Sandeshkhali की पीड़ितों से मिल सकते हैं PM मोदी,..शेख के भाई ने हड़पी जमीन

Sandeshkhali Latest Update: स्थानीय लोगों ने टीएमसी नेता के शाहजहां शेख के भाई ने उनकी जमीन हड़पी है। विरोध प्रदर्शन के दौरान एक झोपड़ी फूंक दी गई।

Written By :  aman
Update: 2024-02-22 10:10 GMT

संदेशखाली पीड़िता और पीएम मोदी (Social Media) 

Sandeshkhali Case: पश्चिम बंगाल के संदेशखाली में गुरुवार (22 फरवरी) को एक बार फिर तनाव की स्थिति बन गई है। वहां के बेरमजूर में हालात तब ज्यादा बिगड़ गई, जब कुछ स्थानीय महिलाओं ने मामले में फरार चल रहे आरोपी शाहजहां शेख (टीएमसी से जुड़े) के भाई पर जमीन हड़पने के आरोप लगाए। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, तनावपूर्ण स्थिति के बीच कुछ लोगों ने पास में ही एक झोपड़ी में आग लगा दी। स्थानीय लोगों का आरोप है कि, जिन लोगों ने जमीन कब्ज़ा किया है, उन्होंने ही उस घर में आग लगाई।

'PM मोदी कर सकते हैं पीड़ितों से मुलाकात'

बंगाल के बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार (Sukant Majumdar) ने आज ऐसे संकेत दिए हैं कि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 6 मार्च को बारासात में एक विशेष कार्यक्रम के दौरान संदेशखाली की पीड़ित महिलाओं से भेंट-मुलाकात कर सकते हैं। सुकांत मजूमदार ने ये भी कहा, कि 'महिलाएं चाहेंगी तो इसकी व्यवस्था की जाएगी।'

बीजेपी, कांग्रेस ने ममता से पूछे सवाल

गौरतलब है कि, संदेशखाली का मुद्दा इस वक़्त देश में चर्चा का विषय बना हुआ है। ये बेहद संवेदनशील बन चुका है। बीजेपी, कांग्रेस सहित तमाम दलों ने ममता बनर्जी से इससे जुड़े सवाल पूछे हैं। लेकिन, तृणमूल कांग्रेस लगातार इस मुद्दे को खुद से दूर रखने की कोशिश करती रही है।

आखिर क्यों संदेशखाली में हो रहा इतना हंगामा?

दरअसल, संदेशखाली में 9 फरवरी से ही बवाल मचा है। ये पूरा क्षेत्र तृणमूल कांग्रेस के नेता शाहजहां शेख के दबदबे वाला है। शाहजहां शेख का नाम राशन घोटाले में सामने आया था। 5 जनवरी को प्रवर्तन निदेशालय (ED) की छापेमारी के दौरान टीम पर हमले हुए। जिसके बाद शेख मौके से फरार है। उसके फरार होने के बाद से स्थानीय महिलाओं ने शाहजहां शेख, उसके भाई और उनके समर्थकों के खिलाफ प्रदर्शन शुरू किया।

संदेशखाली की महिलाओं का आरोप है कि, शाहजहां शेख और उसके लोग महिलाओं का यौन शोषण करते थे। 9 फरवरी को प्रदर्शनकारी महिलाओं ने शाहजहां शेख समर्थक हाजरा के 3 पोल्ट्री फार्मों को जला दिया था। महिलाओं का दावा है कि, वे स्थानीय ग्रामीणों से जबरन छीनी गई जमीन थे। पश्चिम बंगाल के राज्यपाल ने यहां का दौरा करने के बाद कहा था, संदेशखाली में स्थिति काफी गंभीर है।

NIA जांच शुरू हुई

संदेशखाली में 20 फरवरी को काफी हंगामा हुआ। उस समय संदेशखाली मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की शुरुआती जांच बैठाई गई थी। इसी दिन भारतीय जनता पार्टी (BJP) के शुभेन्दु अधिकारी (Subhendu Adhikari) को कोलकाता पुलिस ने संदेशखाली जाने से रोक दिया था। वह धरने पर बैठ गए थे। बाद में कलकत्ता हाईकोर्ट (Calcutta High Court) ने उन्हें वहां जाने की इजाजत दी थी। 

Tags:    

Similar News