PM Security Breach Case: पीएम मोदी सुरक्षा चूक में बड़ा एक्शन, फिरोजपुर SSP की लापरवाही पर SC की रिपोर्ट

PM Security Breach Case: आज सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने पुलिस बलों की बेहतर ट्रेनिंग की जरूरत को भी रेखांकित किया।

Written By :  Krishna Chaudhary
Update:2022-08-25 13:55 IST

PM Security Breach Case (photo: social media )

PM Security Breach Case: इस साल जनवरी में पंजाब में पाकिस्तान सीमा के निकट एक ओवरब्रिज पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के काफिले को 15 मिनट रूकना पड़ा था। इसे प्रधानमंत्री की सुरक्षा में बड़ी चूक माना गया। उस दौरान इसे लेकर खासा सियासी बवाल भी हुआ था। मामला सुप्रीम कोर्ट तक भी पहुंचा। इस मामले में शीर्ष अदालत ने जस्टिस इंदु मल्होत्रा की अध्यक्षता में एक जांच कमेटी का गठन किया था। इस कमेटी ने अपनी रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट कौ सौंप दी है।

कमेटी की रिपोर्ट में फिरोजपुर के एसएसपी हरमनदीप हंस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए गए हैं। रिपोर्ट में कहा गया कि 5 जनवरी को पीएम मोदी की सुरक्षा चूक में फिरोजपुर एसएसपी ने सही ढ़ंग से कदम नहीं उठाए। उन्होंने प्रधानमंत्री की सुरक्षा में तैनात केंद्र के अफसरों का सहयोग नहीं किया। एसएसपी को पीएम के सड़क मार्ग से जाने की सूचना दो घंटे पहले दे दी गई थी, फिर भी उन्होंने रूट क्लियर नहीं करवाया।

पुलिस अधिकारियों पर गिर सकती है गाज

आज सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने पुलिस बलों की बेहतर ट्रेनिंग की जरूरत को भी रेखांकित किया। अदालत ने आगे की कार्रवाई के लिए जस्टिस इंदू मल्होत्रा की रिपोर्ट केंद्र सरकार यानी गृह मंत्रालय को भेज दी है। ऐसे में माना जा रहा है कि पंजाब पुलिस के कई अधिकारियों के विरूद्ध कार्रवाई हो सकती है। फिरोजपुर के तत्कालीन एसएसपी और प्रधानमंत्री की सुरक्षा का जिम्मा संभाल रहे तह के अफसरों पर ऐक्शन तय है।

बता दें कि प्रधानमंत्री मोदी की सुरक्षा में जब चूक हुई थी, उस दौरान पंजाब में चरणजीत सिंह चन्नी की अगुवाई में कांग्रेस की सरकार थी। पीएम 5 जनवरी को बठिंडा एयरपोर्ट से हुसैनीवाला शहीद स्मारक में एक रैली को संबोधित करने के लिए जा रहे थे। प्रधानमंत्री का काफिला पाकिस्तान बॉर्डर के नजदीक हाईली सेंसिटिव जोन में एक फ्लाईओवर पर करीब 15 मिनट तक फंसा रहा था। बाद में प्रधानमंत्री को वापस लौटना पड़ा। एक किसान संगठन ने प्रधानमंत्री के काफिले को रोकने की जिम्मेदारी ली थी। इसे लेकर बीजेपी और कांग्रेस आमने – सामने आ गए थे। बीजेपी ने तत्कालीन कांग्रेस सरकार पर प्रधानमंत्री की सुरक्षा को खतरे में डालने का आरोप लगाया था। हालांकि, सीएम चन्नी ने इसी सुरक्षा में चूक मानने से इनकार कर दिया था।

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