नई दिल्ली : उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने भारतीय डाक सेवा अधिकारियों से अपील करते हुए कहा कि वे ग्रामीण डाक नेटवर्क को वितरण और लॉजिस्टिक केंद्र बनाने के लिए नेटवर्क को नया स्वरूप दें और उसे मजबूत बनाएं।
उपराष्ट्रपति ने कहा, "उन्हें इस बात पर गर्व है कि वे भारत के सबसे पुराने और व्यापक नेटवर्क का हिस्सा है। व्यापक नेटवर्क के साथ डाकघर वित्तीय समावेशन की चुनौतियों को पूरा कर सकता है, विशेषकर डाक बचत योजना और बीमा योजना उपलब्ध कराकर समाज के कमजोर वर्गो के बीच।"
उन्होंने अधिकारियों से कहा कि वे ग्रामीण क्षेत्रों में रह रहे लोगों की जिंदगी में परिवर्तन लाकर इस परिवर्तन के वाहक बनें। उन्होंने कहा कि ग्रामीण डाकघर आईसीटी केंद्र और खुदरा केंद्र बन सकते हैं। इससे ग्रामीण आबादी को काफी लाभ होगा।
उपराष्ट्रपति वेंकैया ने कहा, "डाकघर ग्रामीण इलाकों में रह रहे लोगों को संचार सेवाएं प्रदान करके महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। डाकघर ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के बीच संपर्क के रूप में काम करते हैं। डाकसेवक अंतिम व्यक्ति तक पहुंचने वाला पहला व्यक्ति होता है और यह बेहतरीन सेवा है जो दूरदराज के अंतिम व्यक्ति को मदद पहुंचाती है।"
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उन्होंने अधिकारियों को भारतीय आबादी को विश्वस्तरीय सेवाएं प्रदान करने के लिए नए विचारों के साथ नवाचारी बनने की सलाह दी।
उन्होंने कहा कि डाक टिकट की ऑनलाइन बिक्री, गंगा जल वितरण, डाकघर पासपोर्ट सेवा केंद्र व आधार नामांकन और नवीकरण केंद्रों ने लोगों की सुविधाओं को सुनिश्चित किया है।
उपराष्ट्रपति ने कहा कि अधिकारी हमेशा नए क्षेत्रों की पहचान करते रहे, जहां डाकघर गुणवत्ता सेवा में बदलाव ला सकते हैं।