Modi Cabinet Expansion: मोदी मंत्रिमंडल के विस्तार की सुगबुगाहट,शिवराज सिंह चौहान को मिल सकती है जगह, तोमर का कृषि मंत्रालय मिलने के कयास
Modi Cabinet Expansion: मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने इस बार कमाल का प्रदर्शन किया है। मध्य प्रदेश में भाजपा और कांग्रेस के बीच कड़ा मुकाबला माना जा रहा था।
Modi Cabinet Expansion: पांच राज्यों में विधानसभा का चुनाव खत्म होने के बाद मोदी मंत्रिमंडल का छोटा सा विस्तार किए जाने की संभावना है। इस विस्तार के दौरान मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को मोदी सरकार में जगह मिल सकती है। उन्हें नरेंद्र सिंह तोमर का कृषि मंत्रालय सौंपा जा सकता है।
मध्य प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा को भी केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल किया जा सकता है। मध्य प्रदेश के चुनाव परिणाम से केंद्रीय नेतृत्व काफी गदगद है और ऐसे में मध्य प्रदेश के इन दो बड़े चेहरों को बड़ा इनाम मिलने की संभावना जताई जा रही है।
भाजपा की जीत में शिवराज का बड़ा योगदान
मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने इस बार कमाल का प्रदर्शन किया है। मध्य प्रदेश में भाजपा और कांग्रेस के बीच कड़ा मुकाबला माना जा रहा था। कई सर्वे में कांग्रेस को भाजपा से आगे बताया जा रहा था मगर भाजपा ने बड़ी जीत हासिल करते हुए कांग्रेस को पूरी तरह बैकफुट पर धकेल दिया है। मध्य प्रदेश में इस बार 230 विधानसभा सीटों में से भाजपा ने 163 सीटों पर जीत हासिल की है जबकि कांग्रेस 66 सीटों पर सिमट गई है।
मध्य प्रदेश में मिली इस बड़ी चुनावी जीत में पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की बड़ी भूमिका मानी जा रही है। विधानसभा चुनाव के दौरान शिवराज सिंह चौहान ने धुंआधार प्रचार किया था और 160 से अधिक रैलियों को संबोधित किया था।
इसके साथ ही शिवराज की लाडली बहना और अन्य योजनाओं की भी भाजपा की चुनावी जीत में बड़ी भूमिका मानी जा रही है। शिवराज की योजनाओं के कारण ही भाजपा महिलाओं का बंपर समर्थन पाने में कामयाब रही है।
शिवराज के पुनर्वास के लिए केंद्रीय नेतृत्व गंभीर
मध्य प्रदेश में भाजपा ने नेतृत्व परिवर्तन करते हुए इस बार मोहन यादव को मुख्यमंत्री पद की कमान सौंपी है। ऐसे में भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व शिवराज सिंह चौहान के पुनर्वास को लेकर काफी गंभीर है। शिवराज सिंह चौहान को पहले भी मोदी कैबिनेट में शामिल किए जाने की संभावना जताई जा रही थी मगर कर्नाटक के विधानसभा चुनाव में भाजपा की पराजय के बाद पार्टी ने यूटर्न ले लिया था।
पार्टी नेताओं का मानना था कि पूर्व मुख्यमंत्री येदियुरप्पा को हटाए जाने के कारण भाजपा को कर्नाटक में हार का सामना करना पड़ा। यदि वे मुख्यमंत्री बने रहते तो चुनाव नतीजे कुछ और हो सकते थे। इसी कारण शिवराज सिंह चौहान को मध्य प्रदेश से हटाने का फैसला टाल दिया गया था।
शिवराज को मिल सकता है कृषि मंत्रालय
मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में भाजपा नेतृत्व ने कई केंद्रीय मंत्रियों और सांसदों को भी चुनावी अखाड़े में उतारा था। कृषि मंत्री रहे नरेंद्र सिंह तोमर मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनाव में विजयी हुए हैं और उन्हें विधानसभा के स्पीकर पद की जिम्मेदारी सौंपने का फैसला किया गया है। ऐसे में माना जा रहा है कि शिवराज सिंह चौहान को केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल करके उन्हें कृषि मंत्रालय की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है।
शिवराज सिंह चौहान को मुख्यमंत्री पद से हटाए जाने के कारण मध्य प्रदेश में मतदाताओं का एक बड़ा तबका नाराज बताए जा रहा है और इसी कारण केंद्रीय नेतृत्व जल्द से जल्द उनका पुनर्वास करना चाहता है। भाजपा नेतृत्व 2024 की सियासी जंग के मद्देनजर कोई खतरा नहीं माल लेना चाहता। इस कारण शिवराज को जल्द ही मोदी कैबिनेट में शामिल किया जा सकता है।
विष्णु दत्त शर्मा भी हो सकते हैं केंद्रीय मंत्री
मध्य प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा के कुशल चुनाव प्रबंधन से भी केंद्रीय नेतृत्व खुश है और इस कारण माना जा रहा है कि उन्हें भी मोदी कैबिनेट में जगह मिलेगी। मध्य प्रदेश में चुनाव जीतने के बाद प्रहलाद पटेल भी इस्तीफा दे चुके हैं। एक और केंद्रीय मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते को मध्य प्रदेश में चुनावी हार का सामना करना पड़ा है। इस कारण उन्हें भी मोदी सरकार से हटाया जा सकता है। ऐसे में विष्णु दत्त शर्मा के लिए भी संभावनाएं बनी हुई हैं।
राजस्थान और छत्तीसगढ़ पर भी निगाहें
भाजपा सूत्रों का कहना है कि मध्य प्रदेश के इन दोनों नेताओं को केंद्र में बड़ी जिम्मेदारी देकर भाजपा नेतृत्व 2024 के लोकसभा चुनाव में पार्टी की चुनावी संभावनाओं को मजबूत बनाने के प्रति काफी गंभीर है। इस कारण माना जा रहा है कि जल्द ही इस दिशा में कदम उठाए जा सकता है।
राजस्थान और छत्तीसगढ़ में भी भाजपा ने बड़ी चुनावी जीत हासिल की है। इन दोनों राज्यों में कई सांसद भी चुनाव जीतने में कामयाब रहे हैं और ऐसे में यह देखने वाली बात होगी कि इन दोनों राज्यों के किन नेताओं को केंद्र में जगह मिलती है।