सियाचिन में जवानों के हौसले को देख रक्षामंत्री राजनाथ ने किया सैल्यूट

इस दौरान राजनाथ ने कहा कि मैं आपके जज्बे को सलाम करता हूं, मेरे दिल के नीचे से आपकी वीरता। सशस्त्र बलों में जवानों और अधिकारियों में गर्व की भावना है, यह किसी भी मानव के दिल में सबसे मजबूत भावना है।

Update: 2019-06-03 03:22 GMT

नई दिल्ली: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह दुनिया के सबसे ऊंचे युद्धक्षेत्र-सियाचिन ग्लेशियर और जम्म-कश्मीर पहुंचे। इस दौरान वह जम्मू कश्मीर में आतंकवाद निरोधक अभियान का जायजा लेने के साथ ही पाकिस्तान से लगी सीमाओं पर सुरक्षा तैयारियों का जायजा लिया।

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यहां पहुंचने के बाद उन्होंने जवानों से बातचीत की और फिर प्रॉपर ब्रीफ़िंग के बाद वह बेस कैंप पर आए। यहां से वह थोइस बेस कैंप होते हुए कश्मीर के लिए निकल गए। कश्मीर में रक्षा मंत्री की ब्रीफ़िंग फिफ्टीन कोर के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल के जे एस डिलन ने की। ब्रीफिंग में कश्मीर के हालातों के साथ-साथ वहां होने वाली हलचल के बारे में भी बताया गया।

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बता दें कि यहां दिन में भी तापमान शुन्य से करीब 40 डिग्री कम होता है। यहां मौसम कब मौत में बदल जाए कोई नहीं जानता। सियाचिन में देश की सबसे ऊंची सरहद है और हिमालय की गोद में मौजूद सियाचिन दुनिया का सबसे ऊंचा और सबसे खतरनाक जंग का मैदान है। इसके एक ओर पाकिस्तान है तो दूसरी तरफ चालबाज चीन है।

इस दौरान राजनाथ ने कहा कि मैं आपके जज्बे को सलाम करता हूं, सशस्त्र बलों में जवानों और अधिकारियों में गर्व की भावना है, यह किसी भी मानव के दिल में सबसे मजबूत भावना है।

राजनाथ सिंह से पहले मोदी के पिछले कार्यकाल में रक्षा मंत्री रहीं निर्मला सीतारमण ने 2017 में जवानों के बीच ही दशहरा मनाया था। 2014 में तो खुद प्रधानमंत्री मोदी सियाचिन पहुंचे थे और जवानों के साथ दिवाली सेलिब्रेट की थी और अब राजनाथ सिंह सियाचिन पहुंचे।

 

बता दें कि सियाचिन किसी बर्फीले रेगिस्तान से कम नहीं है। यहां पारा मानइस 50 डिग्री तक गिर जाता है। बावजूद इसके जवान अपनी जान जोखिम में डालकर सरहद की हिफाजत में मुस्तैद रहते हैं।

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