लखनऊ: नोटबंदी के बाद मोदी सरकार देश में कैशलेस व्यवस्था का सपना देख रही है। पीएम मोदी और वित्त मंत्री अरुण जेटली बार-बार देश के युवाओं से ज्यादा से ज्यादा कैशलेस सुविधा का उपयोग करने की अपील कर रहे हैं। इस सब के बीच महाराष्ट्र के ठाणे जिले में एक ऐसा गांव है जिसने गुरुवार 1 दिसंबर से मोदी सरकार के सपने को साकार कर दिया है।
कैशलेस बना पूरा गांव
-महाराष्ट्र के ठाणे जिले का 'धसई' गांव देश का पहला कैशलेस गांव बन गया है।
-करीब 10 हजार आबादी वाले इस आदिवासी गांव में 1 दिसंबर से कैशलेस सिस्टम शुरू हो गया।
-बैंक आॅफ बड़ौदा की तरफ से 40 कैशलेस मशीने मुफ्त में बांटी हैं।
-महाराष्ट्र के राज्य वित्तमंत्री सुधीर मुंगटीवार ने ने झीनी चावल खरीदकर इसकी शुरुआत की।
15 किमी दूर बैंक के लगाने पड़ते थे चक्कर
-एक एनजीओ की पहल रंग लाई है।
-इस गांव में 150 व्यापारी व्यापार करते हैं।
-ये व्यापारी हर रोज एक करोड़ तक का कारोबार करते हैं।
-व्यापारियों को यहां से 15किलोमीटर की दूरी पर स्थित नैशनल बैंक के चक्कर काटने पड़ते हैं।
-सावरकर स्मारक के कार्यध्यक्ष रणजित सावरकर ने स्थानीय लोगों एवं व्यापारियों से मिलकर इस व्यवस्था को शुरू कराया।
-धसई के लोग सब्जी खरीदने, सलून, हाॅस्पिटल, गैरेज एवं ट्रैक्टर किराए से लेने के लिए कैशलेस ट्रांजेक्शन कर सकेंगे।