राष्ट्रपति से मिले संदेशखाली पीड़ित, दर्द सुन भावुक हुईं द्रौपदी मुर्मू...5 महिलाओं-6 पुरुषों ने सुनाई व्यथा
Sandeshkhali Victims Meets President: संदेशखाली के पीड़ितों ने राष्ट्रपति मुर्मू से मिलकर अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति समुदाय की सुरक्षा के लिए हस्तक्षेप का आग्रह किया।
Sandeshkhali Victims Meet President Murmu: पश्चिम बंगाल के संदेशखाली की पांच महिलाओं सहित हिंसा के शिकार 11 पीड़ितों ने शुक्रवार (15 मार्च) को राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (President Draupadi Murmu) से मुलाकात की। उन्होंने अनुसूचित जाति (SC) और अनुसूचित जनजाति (ST) समुदाय की सुरक्षा के लिए राष्ट्रपति मुर्मू से हस्तक्षेप की मांग की।
सेंटर फॉर एससी/एसटी सपोर्ट एंड रिसर्च (Center for SC/ST Support and Research) के निदेशक डॉ. पार्थ बिस्वास ने कहा है कि, 'पीड़ितों में 5 महिलाएं और 6 पुरुष शामिल थे। सभी ने संदेशखाली हिंसा की समस्या को लेकर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को एक ज्ञापन सौंपा। राष्ट्रपति ने पीड़ितों की शिकायत सहानुभूति के साथ सुना। इससे वो बेहद दुखी हुईं।'
राष्ट्रपति मुर्मू से हस्तक्षेप की मांग
इस बाबत पार्थ बिस्वास ने बताया कि, 'पीड़ितों ने संदेशखाली में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति समुदाय की सुरक्षा के लिए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से हस्तक्षेप का आग्रह किया। ज्ञापन में उन्होंने कहा है कि, पीड़ित परिवारों की स्थिति बेहद चिंताजनक है। इस पर तत्काल ध्यान देने तथा हस्तक्षेप की आवश्यकता है'।
राष्ट्रपति बोलीं- हाशिए पर रहने वाले समुदायों के लिए...
संदेशखाली के पीड़ितों ने प्रेसिडेंट से कहा कि, 'हमारे देश में न्याय और समानता के संरक्षक के रूप में आपकी सम्मानित स्थिति को देखते हुए हमारा मानना है कि इस मामले को प्रभावी ढंग से संबोधित करने में आपका मार्गदर्शन और सहायता महत्वपूर्ण है। आगे कहा गया है कि, राष्ट्रपति मुर्मू का हस्तक्षेप संदेशखली में उत्पीड़ित लोगों को सांत्वना और राहत देगा। पूरे भारत में हाशिए पर रहने वाले समुदायों के लिए आशा की किरण के रूप में काम करेगा। आपकी बुद्धिमत्ता और करुणा का हमारे देश भर में लाखों लोग सम्मान करते हैं।'
जानें क्या है मामला?
गौरतलब है कि, 5 जनवरी को प्रवर्तन निदेशालय (ED) की टीम ने पश्चिम बंगाल में हुए राशन घोटाले को लेकर 24 नॉर्थ परगना जिले में आरोपी शाहजहां शेख (Shahjahan Sheikh) के यहां छापेमारी हुई थी। मगर, आरोपी शाहजहां शेख वहां से भाग निकला। उसने भीड़ को हमले के लिए उकसा भी। नतीजा ये रहा कि, भीड़ ईडी अधिकारियों पर टीम पर टूट पड़ी। कई अफसर घायल भी हुए। इस घटना के करीब 2 हफ्ते बाद संदेशखाली की महिलाएं सामने आईं। उन्होंने शाहजहां शेख और उसके सहयोगियों पर यौन उत्पीड़न, जमीन हड़पने सहित कई गंभीर आरोप लगाए। अपनी फरारी के 55 दिन बाद शाहजहां शेख हाई कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद गिरफ्तार हुआ। कलकत्ता हाईकोर्ट के निर्देश पर शेख को बंगाल पुलिस ने सीबीआई के हवाले किया।