Ram Mandir Inauguration: राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम जाएंगे पीएम, बोले- ऐतिहासिक अवसर का साक्षी बनना मेरा सौभाग्य

Ram Mandir Inauguration: अयोध्या में बन रहे भव्य श्रीराम मंदिर में 22 जनवरी 2024 को प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम होगा। इस मौके पर पीएम मोदी भी मौजूद रहेंगे। पीएम मोदी ने कहा कि आज का दिन बहुत भावनाओं से भरा हुआ है।

Update:2023-10-25 20:53 IST

PM Modi will be present in the consecration program at Shri Ram Temple

Ram Mandir Inauguration: अयोध्या में बन रहे भव्य दिव्य श्रीराम मंदिर में 22 जनवरी 2024 को प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम आयोजित होगा। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी मौजूद रहेंगे। 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम दोपहर 12ः30 बजे होगा। इसी सिलसिले में रामजन्म भूमि तीर्थ ट्रस्ट के सदस्यों ने बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात कर उन्हें अयोध्या में होने वाले प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में शामिल होने का निमंत्रण दिया, जिसे पीएम मोदी ने स्वीकार किया है। वहीं पीएम मोदी ने कहा कि आज का दिन बहुत भावनाओं से भरा हुआ है। अभी श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के पदाधिकारी मुझसे मेरे निवास स्थान पर मिलने आए थे। उन्होंने मुझे श्रीराम मंदिर में प्राण-प्रतिष्ठा के अवसर पर अयोध्या आने के लिए निमंत्रित किया है। जय सियाराम।

बता दें कि हाल ही में पीएम मोदी ने अयोध्या में बन रहे राम मंदिर का भी जिक्र किया था और कहा था कि सदियों का इंतजार खत्म हो रहा है। राम मंदिर का निर्माण हमारी जीत जैसा है। भगवान राम आने ही वाले हैं। कुछ समय पहले राम मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येन्द्र दास जी महाराज ने कहा था कि 15 जनवरी से 24 जनवरी 2024 को अनुष्ठान होगा। हमारी ओर से पीएमओ को पत्र लिखा गया और इस पर जवाब भी आ गया है। अब यह तय हो चुका है कि 22 जनवरी 2024 को पीएम मोदी प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में अयोध्या आएंगे।

सुप्रीम कोर्ट ने 2019 में सुनाया था फैसला

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने 2019 के फैसले में अयोध्या में विवादित जगह पर एक ट्रस्ट द्वारा राम मंदिर के निर्माण का मार्ग प्रशस्त कर दिया था। इसके अलावा अदालत ने केंद्र सरकार को नई मस्जिद के निर्माण के लिए सुन्नी वक्फ बोर्ड को वैकल्पिक पांच एकड़ का जमीन आवंटित करने का निर्देश दिया था। कोर्ट ने फैसला सुनाया था कि विवादित भूमि की 2.77 एकड़ जमीन जहां 16वीं सदी की ध्वस्त बाबरी मस्जिद थी, वह केंद्र सरकार के रिसीवर के पास रहेगी और फैसले के तीन महीने के भीतर मंदिर के निर्माण के लिए ट्रस्ट को सौंप दी जाएगी।

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