Baba Ramdev: रामदेव की पतंजलि ने 14 आइटमों की बिक्री रोकी, सुप्रीम कोर्ट को दी जानकारी

Baba Ramdev: पतंजलि कंपनी ने जस्टिस हिमा कोहली और संदीप मेहता की पीठ को बताया कि उसने 5,606 फ्रैंचाइज़ी स्टोर को इन उत्पादों को वापस लेने के निर्देश जारी किए हैं

Report :  Network
Update:2024-07-09 16:13 IST

Baba Ramdev ( Social- Media- Photo)

Baba Ramdev: पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड ने सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया है कि उसने उन 14 प्रोडक्ट्स की बिक्री रोक दी है, जिनके उत्पादन के लाइसेंस अप्रैल में उत्तराखंड राज्य लाइसेंसिंग प्राधिकरण द्वारा निलंबित कर दिए गए थे।पतंजलि कंपनी ने जस्टिस हिमा कोहली और संदीप मेहता की पीठ को बताया कि उसने 5,606 फ्रैंचाइज़ी स्टोर को इन उत्पादों को वापस लेने के निर्देश जारी किए हैं। इसने कहा कि मीडिया प्लेटफॉर्म को भी इन 14 उत्पादों के किसी भी रूप में जारी विज्ञापनों को वापस लेने का निर्देश दिया गया है।

दो हफ्ते का समय

पीठ ने पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड को दो सप्ताह के भीतर एक हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया है। हलफनामे में बताना होगा कि क्या विज्ञापनों को हटाने के लिए सोशल मीडिया कम्पनियों से किए गए अनुरोध को स्वीकार कर लिया गया है और क्या इन 14 उत्पादों के विज्ञापन वापस ले लिए गए हैं। पीठ ने मामले की अगली सुनवाई 30 जुलाई को तय की है।



आईएमए की है याचिका

शीर्ष अदालत भारतीय चिकित्सा संघ (आईएमए) द्वारा दायर एक याचिका पर सुनवाई कर रही है, जिसमें पतंजलि द्वारा कोरोना टीकाकरण अभियान और आधुनिक चिकित्सा पद्धति को बदनाम करने का आरोप लगाया गया है।उत्तराखंड राज्य लाइसेंसिंग प्राधिकरण ने इससे पहले सर्वोच्च न्यायालय को बताया था कि पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड और दिव्य फार्मेसी के 14 उत्पादों के विनिर्माण लाइसेंस तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिए गए हैं।सर्वोच्च न्यायालय ने भ्रामक विज्ञापन मामले में रामदेव, उनके सहयोगी बालकृष्ण और पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड को जारी अवमानना ​​नोटिस पर 14 मई को अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था।


क्या है मामला

रामदेव का विज्ञापन अभियान एलोपैथिक दवाओं के खिलाफ था। वायरल हुए एक वीडियो में उन्होंने कहा था कि आधुनिक दवाओं ने लाखों मरीजों की जान ले ली है। अंत में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने रामदेव को चुनौती देते हुए एक याचिका दायर की और अगस्त 2022 में सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस जारी किया।पतंजलि ने कोर्ट में दिए अपने वचन का उल्लंघन करते हुए इस साल जनवरी तक भी वही आपत्तिजनक विज्ञापन जारी किए। यही वह समय था जब सुप्रीम कोर्ट ने इस साल 27 फरवरी को पतंजलि के खिलाफ अवमानना ​​का नोटिस जारी किया, कंपनी पर एक करोड़ रुपये का जुर्माना लगाने की चेतावनी दी और उसे इन दवाओं का विज्ञापन न करने के अपने वचन का उल्लंघन करने के लिए माफी मांगते हुए विज्ञापन जारी करने के लिए मजबूर किया।


Tags:    

Similar News