Presidential Election 2022: विपक्षी दलों की बैठक में आज फिर होगा मंथन, टीएमसी ने उछाला यशवंत सिन्हा का नाम

Presidential Election 2022: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और टीएमसी की मुखिया ममता बनर्जी इस बैठक में हिस्सा नहीं लेंगी। आज आयोजित बैठक पर सबकी निगाहें लगी हुई हैं।

Written By :  Anshuman Tiwari
Update: 2022-06-21 04:44 GMT

यशवंत सिन्हा (photo : social media ) 

Presidential Election 2022: राष्ट्रपति चुनाव (Presidential Election) के लिए उम्मीदवार तय करने के संबंध में विपक्षी दलों की एक सप्ताह के दौरान आज दूसरी महत्वपूर्ण बैठक (meeting) होगी। एनसीपी के मुखिया शरद पवार (Sharad Pawar) की ओर से बुलाई गई आज की बैठक को काफी अहम माना जा रहा है। हालांकि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और टीएमसी की मुखिया ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) इस बैठक में हिस्सा नहीं लेंगी। ममता की ओर से बुलाई गई विपक्षी दलों की पिछली बैठक में जिन नामों पर चर्चा हुई थी, उनमें से कोई भी राष्ट्रपति चुनाव में उम्मीदवार बनने के लिए तैयार नहीं है। ऐसे में आज आयोजित की बैठक पर सबकी निगाहें लगी हुई हैं।

पवार ने आज की बैठक में एआईएमआईएम के मुखिया असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi)  को भी न्योता भेजा है। पिछली बार ओवैसी की पार्टी को विपक्षी की बैठक में आमंत्रित नहीं किया था। पवार,डॉक्टर फारूक अब्दुल्ला और गोपाल कृष्ण गांधी के राष्ट्रपति उम्मीदवार बनने से इनकार के बाद आज की बैठक में तृणमूल कांग्रेस की ओर से पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा का नाम आगे किया जा सकता है। देखने वाली बात यह होगी कि विपक्ष की बैठक में आज किस नाम पर रजामंदी बनती है।

विपक्ष का प्रस्ताव ठुकरा चुके हैं तीन नेता

राष्ट्रपति का उम्मीदवार तय करने के लिए विपक्षी नेताओं की पहली बैठक में कोई कामयाबी नहीं मिली थी। इस बैठक में प्रमुख रूप से एनसीपी मुखिया शरद पवार का नाम उछला था मगर शरद पवार ने विपक्षी दलों के नेताओं के अनुरोध को ठुकरा दिया है। सियासी जानकारों का मानना है कि पवार सियासत के माहिर खिलाड़ी हैं और हार तय होने के कारण वे चुनावी अखाड़े में नहीं कूदना चाहते।

जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री डॉक्टर फारूक अब्दुल्ला के नाम पर भी बैठक में चर्चा हुई थी मगर वे भी उम्मीदवार बनने के लिए तैयार नहीं है। उनका कहना है कि वे अभी जम्मू कश्मीर के लिए ही सक्रिय बने रहना चाहते हैं। विपक्ष के कुछ नेताओं ने पश्चिम बंगाल के पूर्व राज्यपाल गोपाल कृष्ण गांधी से भी संपर्क साधा था।

गोपाल कृष्ण गांधी ने इस प्रस्ताव पर विचार करने के लिए कुछ समय मांगा था मगर सोमवार को उन्होंने भी विपक्षी दलों के अनुरोध को ठुकरा दिया है। इससे साफ हो गया है कि राष्ट्रपति पद के लिए उम्मीदवार तय करना विपक्षी नेताओं के लिए आसान काम नहीं होगा।

पवार ने ओवैसी को भी दिया न्योता

एनसीपी मुखिया शरद पवार ने आज होने वाली बैठक में एआईएमआईएम के मुखिया असदुद्दीन ओवैसी को भी न्योता भेजा है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की ओर से पिछले दिनों आयोजित बैठक में ओवैसी को आमंत्रित नहीं किया गया था। इसे लेकर ओवैसी ने नाराजगी जताई थी।

पवार की ओर से भेजे गए न्योते का ओवैसी ने स्वागत किया है। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि पूर्व निर्धारित कार्यक्रम होने के कारण वे इस बैठक में हिस्सा नहीं ले सकेंगे। ओवैसी ने पवार को शुक्रिया कहते हुए बताया कि विपक्ष की इस बैठक में पार्टी के सांसद इम्तियाज जलील एआईएमआईएम का प्रतिनिधित्व करेंगे।

टीएमसी रख सकती है यशवंत सिन्हा का नाम

पवार की ओर से आज बुलाई गई बैठक में टीएमसी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा के नाम पर विचार किया जा सकता है। इस बैठक में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी हिस्सा नहीं लेंगी मगर उनकी जगह उनके भतीजे और पार्टी के सांसद अभिषेक बनर्जी मौजूद रहेंगे। तृणमूल कांग्रेस के सूत्रों का कहना है कि यशवंत सिन्हा को राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाने के संबंध में कुछ प्रस्ताव मिले हैं।

आज होने वाली बैठक में पार्टी की ओर से यशवंत सिन्हा का नाम आगे किया जा सकता है। तृणमूल कांग्रेस के एक नेता ने कहा कि बैठक के दौरान अन्य विपक्षी दलों की ओर से रखे गए प्रस्तावों के बाद ही अंतिम फैसला किया जाएगा।

यशवंत सिन्हा अटल सरकार में वित्त मंत्री और विदेश मंत्री के रूप में काम कर चुके हैं। 2018 में उन्होंने भाजपा से इस्तीफा दे दिया था। पिछले साल उन्होंने तृणमूल कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण की थी। बाद में पार्टी की ओर से उन्हें राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाया गया था। ममता बनर्जी उन्हें पसंद करती हैं। ऐसे में टीएमसी की ओर से उनका नाम आगे किए जाने की संभावना है।

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