बेंगलुरु: मिस व्हीलचेयर में भारत की दावेदारी पेश करने जा रही राजलक्ष्मी न सिर्फ असिस्टैंट प्रोफेसर हैं बल्कि खुद का डेंटल क्लीनिक भी चलाती हैं। उनके डेंटल क्लीनिक का नाम है एसजे डेंटल स्क्वॉयर। राजलक्ष्मी कहती हैं कि भारत में सबसे बड़ी चुनौती इन्फ्रास्ट्रक्चर की है। मैं सब लोगों की मानसिकता को एक तराजू में नहीं तौलूंगी, लेकिन समाज में ऐसे भी लोग हैं जो विकलांगता को अलग नजरिए से ही देखते हैं।पोलैंड में आयोजित मिस व्हीलचेयर वर्ल्ड समारोह के लिए वह जल्द ही रवाना हो जाएंगी। राजलक्ष्मी कहती हैं कि यह सफर उनके लिए मुश्किल तो होगा लेकिन उनके लिए इसकी अहमियत बहुत ज्यादा है
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ऐडवेंचर पसंद राजलक्ष्मी 2014 में मिस व्हीलचेयर इंडिया पीजेंट भी रह चुकी हैं। अब वह मिस व्हीलचेयर वर्ल्ड में भारत की ओर से दावेदारी पेश करेंगी। इस बार यह प्रतियोगिता पोलैंड में हो आयोजित हो रही है। बीडीएस की परीक्षा पूरी करने के बाद साल 2007 में नैशनल कॉन्फ्रेंस में पेपर प्रेजेंट करने चेन्नई जा रहीं है राजलक्ष्मी का रास्ते में ऐक्सिडेंट हो गया था। इस दुर्घटना में उन्हें स्पाइनल इंजरी हो गई थी और उनके पैरों को लकवा मार गया था। लेकिन राजलक्ष्मी ने कभी हार नहीं मानी। एक के बाद एक कई सर्जरियों के बाद भी उनका पैर ठीक नहीं हुआ।
शारीरिक रूप से अक्षम होने के बावजूद राजलक्ष्मी ने अपनी डिग्री पूरी की उसके बाद साइकॉलजी, फैशन डिजाइिनंग, वेदिक योगा जैसे कोर्स किए। 2015 के फैशन वीक में उन्होंने रैंप पर अपने जलवे बिखेरे थे। वह जेनेटिक्स रिसर्च प्रोजेक्ट का हिस्सा रही हैं और नेशनल कन्वेंशन्स में पेपर और पोस्टर प्रजेंट किये हैं।