भाजपा नेतृत्व में बदलाव की मांग पर शाह के जवाब का इंतजार

Update: 2018-02-11 10:44 GMT

जयपुर : राजस्थान में भाजपा के एक नेता ने भाजपा अध्यक्ष अमित शाह से पार्टी को सत्ता में बनाए रखने के लिए राज्य में पार्टी नेतृत्व में बदलाव का अनुरोध किया है। उन्होंने इस सिलसिले में शाह को पत्र लिखा है और उनका कहना है कि वह अपने पत्र के जवाब का इंतजार कर रहे हैं।

भारतीय जनता पार्टी के कोटा जिले की पिछड़ा वर्ग शाखा के प्रमुख अशोक चौधरी, अमित शाह को पत्र लिखकर पिछले हफ्ते मीडिया की सुर्खियों में आ गए। पत्र में उन्होंने राजस्थान भाजपा नेतृत्व में बदलाव का आग्रह किया है।

उन्होंने आईएएनएस से कहा कि वह भाजपा के शीर्ष नेतृत्व के जवाब का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।

ये भी देखें : मिशन 2019 के लिए अमित शाह करेंगे शंखनाद, युवाओं को साधने की तैयारी

अशोक ने कहा, "मैं (पार्टी की) जयपुर टीम से न्याय मिलने की उम्मीद नहीं कर सकता, मेरी सारी उम्मीदें दिल्ली भाजपा टीम पर टिकी हुई हैं।"

उन्होंने कहा, "हाल ही में भाजपा के राज्य मुख्यालय में एक बैठक हुई, जहां नेतृत्व संकट के मसले पर स्पष्ट रूप से चर्चा हुई। मुझे लगता है कि आगामी विधानसभा चुनाव में पार्टी की विजय सुनिश्चित करने के लिए टीम बीच का रास्ता निकालने में व्यस्त है।"

राजस्थान में स्थिति को 'गंभीर' बताते हुए अशोक ने कहा कि पार्टी कार्यकर्ता अपनी समस्या लेकर विधायक के पास जाते हैं और विधायक सांसद के पास जाते हैं, लेकिन किसी के पास समस्या का समाधान नहीं है।

उन्होंने कहा कि अगर मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अशोक परनामी के नेतृत्व में राजस्थान में चुनाव लड़ा जाता है तो भाजपा को 2018 के विधानसभा चुनावों के साथ ही 2019 के लोकसभा चुनाव में भी हार का मुंह देखना होगा।

अशोक ने हालिया उपचुनावों में भाजपा की हार के लिए पार्टी में अंदरूनी कलह को जिम्मेदार ठहराया।

उन्होंने कहा, "कार्यकर्ता प्रेरणाहीन हो गए हैं, उन्होंने काम नहीं किया। वे मतदाताओं से अपील करने नहीं गए। क्रॉस वोटिंग बहुत ज्यादा हुई..इन सबके चलते पार्टी को पराजय का सामना करना पड़ा।"

अशोक ने कहा कि कार्यकर्ता गुलाम नहीं हैं, वे मेहनती हैं, जिन्होंने पार्टी को इतनी ऊंचाई पर पहुंचाया। इसलिए, यह एक मिथक है कि फलां कार्यकर्ता निचले दर्जे का है या फलां कार्यकर्ता ऊंचे कैडर का है। राजनीति में यह रैंकिंग मुश्किल से ही कोई अंतर लाती है।

ये भी देखें : सियासी यात्राओं के जरिए जनता की नब्ज टटोलने की कवायद में जुटे नेता

अशोक ने कहा कि इस उपचुनाव में हुई हार से सीखने के लिए अभी भी वक्त है। राज्य की राजनीति में 'गुलामी और साहबगिरी के रौब की संस्कृति को' खत्म करने का समय आ गया है।

अशोक के आरोपों पर टिप्पणी करने के लिए परनामी से संपर्क की कोशिश की गई लेकिन संपर्क हो नहीं सका।

राजस्थान में दो लोकसभा और एक विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में कांग्रेस को शानदारी जीत मिली है। इस नतीजे के अगले दिन अशोक चौधरी ने अमित शाह को पत्र लिखकर कहा था कि मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के काम करने के तरीके से राज्य के लोग खुश नहीं हैं।

Tags:    

Similar News