Tirupati laddus row: सियासी बिसात पर तिरुपति का लड्डू, कौन है निशाने पर

Tirupati laddus row: करोड़ों हिन्दुओं की आस्था पर यह सबसे बड़ा हमला था, जिससे सभी आहत हुए। लेकिन इस राजनीतिक गेम से असली दिक्कत किसे होगी ।

Written By :  Ramkrishna Vajpei
Update:2024-09-21 11:01 IST

Tirupati laddus row   (photo: social media )

Tirupati laddus row: तिरुपति का लड्डू इस समय का सर्वाधिक चर्चित मुद्दा हो गया है। लेकिन इस विवाद की टाइमिंग को लेकर सवाल उठ रहे हैं। यह विवाद एक ऐसे समय चर्चा में आया है जब जम्मू कश्मीर, हरियाणा, में विधानसभा चुनाव हो रहे हैं। महाराष्ट्र और झारखंड में विधानसभा चुनाव नवम्बर में होने की संभावना है। ऐसे में सवाल यह है कि इस विवाद का इन चुनावों पर क्या असर होगा। कौन है टारगेट पर। मोटे तौर पर देखा जाए तो इस विवाद से आंध्र प्रदेश के दो नेता सीधे तौर पर जुड़े दिख रहे हैं। जिसकी शुरुआत तेलुगुदेशम के मुख्यमंत्री चंद्र बाबू नायडू के एक बयान से हुई, निशाने पर आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी आए और इसका असर पूरे देश पर हुआ। करोड़ों हिन्दुओं की आस्था पर यह सबसे बड़ा हमला था, जिससे सभी आहत हुए। लेकिन इस राजनीतिक गेम से असली दिक्कत किसे होगी आइए जानते हैं यहां।

चंद्र बाबू नायडू ने सबसे पहले यह बयान देकर इस विवाद की शुरुआत की कि पूर्ववर्ती वाईएसआर कांग्रेस सरकार ने तिरुपति में वेंकटेश्वर मंदिर के लड्डू प्रसाद में जानवर की चर्बी का इस्तेमाल किया। मुख्यमंत्री नायडू का यह भी आरोप था कि वाईएसआर सरकार ने तिरुमाला के भक्तों को न केवल घटिया भोजन परोसा, बल्कि भक्तों की भावनाओं को भी ठेस पहुंचाई। हालांकि जगन मोहन रेड्डी, जो 2019 से 2024 तक मुख्यमंत्री थे, ने इन आरोपों को खारिज कर दिया और दावा किया कि लड्डुओं की खरीद के लिए निविदा प्रक्रिया पारदर्शी थी और उनकी सरकार ने मंदिर को आपूर्ति किए गए उत्पादों को 18 बार अस्वीकार कर दिया था।

लेकिन तेलुगूदेश पार्टी के चंद्र बाबू नायडू के इस आरोप से कहीं न कहीं भाजपा भी फंसती नजर आ रही है। क्योंकि जगन मोहन रेड्डी को उस समय भाजपा का समर्थन हासिल था। ऐसे में कहा जा सकता है कि चंद्र बाबू नायडू ने एक तीर से दो शिकार किये हैं एक तरफ वह जगन मोहन को निशाने पर लाए हैं तो दूसरी ओर भाजपा के लिए भी स्थिति असहज हो गई है।

भाजपा पर हमला 

कांग्रेस ने इस मामले पर भाजपा पर हमला बोल दिया है। कांग्रेस प्रवक्ता का कहना है कि अगर ऐसी कोई घटना हुई है तो वह काफी दुर्भाग्यपूर्ण है। हिंदुओं की आस्था से खिलवाड़ करने वाले को कड़ा दंड मिलना चाहिए। प्रवक्ता ने कहा चंद्रबाबू नायडू से पहले चूंकी जगनमोहन रेड्डी मुख्यमंत्री थे, जिनके साथ भाजपा का गुपचुप गठबंधन था। ऐसे में इस मामले पर भाजपा और जगनमोहन रेड्डी दोनों जवाब दें।


उधर जगन मोहन रेड्डी इस मामले को चंद्र बाबू के 100 दिन के शासन की विफलता से जोड़ते हुए इसे जनता का ध्यान भटकाने की कोशिश करार दे रहे हैं।

राजनीति का दांव पेंच चाहे जो हो लेकिन इस विवाद से हिन्दू आस्था को गहरी चोट पहुंची है। जिसका झटका किसे लगेगा यह आने वाला वक्त बताएगा।



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