मेरी झांसी-मेरा बुंदेलखंड: केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय का उद्घाटन, पीएम मोदी का नारा

यह उद्घाटन वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से की गई। उद्घाटन के दौरान अपने संबोधन में पीएम ने कहा कि 'कभी रानी लक्ष्मीबाई ने बुंदेलखंड की धरती पर गर्जना की थी- मैं अपनी झांसी नहीं दूंगी।

Update: 2020-08-29 13:11 GMT
मेरी झांसी-मेरा बुंदेलखंड: केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय का उद्घाटन, पीएम मोदी का नारा

नई दिल्ली: देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रानी लक्ष्मी बाई केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय, झांसी के कॉलेज और प्रशासनिक भवनों का उद्घाटन किया। यह उद्घाटन वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से की गई। उद्घाटन के दौरान अपने संबोधन में पीएम ने कहा कि 'कभी रानी लक्ष्मीबाई ने बुंदेलखंड की धरती पर गर्जना की थी- मैं अपनी झांसी नहीं दूंगी। आज एक नई गर्जना की आवश्यकता है- मेरी झांसी-मेरा बुंदेलखंड आत्मनिर्भर भारत अभियान को सफल बनाने के लिए पूरी ताकत लगा देगा, एक नया अध्याय लिखेगा। इसमें बहुत बड़ी भूमिका कृषि की है।'

गांव की पूरी अर्थव्यवस्था कृषि पर निर्भर- PM

पीएम मोदी ने कहा कि 'जब हम कृषि में आत्मनिर्भरता की बात करते हैं तो ये सिर्फ खाद्यान्न तक ही सीमित नहीं है। बल्कि ये गांव की पूरी अर्थव्यवस्था की आत्मनिर्भरता की बात है। ये देश में खेती से पैदा होने वाले उत्पादों में वैल्यू एडिशन करके देश और दुनिया के बाज़ारों में पहुंचाने का मिशन है।' प्रधानमंत्री ने कहा, '6 साल पहले जहां देश में सिर्फ 1 केंद्रीय कृषि विश्विद्यालय था, आज 3 सेंट्रल एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटीज़ देश में काम कर रही हैं।

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कृषि में आत्मनिर्भरता का लक्ष्य किसानों को उद्यमी बनाने का

इसके अलावा तीन और राष्ट्रीय संस्थान IARI-झारखंड, IARI-असम, और मोतीहारी में महात्मा गांधी इंस्टीट्यूट फॉर इंटीग्रेटेड फार्मिंग की स्थापना की जा रही है। कृषि में आत्मनिर्भरता का लक्ष्य किसानों को एक उत्पादक के साथ ही उद्यमी बनाने का भी है। जब किसान और खेती, उद्योग के रूप में आगे बढ़ेगी तो बड़े स्तर पर गांव में और गांव के पास ही रोज़गार और स्वरोज़गार के अवसर तैयार होने वाले हैं।'

खेती से जुड़ी जो एक स्वभाविक समझ होती

उद्घाटन के बाद पीएम मोदी ने कहा कि ड्रोन टेक्नॉलॉजी हो, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस की टेक्नॉलॉजी हो, आधुनिक कृषि उपकरण हों, इसको देश की कृषि में अधिक से अधिक उपयोग में लाने के लिए आप जैसे युवा शोधार्थियों को, युवा वैज्ञानिकों को निरंतर काम करना होगा। इससे दो लाभ होंगे। एक लाभ तो ये होगा कि गांव के बच्चों में खेती से जुड़ी जो एक स्वभाविक समझ होती है, उसका विस्तार होगा। दूसरा लाभ ये होगा कि वो खेती और इससे जुड़ी तकनीक, व्यापार-कारोबार के बारे में अपने परिवार को ज्यादा जानकारी दे पाएगा।

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प्रैक्टिकल एप्लीकेशन को स्कूल स्तर पर ले जाना आवश्यक

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि कृषि से जुड़ी शिक्षा को, उसकी प्रैक्टिकल एप्लीकेशन को स्कूल स्तर पर ले जाना भी आवश्यक है। प्रयास है कि गांव के स्तर पर मिडिल स्कूल लेवल पर ही कृषि के विषय को इंट्रोड्यूस किया जाए। बुंदेलखंड की करीब-करीब 10 लाख गरीब बहनों को इस दौरान मुफ्त गैस सिलेंडर दिए गए हैं। लाखों बहनों के जनधन खाते में हज़ारों करोड़ रुपये जमा किए गए हैं। कोरोना के खिलाफ बुंदेलखंड के लोग भी डटे हुए हैं। सरकार ने भी प्रयास किया है कि लोगों को कम से कम दिक्कत हो। गरीब का चूल्हा जलता रहे, इसके लिए यूपी के करोड़ों गरीब और ग्रामीण परिवारों को मुफ्त राशन दिया जा रहा है

बुंदेलखंड के लाखों परिवारों को सीधा लाभ

पीएम ने कहा कि गरीब कल्याण रोज़गार अभियान के तहत यूपी में 700 करोड़ रुपये से अधिक का खर्च अब तक किया जा चुका है, जिसके तहत लाखों कामगारों को रोज़गार उपलब्ध हो रहा है। मुझे बताया गया है कि इस अभियान के तहत यहां बुंदेलखंड में भी सैकड़ों तालाबों को ठीक करने और नए तालाब बनाने का काम किया गया है। जब ये तैयार हो जाएंगी तो इससे बुंदेलखंड के लाखों परिवारों को सीधा लाभ होगा।

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अटल भूजल योजना पर भी काम

बुंदेलखंड में, भूजल के स्तर को ऊपर उठाने के लिए अटल भूजल योजना पर भी काम चल रहा है। बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे हो या फिर डिफेंस कॉरीडोर, हज़ारों करोड़ रुपये के ये प्रोजेक्ट यहां रोजगार के हजारों अवसर बनाने का काम करेंगे। प्रधानमंत्री ने कहा कि वो दिन दूर नहीं जब वीरों की ये भूमि, झांसी और इसके आसपास का ये क्षेत्र देश को रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के लिए एक बड़ा सेंटर बनेगा। एक तरह से बुंलेदखंड में ‘जय जवान, जय किसान और जय विज्ञान’ का मंत्र चारों दिशाओं में गूंजेगा। केंद्र सरकार और उत्तर प्रदेश की सरकार बुंदेलखंड की पुरातन पहचान को, इस धरती के गौरव को समृद्ध करने के लिए प्रतिबद्ध है।

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