राहुल गांधी की ये चार रणनीति दिलाएगी कांग्रेस को गुजरात की सत्ता

Update:2017-11-30 14:08 IST
राहुल बोले- गब्बर सिंह के हमले की तरह आधी रात लागू की गई नोटबंदी, जीएसटी

लखनऊ : गुजरात चुनाव में बीजेपी और कांग्रेस की प्रतिष्ठा दांव पर है। बीजेपी जहां अपनी कुर्सी छोड़ना नहीं चाहती तो कांग्रेस अपनी खोई जमीन को पाने के लिए जद्दोजहत कर रही है। राजनीति के दो सूरमा अपनी-अपनी पार्टियों को मजबूती देने के लिए गुजरात चुनाव प्रचार में कोई कसर नहीं छोड़ रहे है। बीजेपी की कमान जहां खुद पीएम मोदी संभाले है तो नए अवतार के साथ अवतरित हुए राहुल गांधी कांग्रेस में नई उर्जा फूंक रहे है।

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राहुल गांधी सूबे के चुनाव का प्रचार अपने ढंग से कर रहे है। वे व्यक्तिगत हमलों से बचते हुए केंद्र सरकार की नीतियों और विफलताओं को निशाना बना रहे है। निजी हमलों से बचना कांग्रेस की मजबूरी भी है, क्यों कि वो 2007 के विधान सभा चुनाव में इसका खामियाजा उठा चुकी है जब सोनिया गांधी ने प्रचार के दौरान तत्कालीन सीएम नरेंद्र मोदी को मौत का सौदागर कहा था।

गुजरात चुनाव प्रचार के दौरान पार्टी उपाध्यक्ष राहुल गांधी फूंक-फूंक कर कदम रख रहे है। वे जाति, व्यवसाय और क्षेत्र को ध्यान में रख कर अपनी कार्ययोजना बना रहे है। newstrack.com आपको उन बिन्दुओं से रु-ब-रु कराएगा जो राहुल अपने भाषणों और चुनाव की रणनीति बनाने में खास ध्यान दे रहे है।

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सोशल मीडिया को कांग्रेस ने बनाया अपना सबसे बड़ा हथियार

राहुल गांधी विदेश यात्रा से लौटे तो एक नए अवतार के साथ मैदान में उतरे। जिस सोशल मीडिया में कभी राहुल गांधी ट्रोल हुआ करते थे उसी सोशल मीडिया को राहुल ने अपना हथियार बनाते हुए मोदी सरकार की विफलताओं और नीतियों के खिलाफ व्यंग के तीर चलाना शुरू किया। ऐसा नहीं है कि वो ये खुद अकेले कर रहे हैं। उन्होंने अपनी डिजिटल टीम में कई बदलाव किए और दक्षिण भारत की अभिनेत्री दिव्या स्पंदना को अपनी सोशल मीडिया टीम की हेड बनाया। कांग्रेस सूत्रों के अनुसार पार्टी की सोशल मीडिया की बागडोर सैम पित्रोदा के हाथ में है।

बीजेपी की ही तरह राहुल की सोशल मीडिया टीम ने व्यक्तिगत हमलों से बचते हुए मोदी सरकार को निशाना बनाया। कांग्रेस ने सबसे पहले सोशल मीडिया में 'विकास पागल हो गया' का तीर चलाया जो गुजरात चुनाव प्रचार के दौरान काफी चर्चा में रहा।

वन-टू-वन लोगो से मिलना शुरू किया राहुल ने

गुजरात चुनाव प्रचार के दौरान राहुल ने कई रोड शो किये और ये रोड शो अभी तक गांधी परिवार के किसी भी सदस्य के रोड शो से बिल्कुल अलग है। एसपीजी सुरक्षा के बावजूद राहुल सुरक्षा घेरे को तोड़ते हुए लोगो से मिले जिसकी तस्वीर भरूच दौरे के दौरान देखने को मिली जब एक लड़की उनकी गाड़ी के पास पहुंची तो उन्होंने उस लड़की को गाड़ी में ऊपर आने दिया और साथ में सेल्फी भी ली। राहुल एक छोटे से होटल में भी गए जहां उन्होंने आम लोगो के साथ खाना खाया।

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व्यव्क्तिगत हमलो से 100 कदम दूरी बनाये है राहुल

राहुल गांधी अपनी रैलियों के दौरान मोदी सरकार की विफलताओं और नीतियों को निशाना बना रहे है। चाहे बात जीएसटी को गब्बर सिंह टैक्स बताना हो या नोटबंदी के खिलाफ हल्ला बोल। हर रैली में किसी पर व्यंक्तिगत हमलों से बचते हुए सिर्फ मोदी सरकार पर हमला करना भी राहुल गांधी की रैलियों को सफल बना रही है।

जाति-धर्म को ध्यान में रख कर राहुल बना रहे रणनीति

गुजरात में अगर आबादी के तरफ ध्यान दें तो यहां 90 प्रतिशत आबादी हिंदुओं की है और कांग्रेस की नजर इन वोटरों पर है और सभी जाति वर्ग को एक साथ लाकर हिंदू वोटर बनाने के लिए राहुल पाटीदार आंदोलन के नेता हार्दिक पटेल, दलित आंदोलन के नेता जिग्नेश मेवाणी और ओबीसी आंदोलन के नेता अल्पेश ठाकोर को अपने साथ लेकर आ गई है। हिंदू वोटर को लुभाने के लिए राहुल अब तक 20 से ज्याीदा मंदिर जा चुके हैं और अपनी हर रैली से पहले मंदिर में जाकर मत्था जरूर टेकते हैं। जो बीजेपी को सबसे ज्यादा खटक रहा है।

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