Lok Sabha Election 2024: विपक्ष में सीटों के बंटवारे का मामला उलझा, तय समय से पहले खत्म हो सकती है राहुल गांधी की यात्रा
Lok Sabha Election 2024: कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं का मानना है कि गठबंधन का फॉर्मूला तय करने के लिए पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के साथ राहुल गांधी का होना जरूरी है।
Lok Sabha Election 2024: विपक्षी दलों के गठबंधन इंडिया में विभिन्न राज्यों में सीट शेयरिंग का मुद्दा अभी तक नहीं सुलझ है। कांग्रेस की गठबंधन समिति की सहयोगी दलों के साथ कई दौर की बैठकों के बावजूद विभिन्न राज्यों में अभी तक सीटों की संख्या निर्धारित नहीं की जा सकती है। ऐसे में कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि पार्टी नेता राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा तय समय से 10 दिन पहले यानी 10 मार्च को ही समाप्त हो सकती है।
दरअसल कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं का मानना है कि गठबंधन का फॉर्मूला तय करने के लिए पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के साथ राहुल गांधी का होना जरूरी है। इसलिए माना जा रहा है कि राहुल गांधी अपनी यात्रा तय समय से पहले समाप्त करके गठबंधन के फॉर्मूले को तय करने की कोशिश करेंगे।
कांग्रेस ने दिया यात्रा की रफ्तार बढ़ने का तर्क
लोकसभा चुनाव से पहले जहां एक ओर एनडीए लगातार अपने कुनबे को मजबूत बनाने में जुटा हुआ है तो दूसरी ओर विपक्ष का कुनबा लगातार बिखरता हुआ दिख रहा है। विपक्ष के कुनबे को बिखरने से रोकने और गठबंधन का फॉर्मूला तय करने के लिए राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा को समय से पहले समेटने की तैयारी शुरू कर दी गई है।
हालांकि पार्टी की ओर से इसके लिए अलग तर्क दिया जा रहा है। पार्टी नेताओं का कहना है कि यात्रा के दौरान प्रतिदिन 70 किलोमीटर की दूरी तय करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था मगर अब यात्रा प्रतिदिन 100 किलोमीटर की दूरी तय कर रही है।
यूपी में भी यात्रा की अवधि घटेगी
यात्रा की रफ्तार बढ़ाने के कारण तय किए गए लक्ष्यों को समझ से पहले ही हासिल कर लिया जाएगा। कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि उत्तर प्रदेश में यात्रा के लिए 11 दिनों का कार्यक्रम तय किया गया था मगर अब उत्तर प्रदेश में यह है यात्रा 6 से 7 दिनों के भीतर समाप्त हो जाएगी। यात्रा की रफ्तार बढ़ने के कारण इसे 10 दिन पूर्व समाप्त किया जा सकता है।
कई राज्यों में सीट शेयरिंग का मामला उलझा
कांग्रेस नेताओं की ओर से यात्रा की रफ्तार बढ़ाने की दलील दी जा रही है मगर जानकार सूत्रों का कहना है कि विभिन्न राज्यों में सीट शेयरिंग का मुद्दा उलझ जाने के कारण यात्रा को समय से पूर्व समाप्त करने की तैयारी कर ली गई है। विपक्ष का कुनबा लगातार बिखरता जा रहा है और इसे लेकर विपक्षी नेताओं के माथे पर चिंता की लकीरें दिखने लगी हैं। दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल ने पंजाब की सभी सीटों पर चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है जबकि अन्य राज्यों में उम्मीदवारों का नाम तय करने के लिए पार्टी की राजनीतिक मामलों की समिति की बैठक बुला ली गई है।
उत्तर प्रदेश में सपा के साथ बैठक के बावजूद अभी तक सीट शेयरिंग का फॉर्मूला नहीं तय हो सका है। पश्चिम बंगाल में टीएमसी मुखिया ममता बनर्जी ने सभी सीटों पर चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है। दिल्ली, गुजरात, हरियाणा और गोवा आदि राज्यों में भी अभी तक गठबंधन के फॉर्मूले को अंतिम रूप नहीं दिया जा सका है। इस कारण कांग्रेस ही नहीं अन्य विपक्षी दलों में भी बेचैनी दिख रही है।
खड़गे के साथ राहुल गांधी का होना जरूरी
कांग्रेस की ओर से गठबंधन के स्वरूप को आखिरी रूप देने के लिए कमेटी का गठन किया गया था मगर कमेटी सहयोगी दलों के साथ कई दौर की बैठक के बावजूद गठबंधन के फॉर्मूले को नहीं तय कर सकी है। कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि गठबंधन का फॉर्मूला तय करने के लिए कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के साथ राहुल गांधी का होना जरूरी है ताकि सहयोगी दलों को रजामंद करने में आसानी हो सके। सियासी जानकारों का मानना है कि इसी कारण राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा को समय से पहले समेटने की तैयारी कर ली गई है।