PM Modi: काशी सर्वविद्या की राजधानी, 10 वर्षों में बजा विकास का डमरू, वाराणसी में बोले मोदी

PM Modi in Varanasi: पीएम मोदी ने बीएचयू प्रांगण से कहा कि काशी तो सर्वविद्या की राजधानी है, आज काशी का वो सामर्थ्य और स्वरूप फिर से संवर रहा है।

Report :  Viren Singh
Update:2024-02-23 11:16 IST

PM Modi  (Pic: Social Media) 

PM Modi in Varanasi: प्रधानंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को यूपी में अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी के दौरे पर हैं। यहां पर पीएम मोदी 13,000 करोड़ रुपये से अधिक की कई विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास अब कुछ ही देर में करेंगे, लेकिन उससे पहले प्रधानमंत्री ने बीएचयू के संसद संस्कृत प्रतियोगिता के पुरस्कार वितरण समारोह में भाग लिया और कार्यक्रम को संबोधित किया। पीएम मोदी ने बीएचयू प्रांगण से कहा कि काशी तो सर्वविद्या की राजधानी है, आज काशी का वो सामर्थ्य और स्वरूप फिर से संवर रहा है। यह पूरे भारत के लिए गौरव की बात है। उन्होंने कहा कि जिस भूमि में महादेव का आशीर्वाद होता है, वह अपने आप समृद्ध हो जाती है, यही वजह है काशी की चारों दिशाओं में 10 वर्षों में विकास का डमरू बजा।

दो बुक भी हुईं लॉन्च

पीएम मोदी ने बीएचयू में आयोजित संसद संस्कृत प्रतियोगिता के विजेताओं को अपने हाथों सो पुरस्कार भी वितरिण किए। पीएम के साथ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी मौजूद रहे। इस मौके पर दो बुक भी लांच हुई, जिसमें मोदी सरकार के वाराणसी में बीते 10 सालों में हुए विकास कार्यों का लेखा जेखा दिया गया है। इस पर बुक पर पीएम मोदी ने कहा कि पिछले 10 वर्ष में काशी ने विकास की जो यात्रा तय की है, उसके हर पड़ाव और यहां की संस्कृति का वर्णन इस बुक में भी किया गया है। उन्होंने कहा कि काशी केवल हमारी आस्था का तीर्थ ही नहीं है बल्कि भारत की शाश्वत चेतना का जाग्रत केंद्र भी है। एक समय था, जब भारत की समृद्धि गाथा पूरे विश्व में कही जाती थी। इसके पीछे भारत की केवल आर्थिक ताकत ही नहीं थी। इसके पीछे हमारी सांस्कृतिक समृद्धि भी थी, सामाजिक और आध्यात्मिक समृद्धि भी थी।

मुझे जन जन को संवारना है

उन्होंने कहा कि काशी शिव की भी नगरी है और यह बुद्ध के उपदेशों की भी भूमि है। काशी जैन तीर्थंकरों की जन्मस्थली भी है और आदि शंकराचार्य को भी यहां से बोध मिला था। देश और दुनिया के कोने-कोने से लोग ज्ञान, शोध और शांति की तलाश में लोग काशी आते हैं। हर प्रांत, हर भाषा, हर बोली, हर रिवाज के लोग काशी आकर बसे हैं। जिस स्थान पर ऐसी विविधता होती है, वहीं नए विचारों का जन्म होता है। उन्होंने कहा कि काशी तो संवरने वाला है। रोड भी बनेंगे। ब्रिज भी बनेंगे। भवन भी बनेंगे, लेकिन मुझे तो यहां जन जन को संवारना है, हर मन को संवारना है और एक सेवक व साथी बनकर संवारना है।

विकास का डमरू चारों दिशाओं में बजता दिखा

प्रधानमंत्री ने एक बार फिर मोदी गारंटी का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि अगले पांच वर्षों में देश इस आत्मविश्वास से विकास को नई रफ्तार देगा। देश सफलताओं के नए प्रतिमान गढ़ेगा और ये मोदी की गारंटी है। उन्होंने काशी की महिमा पर प्रकाश डालते हुए कहा कि काशी जैसे हमारे तीर्थ और विश्वनाथ धाम जैसे हमारे मंदिर ही राष्ट्र की प्रगति की यज्ञशाला हुआ करती थीं। यहां साधना भी होती थी और शास्त्रार्थ भी होते थे। यहां संवाद भी होते थे और शोध भी होते थे। यहां संस्कृति के स्रोत भी थे और साहित्य संगीत की सरिताएं भी थीं। उन्होंने कहा कि आप जानते हैं कि हम सिर्फ 'निमित्त मात्र' हैं। काशी में 'कर्त्ता' महादेव हैं। जहां भी महादेव का आशीर्वाद होता है, वह भूमि इसी तरह समृद्ध हो जाती है। अभी महादेव बहुत प्रसन्न हैं, तो उनके आशीर्वाद से 10 साल में काशी ने चारों दिशाओं में विकास का डमरू बजते देखा।

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