Presidential Election 2022: मायावती ने एनडीए प्रत्याशी द्रौपदी मुर्मू को दिया समर्थन, जीत की राह होगी आसान

Indian Presidential Election 2022 : मायावती ने राष्ट्रपति चुनाव में NDA उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू को समर्थन देने का ऐलान किया है। इस चुनाव में बसपा के सांसद और विधायक द्रौपदी मुर्मू को अपना वोट देंगे।

Update: 2022-06-25 06:10 GMT

Draupadi Murmu and Mayawati (Image Credit : Social Media)

Presidential Election 2022 : राष्ट्रपति चुनाव में मायावती (Mayawati) ने एनडीए प्रत्याशी द्रौपदी मुर्मू (Draupadi Murmu) को अपना समर्थन देने का फैसला किया है। मायावती ने कहा वह एनडीए (NDA) को नहीं एक आदिवासी महिला को अपना समर्थन दे रही हैं। उनकी पार्टी के सांसद और विधायक द्रौपदी मुर्मू को अपना वोट देंगे। इससे पहले कयास लगाए जा रहे थे कि मायावती द्रोपदी मुर्मू का साथ दे सकती हैं और आज उन्होंने इसका ऐलान भी कर दिया। द्रौपदी मुर्मू के खिलाफ विपक्ष के प्रत्याशी पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा (Yashwant Sinha) मैदान में हैं, मायावती ने कहा विपक्ष बिना राय मशविरा के प्रत्याशी उतार दिया है।

मायावती की पार्टी के 10 सांसद और यूपी से एक विधायक है। इस तरह से 10 सांसदों का वोट 7,000 और एक विधायक का 208 वोट के हिसाब से एनडीए को अब 7,208 वोट और मिल जाएंगे। एनडीए के कुल वोट को मिलाकर द्रौपदी मुर्मू को जीतने के लिए 12,000 और मतों की आवश्यकता थी। जिसमें अब 7,208 वोट का इजाफा हो गया है। अब द्रौपदी मुर्मू को सिर्फ 4,792 वोटों की और जरूरत है, जिसके बाद वह देश की अगली महामहिम बन जाएंगी।

18 जुलाई को मतदान

राष्ट्रपति के लिए 18 जुलाई को मतदान होना है, एनडीए प्रत्याशी के तौर पर द्रौपदी मुर्मू ने अपना नामांकन दाखिल कर दिया है तो वह विपक्ष की ओर से यशवंत सिन्हा ने भी पर्चा भरा है। एनडीए के अलावा द्रौपदी मुर्मू के समर्थन में जिन विपक्षी दलों को उनका साथ मिला है उसमें उड़ीसा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक की पार्टी बीजू जनता दल और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी की पार्टी वाईएसआर कांग्रेस ने भी द्रौपदी मुर्मू को अपना समर्थन दिया है। उसके बावजूद उन्हें 12,000 वोटों की और जरूरत थी अब मायावती ने उसकी आधे से ज्यादा भरपाई कर दी है। उन्हें सिर्फ 4792 वोटों की और आवश्यकता है, जिसे हासिल करने के बीजेपी के लोग लगे हुए हैं।

विपक्ष की बैठक से मायावती की दूरी

राष्ट्रपति चुनाव को लेकर सबसे पहले पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बैठक की थी। उसके बाद विपक्ष की ओर से कांग्रेस और शरद पवार सरीखे नेताओं की एक बैठक हुई. जिसमें नाम को लेकर मंत्रणा हुई और यशवंत सिन्हा को उम्मीदवार बनाया गया। इसमें बीएसपी मुखिया मायावती शामिल नहीं हुई थी। तभी से अंदाजा लगाया जा रहा था कि मायावती अपने पत्ते आखिरी वक्त में खोलेंगी और उन्होंने एनडीए उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू को अपना समर्थन दे दिया है।

फिलहाल यूपी की दूसरी सबसे बड़ी पार्टी समाजवादी पार्टी ने अभी तक अपने पत्ते नहीं खोले हैं। इसको लेकर शुक्रवार को अखिलेश यादव ने अपने सांसदों और विधायकों के साथ एक बैठक की थी लेकिन अभी तक उन्होंने किसी प्रत्याशी के समर्थन की घोषणा नहीं की है देखना होगा कि सपा किसे अपना समर्थन देती है।

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