बिहार चुनाव से पहले नीतीश कुमार की जदयू ने भाजपा को दिया झटका, मणिपुर सरकार से लिया समर्थन वापस
नीतीश कुमार की नेतृत्व वाली जनता दल (यूनाइटेड) ने मणिपुर में भाजपा सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया है, जिससे भाजपा को एक बड़ा झटका लगा है। हालांकि इससे सरकार की स्थिरता पर तत्काल कोई खतरा नहीं है क्योंकि भाजपा के पास बहुमत है।;
नीतीश कुमार की नेतृत्व वाली जनता दल (यूनाइटेड) ने मणिपुर में भाजपा सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया है, जिससे भाजपा को एक बड़ा झटका लगा है। मणिपुर विधानसभा में जदयू के छह विधायक थे, लेकिन इनमें से पांच विधायक पहले ही भाजपा में शामिल हो गए थे। अब जदयू का एकमात्र विधायक, मोहम्मद अब्दुल नासिर, विपक्षी बेंच पर बैठेगा। इस घटनाक्रम ने मणिपुर में भाजपा सरकार की स्थिति को प्रभावित किया है, हालांकि इससे सरकार की स्थिरता पर तत्काल कोई खतरा नहीं है क्योंकि भाजपा के पास बहुमत है।
राज्यपाल को दी सूचना
मणिपुर में जदयू द्वारा समर्थन वापस लेने का निर्णय राज्यपाल अजय कुमार भल्ला को एक पत्र के माध्यम से सूचित किया गया। जदयू के मणिपुर इकाई के प्रमुख केएस बीरेन सिंह ने पत्र में लिखा कि 2022 के विधानसभा चुनाव में जदयू ने छह उम्मीदवारों को खड़ा किया था, लेकिन कुछ ही महीनों बाद पांच विधायक भाजपा में शामिल हो गए। इसके बाद, जदयू ने संविधान की दसवीं अनुसूची के तहत इन पांच विधायकों के खिलाफ मामला दायर किया था।
पत्र में यह भी कहा गया कि जदयू अब भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार का समर्थन नहीं करता है और इसके एकमात्र विधायक मोहम्मद अब्दुल नासिर को विधानसभा में विपक्षी विधायक के रूप में माना जाएगा। यह घटनाक्रम मणिपुर में भाजपा के लिए एक महत्वपूर्ण राजनीतिक चुनौती पेश करता है, खासकर जब बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव हो रहे हैं और जदयू केंद्र और बिहार में भाजपा की सहयोगी है।
NPP भी ले चुकी है समर्थन वापस
इससे पहले, मणिपुर में नेशनल पीपुल्स पार्टी ने भी बीरेन सिंह सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया था, जिससे भाजपा के लिए राजनीतिक संकट और बढ़ गया था। हालांकि, मणिपुर में भाजपा की स्थिति अब भी मजबूत है, लेकिन जदयू और अन्य दलों का समर्थन वापस लेना भाजपा के लिए राजनीतिक दृष्टि से एक चुनौती हो सकता है।