रेप पीड़िता को सुनाया गया तालिबानी फरमान, 5 लाख का जुर्माना, हुक्का-पानी बंद

राजस्थान के बाड़मेर जिले में दरिंदगी की घटना सामने आई है। यहां रेप के एक मामले में समझौता नहीं करने पर पंचों ने पीड़िता के परिवार को न केवल समाज से बहिष्कृत कर उसका हुक्का पानी बंद कर दिया, बल्कि 5 लाख रुपए का जुर्माना देने का भी फरमान सुना दिया।

Update: 2020-06-13 08:47 GMT

बाड़मेर: राजस्थान के बाड़मेर जिले में दरिंदगी की घटना सामने आई है। यहां रेप के एक मामले में समझौता नहीं करने पर पंचों ने पीड़िता के परिवार को न केवल समाज से बहिष्कृत कर उसका हुक्का पानी बंद कर दिया, बल्कि 5 लाख रुपए का जुर्माना देने का भी फरमान सुना दिया।

जिसके बाद से पीड़िता अब न्याय के लिए भटक रही है। उसने इस केस में एसपी से न्याय की मांग की है। इस पर एसपी ने आरोपी पंचों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के निर्देश जारी किये हैं।

दरअसल पूरा वाकया कुछ यूं हैं कि बाड़मेर जिले के गुड़ामालानी इलाके के एक गांव की पीड़िता ने पुलिस अधीक्षक को जो बयान दिया है, उसमें बताया गया है कि 22 जनवरी को वह अपने घर में अकेली थी।

तभी अणखिया निवासी दिनेश उर्फ देवाराम जाट घर में जबरन दाखिल हो गया जबरदस्ती उसके साथ दुष्कर्म किया, जाते वक्त उसने ये धमकी दी कि अगर किसी को बताया तो उसकी हत्या कर देगा। जिसके बाद पीड़िता ने गुड़ामालानी थाने में आरोपी के खिलाफ रेप का केस दर्ज कराया, इस पर पुलिस ने उसे धर दबोचा।

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जमानत पर बाहर आते ही शुरू की दबंगई

हद तो तब हो गई है जब पांच से छह महीने बाद जमानत मिलते ही आरोपी दिनेश ने आकर उसके साथ हाथापाई की और समझौते के लिए दबाव बनाया। जब लड़की के घरवालों ने ऐसा करने से मना किया तो आरोपी ने जातीय पंचों का सहारा लेकर पीड़ित परिवार को समाज से बहिष्कृत करा दिया।

जातीय पंचों ने पीड़ित परिवार का हुक्का-पानी बंदकर 5 लाख रुपए के आर्थिक दंड का फरमान सुना दिया। दुष्कर्म पीड़िता ने जातीय पंच सरपंच पति हड़मानराम विश्नोई, केवलचन्द जाट, खेताराम, देदाराम, श्रीराम और मेहाराम जाट सहित करीब डेढ़ दर्जन जातीय पंचों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है।

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