जन्मदिन विशेष: राजनाथ सिंह के वो 5 बयान जिन्हें सुनकर हर सैनिक को होगा गर्व
लखनऊ: देश के गृह मंत्री राजनाथ सिंह मंगलवार को अपना 67 वां जन्मदिन मना रहे है। इस खास मौके पर हम आपको गृह मंत्री द्वारा सेना के लिए कहे गए वो पांच बयानों के बारे में बताने जा रहा है जिसे सुनकर देश के हर सैनिक का सिर गर्व से उंचा हो जाएगा।
सेना के लिए कहीं थी ये खास बातें
सीआरपीएफ के जवान देश की रक्षा करते –करते अपने प्राणों का बलिदान दे देते है। उनके परिवार को जो तवज्जों -सुविधायें मिलनी चाहिए थी, वो अभी तक नहीं मिल पाई है, इसलिये हमने उनके बच्चों के पढ़ाई के लिए ‘सरोजनी दामोदरन स्कॉलरशिप’ योजना शुरू किया है।
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सेना और उनके परिवार से जुड़ी शिकायतें मेरे पास समय –समय पर आती रहती है। कुछ लोगों की शिकायतें रहती है कि उनके समस्या का त्वरित समाधान नहीं हो पाया है, इसलिए मंत्रालय एक मोबाइल एप डवलप किया गया है। ताकि उन्हें अपनी शिकायत पहुंचाने के लिए भटकना न पड़े।
गृहमंत्रालय में चार्ज संभालने के बाद मुझें अवगत कराया गया कि जब भी सेना का कोई जवान शहीद हो जाता है तब उसे बामुश्किल 50–60 लाख रूपये प्राप्त हो पाती है। मैंने 1 जनवरी ---2016 को ही घोषणा की कि अगर कोई जवान शहीद होता है तो उसके परिवार को 1 करोड़ से कम की मदद नही नहीं की जाएगी।
पहले देश के जवानों को सिली –सिलाई वर्दी मिल जाती थी, वो जैसी बॉडी में फिट होनी चाहिए थी वो नहीं पाती थी। इससे जवानों को परेशानी होती थी। इसलिए मंत्रालय ने उन्हें अब हर साल दस हजार रूपये वर्दी के लिए देने का काम कर रही है।
देश का होम मिनिस्टर बनने का बाद सभी राज्य सरकारों और सेंट्रल आर्म्ड फोर्सेज को सेना में वुमेन रिजर्वेशन कम से कम 33 परसेंट करने का आदेश जारी किया।
कौन है राजनाथ सिंह
- राजनाथ सिंह का जन्म 10 जुलाई 1951 में एक साधारण परिवार में हुआ था। 62 वर्षीय राजनाथ सिंह का वर्ष 1974 में जनसंघ के जिला सचिव पद से शुरू राजनीतिक सफर शुरु क्या हुआ। उन्होंने फिर कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा।
- आरएसएस के स्वयंसेवक से लेकर विद्यार्थी परिषद और भारतीय जनता युवा मोर्चा के शीर्ष पदों पर रहते हुए उन्होंने अपनी अनूठी कार्यशैली की छाप भी छोड़ी।
- भाजयुमो प्रदेशाध्यक्ष से लेकर राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने के सफर में उन्होंने युवाओं को भाजपा के पक्ष में एकजुट किया।
- राजनाथ सिंह की क्षमताओं का सही आंकलन उस वक्त हुआ जब कल्याण सिंह के मुख्यमंत्रित्व काल में वो बतौर शिक्षा मंत्री नियुक्त किये गये।
- उन्होंने यूपी बोर्ड परीक्षाओं में नकल पर नकेल कस अपनी अलग पहचान बना ली। 24 अक्टूबर 2000 में उन्होंने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ लिया।
- दो वर्ष से भी कम अवधि वाले मुख्यमंत्रित्व काल में राजनाथ सिंह को सामाजिक न्याय समिति गठित कर अति दलितों व अति पिछड़ों के लिए आरक्षण कोटा तय कराने के प्रयासों की खातिर याद किया जाता है।
छात्र नेता से राजनेता
सफेद कुर्ता पजामा और चमड़े की चप्पल पहनना बाहर से जितना आसान दिखाई देता है अंदर से यह उतना ही कठिन है। राजनाथ सिंह ने यह पहनावा युवा काल में ही अपना लिया था। राजनाथ सिंह अपने विद्यार्थी जीवन से ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सक्रिय कार्यकर्ता रहे। वे 1972 में मिर्जापुर शहर के संघकार्यवाहक बने। वर्ष 1967 से 1971 तक अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् गोरखपुर संभाग के संगठन सचिव भी रहे।
तारीखों में राजनाथ सिंह का सियासी सफर
- 1977 में मिर्जापुर से विधायक बने
- 1988 में BJP यूथ विंग के राष्ट्रीय अध्यक्ष
- 1991 में UP की पहली BJP सरकार में शिक्षा मंत्री
- 1994 में राज्यसभा पहुंचे
- 1997 में यूपी में BJP के प्रदेश अध्यक्ष
- 1999 में NDA सरकार में सड़क परिवहन मंत्री
- 2000-2002 तक यूपी के मुख्यमंत्री रहे
- 2005 से 2009 तक BJP के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे
- 2009 में लोकसभा चुनाव के दौरान राष्ट्रीय अध्यक्ष
- 2014 में NDA सरकार में केंद्रीय गृहमंत्री