छितौनी के ग्रामीणों का अनूठा संदेश, स्वच्छता अभियान के लिए छेड़ा अभियान

Update:2017-09-29 12:11 IST

 

अनूप कुमार हेमकर की स्पेशल रिपोर्ट

बलिया। क्रांतिवीरों की धरती बलिया के छितौनी ग्राम के ग्रामीणों ने स्वच्छता के मामले में एक अनूठा सन्देश दिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छता अभियान से प्रभावित होकर ग्रामीण के साथ ही समाज के विभिन्न क्षेत्रों से जुड़े लोग स्वच्छता के साथ ही हरियाली, जलाशय रक्षा, नशा मुक्ति आदि सामाजिक बुराइयों के खात्मे के लिये एक रचनात्मक अभियान छेड़े हुए हैं। जिला मुख्यालय से तकरीबन 17 किलोमीटर दूर बलिया-सहतवार मार्ग पर स्थित सहतवार इलाके का छितौनी ग्राम स्वच्छता के मामले में सरकारी रहमोकरम पर निर्भर रहने वाले देश के दूसरे ग्रामों को एक मजबूत सन्देश दे रहा है कि यदि आमजन तयकर ले तो बगैर किसी सरकारी सहयोग के वह अपने परिश्रम की बदौलत अपने गांव की तस्वीर बदल सकते हैं।

इस गांव की पहचान भगवान शिव के छितेश्वर नाथ मंदिर से होती रही है। लेकिन अब इस गांव की पहचान स्वच्छता अभियान को लेकर है। कभी गन्दगी से सराबोर रहने वाले छितौनी ग्राम में बदलाव की बयार बह रही है। इसका बीड़ा उठाया है ग्राम के पेशे से शिक्षक मनोज दुबे व धर्मेंद्र दुबे ने । गन्दगी से पटे तकरीबन 2 हजार आबादी वाले इस ग्राम की नारकीय स्थिति से द्रवित होकर मनोज व धर्मेंद्र ने 27 मार्च 2016 को भगवान भोलेनाथ की कृपा व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रेरणा से ग्राम के उत्साही नागरिकों की बैठक आहूत किया तथा श्री छितेश्वर नाथ सेवा स्वच्छता समिति का गठन कर ग्राम को स्वच्छ बनाने का संकल्प लिया ।

इसके बाद समिति का कारवां आगे बढऩे लगा। समिति के कार्यों से प्रभावित होकर विभिन्न क्षेत्रों से जुड़े नामचीन लोग भी समिति से जुडऩे लगे। समिति के सदस्यों की संख्या इस समय 2 सौ पार कर गयी है। इसमें पड़ोसी ग्राम तिलारी के मूल निवासी व मध्यप्रदेश के उद्योगपति कौशल मिश्र के साथ ही डॉ मनोज सिंह, डॉ. बलिराम पांडेय, पत्रकार नरेंद्र मिश्र का नाम विशेष रूप से उल्लेखनीय है । समिति में गांव के सभी जाति के लोग तो है ही, इसके साथ ही इसमें सरकारी नौकरी करने वालों की सबसे अधिक तादात है। मनोज दुबे अपना भारत से बातचीत में बताते हैं कि प्रत्येक रविवार तडक़े 5 बजे तकरीबन एक सैकड़ा लोग नीला टी शर्ट पहनकर एक तयशुदा स्थान पर एकत्रित होते हैं तथा इसके बाद सफाई कार्य मे जुट जाते हैं ।

तकरीबन 3 घण्टे तक इनके द्वारा गांव को साफ-सुथरा करने के लिये जी तोड़ मशक्कत किया जाता है । इस अभियान के कार्यों का ही परिणाम यह हुआ है कि ग्राम की आबोहवा व सूरत बिल्कुल बदल सी गयी है। छितेश्वर नाथ मंदिर के तालाब को देख पहले मन्दिर का दर्शन करने आने वाले लोग मुँह पर रुमाल रख लेते रहे हैं, लेकिन अब मन्दिर आने वाले दर्शनार्थी आश्चर्य के साथ तालाब को देखते व सेल्फी लेते हैं। गन्दगी से सने रहने वाले सम्पर्क मार्ग अब चमक रहे है। समिति के कार्यों से प्रभावित होकर गांव के बाशिन्दे भी जागरूक हो गये है तथा गन्दगी को इधर-उधर फेंकने के बजाय उसे डस्टबिन में रखते हैं।

समिति डस्टबिन में एकत्र गन्दगी का भी उपयोग गांव के गड्ढों को पाटने व सडक़ को दुरुस्त और चौड़ा करने के लिये करती है। मनोज दूबे बताते हैं कि समिति केवल स्वच्छता अभियान तक ही सीमित नहीं रह गयी है। समिति के द्वारा वृक्षारोपण, जलाशय संरक्षण, तालाब की सफाई, नशामुक्ति आदि के लिये भी अभियान चलाया जा रहा है। समिति के कार्यों से प्रभावित होकर छत्तीसगढ़ सरकार ने रायपुर में इसी वर्ष 15 व 16 अप्रैल को एक समारोह आयोजित कर समिति को सम्मान पत्र भेंट किया।

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