PM Modi: आयुष्मान योजना न होती तो इनमें से ज्यादातर लोग अस्पताल में भर्ती ही नहीं हो पाते, बिहार में बोले-पीएम

PM Modi: बिहार में जब तक नीतीश कुमार सरकार में नहीं आए थे तब तक गरीबों की चिंता को लेकर कोई गंभीरता नहीं था। गरीबों के पास बीमारी को सहने के अलावा कोई दूसरा चारा नहीं था।

Report :  Network
Update:2024-11-13 13:17 IST

PM Modi (Pic - Social MMedia) 

PM Modi: अगर आज आयुष्मान भारत योजना न होती तो इनमें से ज्यादातर लोग अस्पताल में भर्ती ही नहीं हो पाते। मुझे इस बात का संतोष है कि इनके जीवन की बहुत बड़ी चिंता एनडीए सरकार की इस योजना से दूर हुई है। यह बातें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कही। उन्होंने बिहार के दरभंगा में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा, आयुष्मान भारत योजना से अब तक देश में 4 करोड़ से अधिक गरीब मरीजों का इलाज हो चुका है। उन्होंने आयुष्मान योजना की जमकर तारीफ करते हुए कहा कि इस योजना से करोड़ों परिवारों को करीब 1.25 लाख करोड़ रुपये की बचत हुई है। पीएम मोदी ने कहा कि दरभंगा में एम्स का सपना साकार होने की तरफ एक बड़ा कदम उठाया गया है। दरभंगा एम्स से बिहार, बंगाल और नेपाल के लोगों को फायदा मिलेगा।

पिछली सरकारों पर साधा निशाना

उन्होंने पिछली सरकारों पर जमकर निशाना साधते हुए कहा कि पहले सरकारें केवल वादों और दावों में उलझी रहती थी। बिहार में जब तक नीतीश कुमार सरकार में नहीं आए थे तब तक गरीबों की चिंता को लेकर कोई गंभीरता नहीं था। गरीबों के पास बीमारी को सहने के अलावा कोई दूसरा चारा नहीं था। हमारा देश कैसे आगे बढ़े? इसके लिए हमारी सरकार ने अपनी सोच के साथ-साथ एप्रोच को भी बदला। उन्होंने कहा, हमारा पहला फोकस बीमारी से बचाव पर है। दूसरा बीमारी के इलाज पर है, तीसरा सस्ता इलाज और दवाई, चौथा फोकस छोटे शहरों में इलाज की सुविधा देना और पांचवां फोकस टेक्नोलॉजी के जरिए इलाज की व्यवस्था करना है।

60 सालों तक देश में एक ही एम्स था

पीएम मोदी ने कहा, आज देश में दो दर्जन एम्स हैं। आजादी के 60 सालों तक भारत में केवल एक ही एम्स था। लोगों को इलाज के लिए दूर दराज से इलाज के लिए दिल्ली आना पड़ता था। हमारी सरकार ने नए नए एम्स बनाए। पीएम मोदी ने कहा कि मुजफ्फरपुर में कैंसर का बड़ा अस्पताल बन रहा है। इससे एक ही छत के नीचे सभी तरह के कैंसर का इलाज होगा। जल्दी ही आंखों का अस्पताल भी बिहार में बन रहा। आज मेडिकल कॉलेज और अस्पतालों की संख्या बढ़ी है। डॉक्टरों की संख्या में बढोतरी हुई है। पहले डॉक्टर बनना हो तो अंग्रेजी माध्यम जरूरी था। अब डॉक्टरी की पढ़ाई करनी हो या इंजीनियरिंग की वह अपनी मातृभाषा में पढ़कर अपनी पढ़ाई पूरी कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि यह भारत रत्न कर्पूरी ठाकुर को सच्ची श्रद्धांजलि है। हमारी सरकार ने एक और बड़ा निर्णय लिया, इससे युवाओं को काफी फायदा होगा। देश में हिन्दी या अन्य भाषाओं में भी मेडिकल की पढ़ाई होगी। यानी अब दलित, गरीब और आदिवासी भी आसानी से डॉक्टर बन पाएंगे।

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