सूरत: कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरह भाषण देने में उन्हें सालों लग जाएंगे। मोदी जी जहां से आते हैं, वहां भाषण देना सिखाया जाता है। कांग्रेस में लोगों की बात सुनना सिखाया जाता है।
राहुल ने कहा कि वह लोगों की समस्याएं सुनना और उनका समाधान करने की कोशिश करना चाहते हैं।
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उद्योगों के प्रतिनिधियों की एक बैठक को संबोधित करते हुए 47 साल के राहुल ने यहां कहा, "कांग्रेस और भाजपा में एक बुनियादी फर्क है। वे लेक्चर देना चाहते हैं, वे आपको सुनना नहीं चाहते, उन्हें लाउडस्पीकर की तरह तैयार किया गया है।"
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कांग्रेस उपाध्यक्ष ने कहा, "वे आपसे बहुत अच्छी तरह से बातें करेंगे। मैं मोदी जी की तरह लेक्चर नहीं दे सकता। मुझे ऐसा करने में बरसों लगेंगे।" उत्तर प्रदेश के अमेठी से लोकसभा सांसद राहुल ने कहा कि उनके सोचने की प्रक्रिया बदल गई है क्योंकि वह पहले व्यवस्था में कमजोर लोगों की मदद करना चाहते थे, लेकिन अब उनका प्रयास पूरी व्यवस्था को मजबूत करने का है ताकि यह तेजी से काम कर सके। उन्होंने कहा, "आप हमें लिखित में समस्याएं बताएं। मैं वादा तो नहीं कर सकता, लेकिन मैं उन्हें देखूंगा और यदि हमारी सरकार सत्ता में आई तो हम उनका समाधान करेंगे।"
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कांग्रेस नेता ने वादा किया कि वह और उनकी पार्टी उद्योगों की समस्याएं सुनेंगे। उन्होंने कहा, "हम आपको सुनेंगे, आपकी समस्याओं को समझेंगे। समाधान के बारे में सोचेंगे और इसी मुताबिक काम करेंगे।" राहुल ने कहा कि केंद्र में पिछली यूपीए सरकार की मनरेगा जैसी महत्वाकांक्षी योजना और भूमि अधिग्रहण कानून को लागू कराने में उनकी अहम भूमिका रही थी। कांग्रेस उपाध्यक्ष नोटबंदी के एक साल पूरे होने के मौके पर पार्टी की ओर से मनाए जा रहे ‘काला दिवस’ में हिस्सा लेने के लिए यहां आए थे।