HP Assembly Election 2022: हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस प्रियंका के भरोसे, राहुल ने बना रखी है चुनाव प्रचार से दूरी

Himachal Pradesh Assembly Election 2022: राहुल गांधी इन दिनों भारत जोड़ो यात्रा में व्यस्त हैं और वे हिमाचल प्रदेश में पार्टी प्रत्याशियों का चुनाव प्रचार करने के लिए अभी तक नहीं पहुंचे।

Written By :  Anshuman Tiwari
Update:2022-11-09 14:06 IST
Priyanka Gandhi - Rahul Gandhi (photo: social media )

Himachal Pradesh Assembly Election 2022: हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए 12 नवंबर को एक चरण में मतदान होना है। इस चुनाव में जीत हासिल करने के लिए भाजपा के साथ ही कांग्रेस और आप ने पूरी ताकत लगा रखी है। राज्य में हर पांच साल में भाजपा और कांग्रेस के बीच सत्ता बदलाव का ट्रेंड होने के कारण कांग्रेस नेताओं ने इस बार काफी उम्मीदें लगा रखी हैं। कांग्रेस की ओर से चुनाव प्रचार में एक बार प्रियंका गांधी काफी सक्रिय दिखी हैं। राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के निधन के बाद कांग्रेस में राज्य स्तर पर कोई बड़ा मजबूत चेहरा नहीं दिख रहा है।

कांग्रेस के सबसे स्टार प्रचारक माने जाने वाले राहुल गांधी इन दिनों भारत जोड़ो यात्रा में व्यस्त हैं और वे हिमाचल प्रदेश में पार्टी प्रत्याशियों का चुनाव प्रचार करने के लिए अभी तक नहीं पहुंचे। प्रचार के लिए काफी कम वक्त बचा है। ऐसे में उनके हिमाचल प्रदेश आने की अब कोई उम्मीद नहीं है। हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस पूरी तरह प्रियंका गांधी के भरोसे ही नजर आ रही है। हालांकि पार्टी के नए अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे भी आज हिमाचल प्रदेश में प्रचार के लिए पहुंचे हैं मगर वे मतदाताओं पर कितना असर डाल पाएंगे,यह देखने वाली बात होगी।

सोनिया-राहुल के बिना प्रियंका पर बड़ी जिम्मेदारी

हिमाचल प्रदेश का विधानसभा चुनाव सियासी नजरिए से कांग्रेस के लिए काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। दरअसल भाजपा ने राज्य में सत्ता बदलाव की परंपरा तोड़ने के लिए इस बार पूरी ताकत लगा रखी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह और पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा के दम पर पार्टी नेताओं को इस बार सत्ता बनाए रखने का भरोसा है। दूसरी ओर कांग्रेस पूरी तरह प्रियंका गांधी पर ही निर्भर नजर आ रही है।

स्वास्थ्य कारणों की वजह से इन दिनों सोनिया गांधी ने चुनाव प्रचार से दूरी बना रखी है। भारत जोड़ो यात्रा में व्यस्त होने के कारण राहुल भी हिमाचल प्रदेश में चुनाव प्रचार से पूरी तरह कटे रहे। इसलिए उत्तर प्रदेश के बाद हिमाचल प्रदेश में प्रियंका गांधी का बड़ा सियासी इम्तिहान होना है। उत्तर प्रदेश में प्रियंका कोई करिश्मा नहीं दिखा सकी थीं। उनके चुनाव प्रचार में डटे रहने के बावजूद पार्टी सिर्फ दो विधानसभा सीटों पर जीत हासिल करने में कामयाब हो सकी थी। अब उन्होंने हिमाचल प्रदेश में चुनाव प्रचार की कमान संभाल रखी है। ऐसे में हिमाचल प्रदेश के चुनावी नतीजे प्रियंका की छवि पर असर डालने वाले भी साबित होंगे।

प्रियंका का होगा सियासी इम्तिहान

उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव के बाद हिमाचल प्रदेश के चुनाव में प्रियंका गांधी ने काफी सक्रियता दिखाई है। प्रियंका गांधी ने राज्य के विभिन्न इलाकों में अपनी चुनावी सभाओं के दौरान भाजपा पर तीखे हमले के साथ ही हिमाचल प्रदेश के लोगों से तमाम चुनावी वादे भी किए हैं। मोदी सरकार की अग्निवीर योजना को लेकर भी उन्होंने हमलावर रुख अपना रखा है। कांग्रेस की ओर से पुरानी पेंशन योजना की बहाली का वादा भी किया गया है और प्रियंका अपनी सभाओं में इस मुद्दे को भी जोरशोर से उठा रही हैं। सोनिया और राहुल के चुनाव प्रचार से दूर रहने के कारण हिमाचल प्रदेश में प्रियंका की साख दांव पर लगी हुई है।

ऐसे में यदि कांग्रेस भाजपा को झटका देने में कामयाब नहीं हुई तो भाजपा की ओर से प्रियंका को निशाना बनाया जा सकता है। वीरभद्र सिंह के निधन के बाद कांग्रेस के पास कोई मजबूत स्थानीय चेहरा नहीं दिख रहा है। राज्य कांग्रेस की कमान उनकी पत्नी प्रतिभा सिंह के हाथों में है मगर वे कांग्रेस के लिए कितना मददगार साबित हो पाएंगी, यह देखने वाली बात होगी।

मलिकार्जुन खड़गे ने अभी कुछ दिनों पहले ही कांग्रेस के अध्यक्ष की जिम्मेदारी संभाली है और उनके हिमाचल में बहुत असरकारक साबित होने की संभावना नहीं है। ऐसे में सियासी जानकारों का मानना है कि हिमाचल प्रदेश के नतीजे प्रियंका की छवि को प्रभावित करने वाले साबित होंगे।

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