Manipur Violence: मणिपुर हिंसा को लेकर राहुल ने पीएम मोदी को घेरा, तो केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने दिया कड़ा जवाब

Manipur Violence: कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने पीएम मोदी की चुप्पी पर निशाना साधा है। उन्होंने ट्वीट कर लिखा, मणिपुर जल रहा। यूरोपियन संसद ने भी भारत के आंतरिक मसले पर चर्चा की। पीएम ने इस पर एक शब्द भी नहीं कहा।

Update:2023-07-15 16:18 IST
मणिपुर हिंसा को लेकर राहुल गांधी-पीएम मोदी-स्मृति ईरानी: Photo- Social Media

Manipur Violence: मणिपुर में जातीय हिंसा को शुरू हुए दो माह से अधिक का समय बीत चुका है लेकिन अभी तक हालात पूरी तरह से सामान्य नहीं हो पाए हैं। राज्य में अब भी हिंसा का दौर जारी है। हालांकि, पहले से हालात बेहतर जरूर हुए है, मगर तनाव अब भी व्यापत है। मणिपुर हिंसा को लेकर विपक्ष लगातार मोदी सरकार पर हमलावर है। साथ ही वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चुप्पी पर भी सवाल खड़े कर रहे हैं।

शनिवार को कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने पीएम मोदी की चुप्पी पर निशाना साधा है। उन्होंने ट्वीट कर लिखा, मणिपुर जल रहा। यूरोपियन संसद ने भी भारत के आंतरिक मसले पर चर्चा की। पीएम ने इस पर एक शब्द भी नहीं कहा। इस बीच, राफेल ने पीएम को बैस्टिल डे परेड का टिकट दिला दिया। दरअसल, पीएम मोदी दो दिन की फ्रांस यात्रा पर गए थे। फ्रेंच सरकार ने उन्हें बैस्टिल डे परेड में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया था।

राहुल पर स्मृति का पलटवार

राहुल गांधी के इस बयान पर बीजेपी की ओर से भी प्रतिक्रिया आई है। केंद्रीय मंत्री और 2019 के आम चुनाव में अमेठी से चुनाव जीतने वालीं स्मृति ईरानी ने राहुल गांधी पर जोरदार पलटवार किया है। उन्होंने कांग्रेस नेता के ट्वीट का जवाब देते हुए लिखा, एक व्यक्ति जो भारत के आंतरिक मामलों में अंतरराष्ट्रीय हस्तक्षेप चाहता है, एक निराश राजवंश जो 'मेक इन इंडिया' की महत्वाकांक्षा को ठेस पहुंचाता है, जब हमारे प्रधान मंत्री को राष्ट्रीय सम्मान मिलता है तो वह भारत का मजाक उड़ाता है। लोगों द्वारा अस्वीकार किए जाने के बाद, वह इस बात से नाराज है कि रक्षा अनुबंध अब राजवंश के दरवाजे पर नहीं पहुंच रहे हैं।

यूरोपिय संघ की संसद में हुई थी चर्चा

मणिपुर हिंसा का मुद्दा अंतरराष्ट्रीय हलकों में भी चर्चा का विषय बना हुआ है। गुरूवार को इस यूरोपिय संघ की संसद में एक प्रस्ताव पारित हुआ। संसद में मानवाधिकार की स्थिति पर चर्चा करने के साथ-साथ आरोप लगाया गया कि भारत में अल्पसंख्यकों के प्रति असहिष्णुता के कारण मौजूदा स्थिति बनी है। प्रस्ताव में मणिपुर में इंटरनेट बैन का भी जिक्र किया गया है।

बता दें कि मणिपुर में बीते 74 दिनों से मैतेई और कुकी समुदाय के लोग एक-दूसरे के खिलाफ जमकर हिंसा कर रहे हैं। इस जातीय संघर्ष की आग में अब तक 142 लोगों की जान की भेंट चढ़ चुकी है। 65 हजार से अधिक लोग अपने घर – आंगन छोड़ राहत शिविरों में रह रहे हैं।

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