पंजाब सुलगाने की ताक में पाकिस्तान

Update:2018-11-16 14:58 IST

दुर्गेश पार्थसारथी

चंडीगढ़: पिछले दिनों पटियाला जिले के नाभा पहुंचे सैन्य प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने कहा था कि पंजाब व नार्थ ईस्ट में आतंकवाद की आग लगाने की कोशिशें हो रही हैं। पड़ोसी मुल्क पंजाब का माहौल खराब करने की कोशिशें कर रहा है। जनरल रावत ने ये बयान यूं ही नहीं दिया। यदि पंजाब में पिछले कुछ दिनों या महीनों के घटनाक्रम पर नजर डालें तो हालात कुछ यही बयां कर रहे हैं। जालंधर के थाना मकसूदां में गत माह बम फेंकने की घटना के कुछ दिनों बाद यहां के प्रतिष्ठित सिटी इंजीनियरिंग कॉलेज से पुलिस ने आतंकी संगठनों से जुड़े तीन कश्मीरी छात्रों को गिरफ्तार कर सबके कान खड़े कर दिए। थाने पर बम फेंकने की घटना के बाद पहले तो पुलिस ने इसे आतंकी घटना माना, लेकिन बाद में वह अपने इस अनुमान से मुकर गई। इसके बाद पंजाब में एक के बाद एक कश्मीरी छात्रों की गिरफ्तारी ने सुरक्षा एजेंसियों की नींद हराम कर दी है।

बादल की हत्या की साजिश

15 अक्टूबर को उत्तर प्रदेश के शामली में स्थानीय पुलिस ने गुरुद्वारे के एक ग्रंथी सहित तीन लोगों को गिरफ्तार कर पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश बादल की हत्या की साजिश का खुलासा किया। उत्तर प्रदेश पुलिस ने इन तीनों आरोपियों से पूछताछ में खुलासा किया कि इनका संबंध खालिस्तान समर्थकों से है और ये प्रकाश सिंह बादल या पूर्व उपमुख्यमंत्री सुखबीर सिह बादल की सभा में फायरिंग कर पहले दहशत फैलाना और इसी दौरान बादल या किसी अन्य बड़े नेता की हत्या करने की फिराक में थे। यही नहीं पुलिस ने इनसे शामली पुलिस से लूटी गई राइफल व गोलियां भी बरामद कीं जो ये गुरुद्वारा में छिपाकर रखे थे।

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एडीजी मेरठ जोन प्रशांत कुमार के अनुसार पकड़े गए बादमाशों ने बताया कि इनका सरगना जर्मनजीत सिंह पंजाब में आतंक फैलाना चाहता है और उसने पंजाब के रोपड़ जिले के एक गांव में भारी मात्रा में हथियार जमा कर रखा है। शामली पुलिस के हत्थे चढ़े ग्रंथी करम सिंह ने पूछताछ में यह भी खुलासा किया कि वह सात नवंबर को दीपावली के दिन पटिया में प्रकाश सिंह बादल की रैली में खूनखराबा करना चाहता था। वहीं जर्मन सिंह पहले भी आतंकी गतिविधियों में शामिल रहा है।

आतंकी संगठनों का पाक से संबंध

उल्लेखनीय है कि पिछले साल पटियाला जिले की नाभा जेल में बंद एक आतंकी को पंजाब पुलिस की वर्दी में आए उसके कुछ साथी बड़ी आसानी से लेकर फरार हो गए थे। हालांकि इस आतंकी को करीब एक माह की कड़ी मशक्कत के बाद दिल्ली के पास पुलिस ने धर दबोचा था। इस आतंकी का संबंध भी खालिस्तान टाइगर फोर्स से था। इसी साल कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टीन ट्रूडो के आगमन से पहले पंजाब के जालंधर जिले के करतारपुर, अमृतसर जिले के सीमावर्ती क्षेत्र अजनाला और शहीद भगत सिंह नगर से पकड़े गए आतंकियों का संबंध भी खालिस्तान टाइगर फोर्स से किसी न किसी रूप में जुड़ा हुआ था। इन आरोपियों ने भी माना था कि उन्हें खालिस्तान का सपना दिखाकर विदेशों में बैठे आतंकी संगठनों के सदस्यों ने पंजाब का माहौल खराब करने के लिए उकसाया था और इन आतंकी संगठनों का संबंध किसी न किसी रूप में पाकिस्तान से जुड़ा हुआ है।

कार्रवाई से कतराती रही पुलिस

करीब दो साल पहले पंजाब के हालात पर नजर दौड़ाएं तो पता चलता है जिन संगठनों के जरिए पंजाब के हालात खराब करवाए जाने की आशंका आर्मी चीफ जनरल बिपिन रावत जता रहे हैं उन संगठनों के बैनर पोस्टर पंजाब में गाहे-बगाहे दिखते रहे हैं।

अमृतसर में खालसा कॉलेज की दीवार पर, बसों के पीछे, पठानकोट, गुरदासपुर, तरनतारन और मोगा सहित प्रदेश के विभिन्न जिलों में खालिस्तान जिंदाबाद और सिख रिफरेंडम जस्टिस फॉर 20-20 के पोस्टर लगाने की घटनाओं के सामने आने के बाद भी यहां की पुलिस जांच का बहाना बना कर कार्रवाई से कतराती रही है। यही नहीं माछीवाड़ा साहिब के जोड़ मेले और मुक्तसर साहिब के माघी में अलगाववादी संगठनों की ओर से खालिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाए गए और कश्मीरी आतंकी के समर्थन में पोस्टर बांटे गए, लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। इसके पीछे राजनीतिक कारण रहा हो या कुछ और, लेकिन इन घटनाओं से जनरल रावत की आशंका को बल मिलता है।

पाक कनेक्शन की पुष्टि

इन सबके के बीच सिख रेफरेंडम 20-20 और आतंकी संगठन खालिस्तान गदर फोर्स के लिए काम करने वाले एक आतंकी शबनमदीप सिंह को पटियाला पुलिस ने सितंबर में धर दबोचा। शबनमदीप के पास से खालिस्तान गदर फोर्स का लेटर हेड, हैंड ग्रेनेड सहित पिस्तौल और अन्य सामान बरामद हुए। पुलिस जांच में पता चला कि शबनम दीप ने जरनैल सिंह भिंडरावाले की फोटो लगाकर अपना फेसबुक अकांट बना रखा है। उसके निशाने पर पुलिस चौकियां और भीड़भाड़ वाले इलाके थे। यह भी सामने आया कि शबदनमदीप की पहचान पाकिस्तान के एक इंटेलिजेंस अधिकारी से थी और उसने शबनमदीप को पाकिस्तानी सिख गोपाल सिंह चावला से मिलवाया।

चावला ने उसे दो अन्य लोगों से मिलवाया जिनका संबंध सिख फार जस्टिस से है। इन मुलाकातों के बाद पकडे गए आतंकी शबनमदीप की मुलाकात एसएफजे के कट्टर समर्थक निहाल सिंह से हुई, जिनके निर्देश पर शबनमदीप कई शराब ठेकों को आग लगाकर उसके वीडियो पाकिस्तानी इंटेलीजेंस अधिकारी को भेजता था। यही नहीं बताया जाता है कि शबनमदीप का संबंध तरनतारन जिले के आतंकी सुखराज सिंह से भी है। सुखराज सिंह इन दिनों जेल में हैं।

उल्लेखनीय है कि आतंकवाद के दौर में तरनतारन को आतंकियों की राजधानी के तौर पर जाना जाता था। इसी बीच शेख रियाजुद्दीन नाम के एक बीएसएफ जवान को जासूसी के आरोप में बीएसफ के अधिकारियों ने पकडक़र फिरोजपुर पुलिस के हवाले किया। महाराष्ट्र के लातूर जिले का रहने वाला यह जवान पाकिस्तानी इंटेलीजेंस ऑपरेटिव के मिर्जा फैसला नामक व्यक्ति को बीएसएफ और सीमा की गतिविधियों की जानकारी देता था।

कॉलेजों तक फैला है आतंकी नेटवर्क

पाकिस्तान समर्थित आतंकियों का नेटवर्क पंजाब के इंजीनियरिंग कॉलेजों तक पहुंच चुका है। पिछले माह अक्टूबर में जालंधर के सिटी इंजीनियरिंग कॉलेज के हॉस्टल में छापेमारी कर पकड़े गए तीन कश्मीर छात्रों से पूछताछ में जो तथ्य सामने आए उससे पुलिस सहित देश सुरक्षा एजेंसियों के होश फाख्ता हो गए। इसके बाद पुलिस ने पंजाब के लालडू स्थित एक एक इंजीनियरिंग कॉलेज में भी छापेमारी कर दो कश्मीरी छात्रों को गिरफ्तार किया। इन दोनों ही जगहों पर हुई छापेमारी में पुलिस ने हथियार बरामद किए थे। इन हथियारों की डिलीवरी भी अमृतसर के पास हुई थी।

पुलिस की पूछताछ में सामने आया कि सिटी कॉलेज से पकडे गए अंसार-गजवात उल हिंद के सक्रिय आतंकी रफीक बट्ट, इदरीश, जाहिद और सोहल कश्मीर के पुलवामा के एक ही हाईस्कूल में पढ़ते थे। पूछताछ में सामाने आया कि आतंकी बट्ट चंडीगढ़ में भी रुका था और वहां से जम्मू के लिए फ्लाइट पकड़ी थी। इसके साथ ही अमृतसर और लुधियाना से कुछ संदिग्ध कश्मीरी छात्रों को भी पुलिस ने हिरासत में लिया था। इन युवकों के मोबाइल से मारे गए आतंकी बुरहान बानी के फोटो भी मिले हैं। बताया जा रहा है कि पकड़े गए कश्मीरी छात्रों में से एक रफीक बट्ट आतंकी जाकिर मूसा का चचेरा भाई है और करीब तीन साल से जालंधर में रह कर बीटेक कर रहा था और पिछले छह माह से मूसा के संगठन का सक्रिय सदस्य था। पुलिस पूछताछ में यह बात भी सामने आई कि सिटी कॉलेज से पकड़े गए ये तीनों कश्मीरी छात्र जालंधर स्थित सीआरपीएफ कैंप पर हमला करना चालते थे। इसके लिए रेकी भी की गई, लेकिन बाद में इन आतंकियों ने मकसूदा थाने को अपना निशाना बनाया और उस पर बम फेंका। हालांकि इसमें कोई पुलिसकर्मी हताहत नहीं हुआ था।

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