Maritime India Summit 2021: PM मोदी का बड़ा एलान, इतने जलमार्गों का लक्ष्य
2 मार्च से 4 मार्च तक चलने वाले मैरीटाइम इंडिया समिट का आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के जरिये शुभारंभ किया।
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को मैरीटाइम इंडिया समिट 2021 का उद्घाटन किया। वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के जरिये हुए इस कार्यक्रम में 50 से ज्यादा देशों ने हिस्सा लिया। वहीं करीब 1. 7 लाख से ज्यादा प्रतिभागियों ने ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन किया। बता दें कि पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय की ओर से 2 मार्च से 4 मार्च तक वर्चुअल माध्यम पर मैरीटाइम इंडिया समिट-2021 का आयोजन हो रहा है। यह शिखर सम्मेलन अगले दशक के लिए भारत के समुद्री क्षेत्र के लिए एक रोडमैप की संकल्पना करेगा और भारत को वैश्विक समुद्री क्षेत्र में आगे बढ़ाने के लिए कार्य करेगा।
पीएम मोदी ने किया मैरीटाइम इंडिया समिट का उद्घाटन
दरअसल,2 मार्च से 4 मार्च तक चलने वाले मैरीटाइम इंडिया समिट का आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के जरिये शुभारंभ किया। इस मौके पर पीएम मोदी ने ई-बुक मैरीटाइम इंडिया विजन 2030 जारी किया।
पीएम बोले- भारत सरकार घरेलू जहाज निर्माण पर दे रही ध्यान
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि ये समिट इस क्षेत्र से संबंधित कई हितधारकों को एक साथ लाता है। उन्होंने कहा, “मुझे यकीन है कि हम समुद्री अर्थव्यवस्था को बढ़ाने में बड़ी सफलता हासिल करेंगे. भारत इस क्षेत्र में नेचुरल लीडर है. हमारे देश का शानदार समुद्री इतिहास है।”
भारत सरकार घरेलू जहाज निर्माण और शिप रिपेयर मार्केट पर ध्यान केंद्रित कर रही है। घरेलू जहाज निर्माण को बढ़ावा देने के लिए हमने शिपबिल्डिंग फाइनेंशियल असिस्टेंस पॉलिसी को मंजूरी दी है।
उन्होने कहा कि हमारी सरकार जलमार्ग में जिस तरीके का निवेश कर रही है वैसा कभी नहीं किया गया। घरेलू जलमार्ग माल ढुलाई के लिए किफायती और पर्यावरण अनुकूल भी हैं। हमने 2030 तक 23 जलमार्गों को शुरू करने का लक्ष्य रखा है।
बंदरगाहों की क्षमता बढ़कर हुई दोगुनी
पीएम ने बताया कि सरकार का ध्यान मौजूदा ढांचागत सुविधाओं को उन्नत बनाने, नई पीढ़ी की अवसंरचना तैयार करने और सुधारों की यात्रा को बढ़ावा देने पर है। वहीं बोले कि दुनिया की एक लीडिंग ब्लू इकॉनोमी बनने को लेकर भारत गंभीर है।
2014 में देश के बड़े बंदरगाहों की क्षमता करीब 870 मिलियन टन सालाना थी, जो अब बढ़कर करीब 1,550 मिलियन टन हो गई है। इससे सिर्फ हमारे बंदरगाहों का बल्कि ओवरऑल इकोनॉमी के विकास में मदद मिलती है।
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पीएम मोदी ने एलान किया कि सागरमाला प्रोजेक्ट के तहत 500 से अधिक परियोजनाएं शुरू होंगी। बता दें कि साल 2016 में सरकार ने बंदरगाहों से जुड़े विकास को बढ़ावा देने के लिए सागरमाला प्रोजेक्ट शुरू की थी। इसके तहत 2015-2035 के दौरान 6 लाख करोड़ रुपए की लागत से 574 से अधिक प्रोजेक्ट शुरू करने के लिए चिह्नित की गई है।