खाद्य सामग्री बांटते समय फोटो ली तो खैर नहीं, इस धारा के तहत होगी कार्रवाई

देश में जारी लॉकडाउन के बीच गरीबों को खाद्य सामग्री बांटते समय फोटो व सेल्फी लेने का चलन इन दिनों काफी बढ़ गया है। कई लोग सेल्फी लेकर सोशल मीडिया पर शेयर कर रहे हैं ताकि उन्हे वाहवाही मिल सके।

Update: 2020-04-11 15:14 GMT

अंशुमान तिवारी

झुंझुनूं। देश में जारी लॉकडाउन के बीच गरीबों को खाद्य सामग्री बांटते समय फोटो व सेल्फी लेने का चलन इन दिनों काफी बढ़ गया है। कई लोग सेल्फी लेकर सोशल मीडिया पर शेयर कर रहे हैं ताकि उन्हे वाहवाही मिल सके। राजस्थान के झुंझुनू जिले में इसे रोकने के लिए सख्त कदम उठाया गया है। जिलाधिकारी ने आदेश दिया है कि यदि अब किसी ने खाद्य सामग्री बांटते समय फोटो या सेल्फी ली तो उसके खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 188 के तहत कार्रवाई होगी।

डीएम ने दी सख्त चेतावनी

इस बाबत जिलाधिकारी उमर दीन खान ने सख्त आदेश जारी किया है। आदेश में कहा गया है कि लॉकडाउन के दौरान खाद्य सामग्री बांटते समय सेल्फी या फोटो खींचने पर अब पूर्ण पाबंदी होगी। डीएम ने कहा कि इस आदेश का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। डीएम ने लोगों से सोशल डिस्टेंसिंग का पूरी तरह पालन करने का भी अनुरोध किया।

सूखा राशन उपलब्ध कराएं

जिलाधिकारी ने अपने आदेश में दानदाताओं और एनजीओ को सलाह दी है कि वे तैयार भोजन की जगह जरूरतमंदों को सूखा राशन उपलब्ध कराएं। उन्होंने कहा कि ऐसा करने पर जरूरतमंद अपने हिसाब से भोजन तैयार कर सकेंगे। साथ ही हमें कोरोना वायरस के सामुदायिक फैलाव को रोकने में भी मदद मिलेगी।

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क्या है धारा 188

जब जिले के लोकसेवक द्वारा लागू विधान का उल्लंघन किया जाता है तब भारतीय दंड संहिता की धारा 188 के तहत कार्रवाई की जाती है। यह सरकारी आदेश के पालन में बाधा और अवज्ञा के तहत आता है। जब कोई व्यक्ति जनता के हित के लिए प्रशासन की ओर से लागू किसी नियम का उल्लंघन करता है तो प्रशासन उस पर धारा 188 के तहत कार्रवाई कर सकता है। लॉकडाउन का उल्लंघन करने वालों पर भी इसी धारा के तहत कार्रवाई की जा रही है।

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हो सकती है यह सजा

इस धारा के तहत सरकारी आदेश का उल्लंघन करने वाले को एक माह के साधारण कारावास या जुर्माना या दोनों सजाएं एक साथ हो सकती हैं। यदि किसी व्यक्ति द्वारा की गई अवज्ञा मानव जीवन, स्वास्थ्य व सुरक्षा के लिए खतरा पैदा करने वाली हो तब छह महीने के कारावास तक की सजा हो सकती है।

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