President Election 2022: सांसदों के वोट मूल्य में आई कमी, जानें क्या है MLA और MP के वोट मूल्य में अंतर

President Election 2022: देश के 15वें राष्ट्रपति के चयन हेतु चुनाव आगामी 18 जुलाई को सम्पन्न होने हैं। इस बार के राष्ट्रपति चुनाव में एक बदलाव के तौर पर सांसदों के मत मूल्य में कमी की गई है।

Written By :  Rajat Verma
Update: 2022-06-09 11:54 GMT

President Election 2022। (Social Media)

President Election 2022: भारत के नए राष्ट्रपति (President Election 2022) के चयन हेतु चुनाव के लिए आगामी 18 जुलाई की तारीख सुनिश्चित की गई है। इस दौरान मतदान की प्रक्रिया पूर्ण कर भारत के नए राष्ट्रपति का चयन प्रक्रिया पूर्ण की जाएगी। 18 जुलाई को चुनाव प्रक्रिया पूर्ण कर 25 जुलाई को देश के नए राष्ट्रपति अपना पदभार संभाल लेंगे। इस बार राष्ट्रपति चुनाव हेतु सांसदों का वोट मूल्य पहले की अपेक्षा में घट जाएगा। आज हम आपको इस लेख में राष्ट्रपति चुनाव में इस बार हुए बदलाव के साथ-साथ विधायकों और सांसदों के वोट मूल्य में अंतर के बारे में बताएंगे।

आम चुनावों से बेहद अलग होता है राष्ट्रपति का चुनाव

आपको बता दें कि देश के राष्ट्रपति का चुनाव (President Election 2022) अन्य आम चुनावों से बेहद अलग होता है। इस चुनाव में देश की आम जनता वोट नहीं डालती है बल्कि जनता द्वारा चुने गए जन प्रतिनिधि यानी लोकसभा (Lok Sabha)-राज्यसभा (Rajya Sabha) सांसद (MP) और विधायक (MLA) वोट डालते हैं। इसी प्रक्रिया के तहत अब 25 जुलाई को देश के 15वें राष्ट्रपति शपथ लेंगे।

देश के 15वें राष्ट्रपति के चयन हेतु लोकसभा के कुल 543 और राज्यसभा के कुल 233 सांसदों के अलावा देश की सभी विधानसभाओं के 4120 विधायक अपने मत का प्रयोग करेंगे। इसके अलावा कुछ ऐसे सदस्य भी हैं जो राष्ट्रपति चुनाव (President Election) में वोट नहीं डाल सकते हैं, इसमें राष्ट्रपति द्वारा मनोनीत 12 सांसद और 2 एंग्लो इंडियन सांसद शामिल हैं।

कम हुआ सांसदों के मत का मूल्य, जानें कारण

देश के 15वें राष्ट्रपति के चयन हेतु चुनाव आगामी 18 जुलाई को सम्पन्न होने हैं। इस बार के राष्ट्रपति चुनाव (President Election) में एक बदलाव के तौर पर सांसदों के मत मूल्य में कमी की गई है। आपको बात दें कि बीते चुनाव में एक सांसद के मत का मूल्य 708 था वहीं इस बार यह मूल्य घटाकर 700 कर दिया गया है।

सांसदों के मत मूल्य में कमी का असल कारण जम्मू-कश्मीर से जुड़ा हुआ है। दरअसल, जम्मू-कश्मीर में परिसीमन के चलते अभीतक विधानसभा गठित नहीं हुई है और इसी कारणवश सांसदों के मत मूल्य को घटा दिया गया है। सांसदों के मत का मूल्य निर्धारित करने के लिए सर्वप्रथम विधायकों के मत का मूल्य ज्ञात करना अनिवार्य है।

दरअसल, आपको बता दें कि सांसद (MP) और प्रत्येक राज्य के विधायक के मतों के मूल्य का अंतर अलग-अलग होता है, जिसे बाद में जोड़कर एक में सम्मिलित किया जाता है। इसे एक फार्मूला के तहत जांचा जाता है। विधायकों के मत का मूल्य= संबंधित राज्य की आबादी/कुल विधायकों की संख्या को 1000 से गुणा किया जाता है। सांसदों के मत का मूल्य= कुल विधायकों के मतों का मूल्य/सांसदों की संख्या (राज्यसभा+लोकसभा)

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