भाषाओं की दीवारें तोड़ देगा रिलायंस जियो का ‘AI बेस्ड स्किल डेवलेपमेंट’ सॉल्युशन, जाने क्या है खास

Reliance Jio: AI टेक्नोलॉजी बेस्ड स्किल डेवलेपमेंट सॉल्युशन जियो ने रेडिसिस के साथ साझेदारी में बनाया है।

Newstrack :  Network
Update: 2023-10-29 14:08 GMT

Reliance Jio AI based skill development solution

Reliance Jio: मुकेश अंबानी ने करीब दो माह पहले रिलायंस की AGM में ‘AI फॉर एवरीवन’ की वकालत की थी। तब किसी को अंदाजा नही था कि केवल दो महीनों में जियो स्वदेशी AI टेक्नोलॉजी की झलक दिख जाएगी। इंडिया मोबाइल कांग्रेस 2023 में जियो के AI टेक्नोलॉजी बेस्ड स्किल डेवलेपमेंट सॉल्युशन को देखा जा सकता है।

रियल टाइम में एक भाषा का कई भाषाओं में अनुवाद

जियो का AI बेस्ड स्किल डेवलेपमेंट सॉल्युशन, भाषाओं की दीवारें गिरा देता है। इसकी सबसे बड़ी खूबी है कि यह रियल टाइम में एक भाषा का कई भाषाओं में अनुवाद कर सकता है। अगर दिल्ली में बैठा कोई शिक्षक अंग्रेजी में ऑनलाइन पढ़ा रहा होगा तो चेन्नई, कोलकता, अहमदाबाद और मुंबई में बैठे छात्र इसे क्षेत्रिय भाषाओं यानी तमिल, बंग्ला, गुजराती और मराठी में सुन सकेंगे। अभी यह सॉल्युशन तमिल, कन्नड़, मराठी, गुजराती, बंगाली, तेलगु, मलयालम, अंग्रेजी और हिंदी जैसी नौ भारतीय भाषाओं को सपोर्ट करता है।

भाषाई सॉल्युशन का इस्तेमाल करना बेहद आसान

AI टेक्नोलॉजी बेस्ड स्किल डेवलेपमेंट सॉल्युशन जियो ने रेडिसिस के साथ साझेदारी में बनाया है। इस भाषाई सॉल्युशन का इस्तेमाल करना बेहद आसान है। जियो-मीट के जरिए जियो-रेडिसिस प्लेटफॉर्म लॉगइन कर, अपनी पसंदीदा भाषा का चुनाव करें। एक बार लॉगइन होने पर छात्र या प्रशिक्षु को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में हुई बातचीत का लाइव अनुवाद यानी ऑडियो और ट्रांसक्रिप्शन मिलने लगेगा। भविष्य की जरूरतों के लिए इस अनुवाद और ट्रांसक्रिप्शन को प्रिंट या डिजिटल तौर पर रखा जा सकता है। जियो के सॉल्युशन में कंटेंट शेयरिंग की भी सुविधा भी उपलब्ध है।

टू-वे इंटरैक्टिव कम्युनिकेशन

अनुवाद के साथ यह टू-वे इंटरैक्टिव कम्युनिकेशन को भी सपोर्ट करता है। इसका मतलब छात्र या प्रशिक्षु केवल सुन ही नही रहे होंगे वे चाहें तो अपनी क्षेत्रीय भाषाओं में सवाल भी पूछ सकेंगे। अगर मुंबई में बैठा कोई छात्र या प्रशिक्षु मराठी में सवाल करता है तो बाकी छात्र, शिक्षक या ट्रेनर उसे अपनी-अपनी पसंद की भाषा में सुन सकेंगे इससे पढ़ाई और प्रशिक्षण के अनुभव को इंटरैक्टिव और बेहतर बनाया जा सकता है।

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