प्रियंका को याद आई महबूबा, नजरबंदी बढ़ने पर उठाए सवाल
प्रियंका ने आगे लिखा, "बीजेपी सरकार लोकतंत्र की सबसे मजबूत शैली 'बातचीत' से नजरें चुराने के लिए नेताओं की नजरबंदी को अपना हथियार बना रही है।मुफ्ती को नजरबंद रखना आलोकतंत्रिक और असंवैधानिक है।
शुक्रवार को पीएसए के तहत पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती की हिरासत तीन महीने के लिए बढ़ा दी गई थी। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने मुफ्ती की रिहाई की मांग करते हुए इस फैसले को केंद्र सरकार की तानाशाही करार दिया है ।साथ ही ट्वीट करके प्रियंका गांधी ने लिखा कि, "हिंदुस्तान के संविधान और लोकतंत्र में आस्था रखने वाले नेताओं के साथ केंद्र सरकार द्वारा किया जा रहा रवैया तानाशाही का प्रतीक है।"
प्रियंका ने आगे लिखा, "बीजेपी सरकार लोकतंत्र की सबसे मजबूत शैली 'बातचीत' से नजरें चुराने के लिए नेताओं की नजरबंदी को अपना हथियार बना रही है।मुफ्ती को नजरबंद रखना आलोकतंत्रिक और असंवैधानिक है। उन्हें रिहा करना चाहिए।"
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पूर्व CM महबूबा मुफ्ती की हिरासत 3 महीने बढ़ी
हिंदुस्तान के संविधान और लोकतंत्र में आस्था रखने वाले नेताओं के साथ केंद्र सरकार द्वारा किया जा रहा रवैया तानाशाही का प्रतीक है।
भाजपा सरकार लोकतंत्र की सबसे मजबूत शैली 'बातचीत' से नजरें चुराने के लिए नेताओं की नजरबंदी को अपना हथियार बना रही है।..1/2
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) August 2, 2020
पिछले साल पांच अगस्त को जम्मू-कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांटने के पहले मुफ्ती समेत सैकड़ों लोगों को एहतियातन हिरासत में ले लिया गया था।पूर्व मुख्यमंत्री की हिरासत के मौजूदा आदेश की अवधि इस साल पांच अगस्त को खत्म हो रही थी।गृह विभाग के आदेश के अनुसार, मुफ्ती अपने आधिकारिक आवास फेयरव्यू बंगले में अगले तीन महीने और हिरासत में ही रहेंगी। इस बंगले को उप जेल घोषित किया गया है।
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सज्जाद लोन को प्रशासन ने रिहा किया
आदेश में कहा गया है, ‘‘कानून लागू करने वाली एजेंसियों ने हिरासत की अवधि आगे विस्तारित करने की सिफारिश की है और इस पर गौर करने के बाद इसे जरूरी समझा गया।'’ जम्मू-कश्मीर पीपुल्स कांफ्रेंस के अध्यक्ष सज्जाद लोन को प्रशासन ने रिहा कर दिया।मुख्यधारा के अधिकतर नेताओं को हिरासत से रिहा किया जा चुका है जिनमें फारूक अब्दुल्ला और उनके बेटे उमर अब्दुल्ला भी शामिल है।
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