RSS leader Indresh Kumar Statement: ‘विवादित धार्मिक स्थलों को मुसलमान हिदुओं को सौंप दें’, आरएसएस नेता इंद्रेश कुमार का बड़ा बयान

RSS leader Indresh Kumar Statement: इंद्रेश कुमार ने कहा कि मुसलमानों और अन्य धर्मों के लोगों को स्वेच्छा से विवादित धार्मिक स्थलों को हिंदुओं को सौंप देना चाहिए।

Written By :  Krishna Chaudhary
Update:2023-12-13 10:42 IST

RSS leader Indresh Kumar Statement  (photo: social media )

RSS leader Indresh Kumar Statement: अयोध्या का राममंदिर – बाबरी मस्जिद विवाद खत्म होने के बाद अब सबकी नजर मथुरा के श्रीकृष्णजन्म भूमि और वाराणसी के ज्ञानवापी मस्जिद पर है। दोनों ही मामले फिलहाल अदालतों में हैं। इसके अलावा देश में कई और छोटे-बड़े धार्मिक स्थल हैं, जिसे लेकर दो धर्मों के बीच विवाद है। इस मुद्दे पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ नेता इंद्रेश कुमार का बड़ा बयान आया है।

कुमार ने कहा कि मुसलमानों और अन्य धर्मों के लोगों को स्वेच्छा से विवादित धार्मिक स्थलों को हिंदुओं को सौंप देना चाहिए। उन्होंने कहा कि विदेशी आक्रांताओं ने सनातन के अनुयायियों के मंदिरों को ध्वस्त कर दिया था। इसलिए ऐसे विवादित पूजा स्थलों को हिंदू समुदाय को सौंप देना चाहिए। इसकी पहल खुद मुसलमान और अन्य धर्मों के लोगों को करना चाहिए।

मोहन भागवत के बयान का मतलब समझाया

ज्ञानवापी मस्जिद विवाद जब चरम पर था तब आरएसएस के सरसंघचालक मोहन भागवत की ओर से एक बड़ा बयान आया था। उन्होंने कहा था कि हर मस्जिद में शिवलिंग को खोजने की जरूरत नहीं है। इस बयान का मतलब समझा गया कि संघ अब ऐसे विवादों को तूल नहीं देना चाहता। एक मीडिया एजेंसी से बात करते हुए इंदेश कुमार ने भागवत के बयान पर कहा कि उनका उद्देश्य आपसी संघर्ष को समाप्त करना था ताकि समाज नफरत और हिंसा से मुक्त होकर सोच विचार कर सके। उनका बयान बहुत स्पष्ट है, खोजने की जरूरत नहीं है, सच्चाई सबके सामने है। हर किसी को उस सच्चाई को स्वीकार करना चाहिए।

‘राम मंदिर को राष्ट्रीय मंदिर कहना उचित’

अयोध्या में बन रहे भव्य राम मंदिर को आरएसएस नेता इंद्रेश कुमार ने राष्ट्रीय मंदिर करार दिया है। उन्होंने कहा कि राम सभी के लिए हैं और सब में मौजूद हैं। भारत एक ऐसा राष्ट्र है, जो सभी धर्मों को स्वीकार करता है और उनका सम्मान करता है। इसलिए इसे राष्ट्रीय मंदिर कहना चाहिए। इंद्रेश कुमार आरएसएस के राष्ट्रीय कार्यकारी सदस्य होने के साथ-साथ मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के संयोजक भी हैं। इसलिए उनके बयानों को संघ परिवार के विचार के रूप में देखा जाता है।

बता दें कि अयोध्या में बन रहे रामलला के मंदिर का उद्घाटन अगले साल 22 जनवरी को होगा। जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बतौर मुख्य अतिथि शामिल होंगे।

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