महाराष्ट्र में राज ठाकरे ने बदला रुख, NDA से हुए अलग, अकेले विधानसभा चुनाव लड़ने का ऐलान
Maharashtra Politics: राज ठाकरे ने गुरुवार को मुंबई में अपनी पार्टी के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं की बैठक बुलाई थी और इस बैठक के दौरान ही अपने दम पर चुनाव लड़ने का फैसला लिया गया।
Maharashtra Politics: महाराष्ट्र में जल्द होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के मुखिया राज ठाकरे ने अपना रुख बदल लिया है। लोकसभा चुनाव के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और एनडीए का समर्थन करने वाले राज ठाकरे ने अब विधानसभा चुनाव अकेले लड़ने का ऐलान किया है। राज ठाकरे ने गुरुवार को मुंबई में अपनी पार्टी के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं की बैठक बुलाई थी और इस बैठक के दौरान ही अपने दम पर चुनाव लड़ने का फैसला लिया गया।
प्रत्याशियों के चयन के लिए बनाई कमेटी
महाराष्ट्र में विधानसभा की 288 सीटें हैं और राज ठाकरे ने राज्य की 225 से 250 सीटों पर चुनाव लड़ने का ऐलान किया है। राज ठाकरे ने कहा कि हम जल्द ही अपनी पार्टी के संभावित उम्मीदवारों को तय करने की प्रक्रिया भी शुरू करेंगे। इसके लिए पार्टी के पांच वरिष्ठ नेताओं की एक कमेटी का भी गठन किया गया है।
यह कमेटी विभिन्न विधानसभा क्षेत्रों में संभावित उम्मीदवारों के नाम तय करेगी और फिर राज ठाकरे उन नामों पर आखिरी मुहर लगाएंगे। पार्टी कार्यकर्ताओं की सक्रियता बढ़ाने के लिए राज ठाकरे ने एक अगस्त से राज्यव्यापी दौरे का कार्यक्रम भी बनाया है। राज्य के विभिन्न इलाकों की यात्रा के दौरान राज ठाकरे पार्टी कार्यकर्ताओं से फीडबैक लेने के साथ ही चुनावी चर्चा भी करेंगे।
इसलिए लिया अलग होने का फैसला
मनसे के पदाधिकारियों की बैठक के बाद पार्टी के नेता संदीप देशपांडे ने साफ तौर पर कहा कि हम महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ महायुति गठबंधन के प्रस्तावों का इंतजार करने की स्थिति में नहीं हैं। उन्होंने कहा कि अभी तक महाराष्ट्र में भाजपा,शिंदे गुट और अजित पवार गुट के बीच सीट बंटवारे को लेकर कोई सहमति नहीं बन सकी है। ऐसी स्थिति में सीटों को लेकर लंबा इंतजार करना होगा मगर हम अभी से अपनी चुनावी तैयारी में जुटना चाहते हैं।
रुख बदलने पर विपक्ष ने कसा तंज
दूसरी ओर विपक्षी दलों ने राज ठाकरे का रुख बदलने पर तंज भी कसा है। शिवसेना (यूबीटी) के प्रवक्ता आनंद दुबे ने कहा कि लोकसभा चुनाव के दौरान राज ठाकरे ने एनडीए का समर्थन किया था मगर अब उन्होंने विधानसभा चुनाव अकेले लड़ने का ऐलान कर दिया है। उन्होंने कहा कि एकमात्र विधायक के दम पर मनसे सत्ता में आने का सपना देख रही है। सच्चाई तो यह है कि राज ठाकरे पूरी तरह भ्रमित दिख रहे हैं और उन्हें यह स्पष्ट करना चाहिए कि आखिरकार वे क्या चाहते हैं।
शिवसेना शिंदे गुट के विधायक और प्रवक्ता संजय शिरसाट ने कहा कि मनसे को महायुति के साथ मिलकर विधानसभा चुनाव लड़ना चाहिए। उन्होंने कहा कि अभी महायुति में शामिल दलों के बीच सीट बंटवारे पर सहमति नहीं बन सकी है और सीट बंटवारा फाइनल होने पर मनसे को भी प्रस्ताव दिया जाएगा।
राज ठाकरे के फैसले से किसे होगा नुकसान
दरअसल महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ महायुति गठबंधन में सीटों को लेकर अभी तक खींचतान की स्थिति बनी हुई है। भाजपा ने 160 से 170 सीटों पर चुनाव लड़ने का मन बनाया है जबकि दूसरी ओर शिंदे गुट भी 100 सीटों पर दावेदारी कर रहा है। अजित पवार ने हाल में गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात के दौरान 80 से 90 सीटों पर अपनी पार्टी की दावेदारी पेश की थी।
सियासी जानकारों का मानना है कि सत्तारूढ़ गठबंधन में चल रही इस खींचतान के कारण राज ठाकरे ने पहले ही अपना रास्ता अलग कर लिया है। उन्हें इस गठबंधन में ज्यादा सीटों की संभावना नहीं दिख रही थी और इसी कारण वे अकेले चुनाव मैदान में उतरने जा रहे हैं। मराठी और हिंदुत्व महायुति गठबंधन में शामिल दलों का भी मुख्य एजेंडा है और ऐसे में राज ठाकरे के अलग चुनाव लड़ने से वोटों का बंटवारा तय माना जा रहा है। इससे सत्तारूढ़ गठबंधन को मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है।