आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत का बड़ा बयान, बोले- मणिपुर पर ध्यान दें, हिंसा रोकी जाए
Manipur Violence : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने हिंसा प्रभावित पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर के बारे में चेतावनी दी है। पिछले साल मई में हिंसा भड़कने के बाद पहली बार इस मुद्दे पर बोलते हुए भागवत ने कहा - मणिपुर एक साल से शांति का इंतजार कर रहा है। हिंसा रोकनी होगी और इसे प्राथमिकता देनी होगी।
Manipur Violence : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने हिंसा प्रभावित पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर के बारे में चेतावनी दी है। पिछले साल मई में हिंसा भड़कने के बाद पहली बार इस मुद्दे पर बोलते हुए भागवत ने कहा - मणिपुर एक साल से शांति का इंतजार कर रहा है। हिंसा रोकनी होगी और इसे प्राथमिकता देनी होगी।
केंद्रीय मंत्रियों में विभागों के आवंटन के कुछ ही मिनटों बाद आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने एक सख्त संदेश में मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार को याद दिलाया कि पूर्वी राज्य मणिपुर में कानून और व्यवस्था की समस्या को समयबद्ध तरीके से हल किया जाना चाहिए। मीतेई-कुकी संघर्ष पिछले साल 3 मई को शुरू हुआ था, जिस दिन उग्रवादियों के समर्थन से कुकी लोगों ने मीतेई गांवों पर हमला किया था।
नागपुर के रेशिमबाग में डॉ. हेडगेवार स्मृति भवन परिसर में एक कार्यक्रम में आरएसएस के प्रशिक्षुओं की एक सभा को संबोधित भागवत ने चुनावी बयानबाजी से ऊपर उठकर राष्ट्र के सामने आने वाली समस्याओं पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा - मणिपुर पिछले एक साल से शांति का इंतजार कर रहा है। 10 साल पहले मणिपुर में शांति थी। ऐसा लगा कि बंदूक संस्कृति खत्म हो गई है। लेकिन राज्य में अचानक हिंसा देखी जा रही है। आरएसएस प्रमुख ने कहा - मणिपुर की स्थिति पर प्राथमिकता के साथ विचार करना होगा।
राष्ट्र के मुद्दों पर ध्यान दें
भागवत ने चुनावी बयानबाजी से ऊपर उठकर राष्ट्र के सामने आने वाली समस्याओं पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि चुनाव आम सहमति बनाने की प्रक्रिया है और संसद में दोनों पक्षों को पेश करने की व्यवस्था है। उन्होंने चुनाव प्रचार के दौरान एक-दूसरे पर हमला करने, प्रौद्योगिकी के दुरुपयोग और गलत सूचनाओं के प्रसार की भी आलोचना की। भागवत ने सुझाव दिया कि "प्रतिपक्ष" शब्द की जगह "विरोधी" शब्द का इस्तेमाल किया जाना चाहिए।
पुलिस बल पर हमला
सोमवार की सुबह ही मणिपुर के सीएम एन. बीरेन सिंह के दौरे की तैयारी के लिए जिरीबाम गए मणिपुर पुलिस के एक अग्रिम सुरक्षा दल पर अज्ञात हथियारबंद बदमाशों ने हमला कर दिया था जिसमें वाहन के चालक सहित दो पुलिसकर्मी घायल हो गए। इसके पहले 9 जून को राज्यपाल अनुसुइया उइके ने दिल्ली में मणिपुर भवन में मुख्यमंत्री बीरेन से मुलाकात की और जिरीबाम जिले में मौजूदा स्थिति का जायजा लिया तथा उनसे वहां स्थिति को नियंत्रित करने के लिए हर संभव कदम उठाने को कहा था।
मणिपुर मुद्दे का स्थायी समाधान नहीं निकालने के लिए केंद्र सरकार की सामाजिक समूहों और नागरिक समाज संगठनों ने आलोचना की थी। कार्यकर्ताओं ने दोनों समुदायों के प्रभुत्व वाले क्षेत्रों के बीच बफर जोन बनाने की भी मांग की तथा कहा कि दोनों तरफ समान बल तैनात किया जाना चाहिए।