत पूरे विश्व में दस्तक दी तो हमने अपने संस्थान में हर विभाग को केवल कोरोना के इलाज के लिए उपयोग होने वाली दवा बनाने के काम पर लगा दिया। जिसका नतीजा अब सामने या है। उन्होंने कहा कि इस दवा का सफल परीक्षण करने के साथ-साथ इसे तैयार भी कर लिया गया है।
यह भी पढ़ें: CM शिवराज का ऑडियो: इसने MP में मचा दिया है भूचाल, अब मुख्यमंत्री ने तोड़ी चुप्पी
सैकड़ों वैज्ञानिकों ने दिन-रात की मेहनत
उन्होंने बताया कि शास्त्रों, वेदों को पढ़कर और उसे विज्ञान के फॉर्मूले में डालकर आयुर्वेदिक चीजों से इस दवा को तैयार किया गया है। आचार्य बालकृष्ण ने कहा कि कोरोना के इलाज के लिए इस दवा को बनाने के लिए पतंजलि के सैकड़ों वैज्ञानिक दिन-रात काम पर लगे रहे।
एक हजार से ज्यादा मरीज हुए ठीक
इस संबंध में पतंजलि शोध संस्थान के मुख्य वैज्ञानिक ने बताया कि जब जनवरी में चीन में कोरोना की शुरूआत हुई, तभी से इसे लेकर काम शुरू कर दिया गया था। सैकड़ों वैज्ञानिकों ने इस दवा को बनाने के लिए दिन-रात मेहनत की है। इस कड़ी मेहनत का ही नतीजा है कि हमने दवा बनाने में सफलता हासिल कर ली है। इस दवा से एक हजार से ज्यादा लोगों के सही होने का दावा किया जा रहा है।
यह भी पढ़ें: यूपी में अलर्ट जारी: 3 घंटे में 10 जिले होगें झमाझम, बदल जाएगा मौसम
देश दुनिया की और खबरों को तेजी से जानने के लिए बनें रहें न्यूजट्रैक के साथ। हमें फेसबुक पर फॉलों करने के लिए @newstrack और ट्विटर पर फॉलो करने के लिए @newstrackmedia पर क्लिक करें।