Raksha Bandhan 2022: रक्षाबंधन में इन मन्त्रों के साथ शुभ मुहूर्त में बांधे राखी, अटूट रहेगा भाई -बहन का प्रेम

Raksha Bandhan 2022: ज्योतिषशास्त्र में रवि योग को अशुभ योगों के प्रभावों को नष्ट करने वाला बताया गया हैा। बता दें कि इस योग में राखी बांधने से भाई -बहन के रिश्ते को किसी की बुरी नजर नहीं लगेगी और उनका रिश्ता पहले से भी ज्यादा गहरा और मजबूत बनेगा।

Written By :  Preeti Mishra
Update:2022-07-21 17:04 IST

Raksha Bandhan 2022 (Image: Newstrack)

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Raksha Bandhan 2022 Date Mahurat : सावन की पूर्णिमा तिथि को राखी का त्योहार मनाया जाता है। इस साल सावन पूर्णिमा यानी रक्षा बंधन का त्योहार 11 अगस्त दिन गुरुवार को मनाया जाएगा। बता दें कि यह ख़ास दिन भाई - बहन के प्यार को समर्पित माना जाता है। इस दिन बहनें अपने भाइयों की कलाई पर राखी और रक्षासूत्र बांधकर भाई की लंबी आयु की कामना करती हैं। वहीं भाई राखी बंधवाने के बाद बहन की उम्र भर रक्षा करने का वचन देने के साथ आशीर्वाद स्वरूप कुछ गिफ्ट भी देते हैं।

उल्लेखनीय है कि हिंदू धर्म में रक्षा बंधन के त्योहार को भाई-बहन के अटूट प्रेम और रिश्ते का पुरजोर प्रतीक माना जाता है। ज्योतषशास्त्रियों के अनुसार इस वर्ष रक्षा बंधन के दिन रवि नामक योग पड़ने के कारण इस दिन का महत्व और भी ज्यादा बढ़ गया है। गौरतलब है कि ज्योतिषशास्त्र में रवि योग को अशुभ योगों के प्रभावों को नष्ट करने वाला बताया गया हैा। बता दें कि इस योग में राखी बांधने से भाई -बहन के रिश्ते को किसी की बुरी नजर नहीं लगेगी और उनका रिश्ता पहले से भी ज्यादा गहरा और मजबूत बनेगा।

आपको बता दें कि हिन्दू धर्म में सावन मास की पूर्णिमा को श्रावन पूर्णिमा और कजरी पूनम के भी नाम से जाना जाता है। उल्लेखनीय है कि प्राचीन काल में राखी को रक्षा सूत्र कहा जाता था लेकिन मध्यकाल में इसे राखी के नाम से जाना जाने लगा।

गौरतलब है कि वैदिक काल से ही रक्षा सूत्र बांधने की परंपरा चली आ रही है। हिन्दू शास्त्रों के अनुसार राखी के त्योहार में भद्रा का विशेष ध्यान रखा जाता है क्योंकि मान्यताओं के मुताबिक़ भद्रा काल में राखी बांधने को अशुभ बताया गया है। धार्मिक दृष्टि से भद्र को किसी भी शुभ काम में विघ्न पैदा करने वाला बताया गया है । इसलिए हमेशा कोशिश करनी चाहिए कि शुभ मुहूर्त में ही राखी बाँधी जाए।

रक्षा बंधन का शुभ मुहूर्त

ज्योतिषशास्त्रियों के अनुसार सावन मास की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि 11 अगस्त को सुबह 10 बजकर 38 मिनट पर शुरू हो रही है, जो 12 अगस्त को सुबह 07 बजकर 05 मिनट तक रहेगी। बता दें कि हिन्दू धर्म में सभी व्रत त्योहार उदया तिथि में ही मनाए जाते हैं इसलिए रक्षा बंधन का पर्व भी 11 अगस्त को ही मनाया जाएगा।

राखी बांधने का शुभ मुहूर्त सुबह 09 बजकर 28 मिनट से रात में 09 बजकर 14 मिनट तक रहेगा।

रवि योग सुबह 05 बजकर 48 मिनट से शुरू होकर सुबह 06 बजकर 53 मिनट तक रहेगा।

अमृत काल शाम 06 बजकर 55 मिनट से रात्रि 08 बजकर 20 मिनट तक रहेगा।

रक्षा बंधन पर राखी बांधने का शुभ मुहूर्त

रक्षा बंधन का पर्व 11 अगस्त दिन गुरुवार को मनाया जाएगा। इस दिन राखी बांधने का शुभ मुहूर्त सुबह 09 बजकर 28 मिनट से रात में 09 बजकर 14 मिनट तक रहेगा।

जाने राखी बांधने की शास्त्रीय विधि

मान्यताओं के अनुसार राखी बंधवाने के लिए भाई को हमेशा पूर्व दिशा और बहन को पश्चिम दिशा की ओर मुख करना चाहिए। कहा जाता है ऐसा करने से आपकी राखी को देवताओं का भी आशीर्वाद प्राप्त होता है।

राखी बंधवाते समय भाइयों को सिर पर रुमाल या कोई स्वच्छ वस्त्र होना भी आवश्यक है ।

भाई की दाहिने हाथ की कलाई पर ही बहन राखी बांधकर चंदन व रोली का तिलक लगाती हैं।

भाई के मस्तक पर तिलक लगाने के बाद अक्षत लगाकर आशीर्वाद के रूप में भाई के ऊपर कुछ अक्षत छींटें भी दें।

इसके बाद दीपक से आरती उतारकर बहन और भाई एक-दूसरे को मिठाई खिलाकर मुंह मीठा भी कराएं।

उपहार में भाई बहन को वस्त्र, आभूषण, धन या और कुछ अन्य उपहार देकर बहन के सुखी जीवन की कामना करते हुए उसे आशीर्वाद दे।

रक्षा बंधन : राखी बांधने समय इस का मंत्र का करे जप :

येन बद्धो बलि राजा, दानवेन्द्रो महाबल: तेन त्वाम् प्रतिबद्धनामि रक्षे माचल माचल:।

रक्षा बंधन : सिंदूर, रोली चंदन लगाते समय इस मंत्र का करे जप :

"सिन्दूरं सौभाग्य वर्धनम, पवित्रम् पाप नाशनम्। आपदं हरते नित्यं, लक्ष्मीस्तिष्ठति सर्वदा॥


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